कोरोना की वजह से देश में इंडस्ट्रियल उत्पादन में भारी गिरावट देखने को मिली है। सरकार की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक जून के दौरान 8 कोर इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट में 15 प्रतिशत की भारी गिरावटआई है।
मार्च के आखिरी हफ्ते में लॉकडाउन शुरू होने से उत्पादन पर पड़ा बुरा असर
जनवरी माह में देश का औद्योगिक उत्पादन की दर बढ़कर 2 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले समान माह में 1.6 प्रतिशत थी।
दिसंबर के दौरान देश में औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार घटी है
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान आईआईपी की वृद्धि दर 0.6 प्रतिशत रही, 2018-19 की समान अवधि में यह वृद्धि दर 5 प्रतिशत थी।
बिजली उत्पादन भी आलोच्य महीने में 2.6 प्रतिशत घटा, जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 8.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
आईआईपी में 77 प्रतिशत योगदान वाले विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन अगस्त 2019 के दौरान 1.2 प्रतिशत घट गया।
आठ प्रमुख उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उवर्रक, इस्पात, सीमेंट और बिजली शामिल हैं। पिछले साल अगस्त में इन क्षेत्रों का उत्पादन सालाना आधार पर 4.7 प्रतिशत ऊंचा रहा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां शनिवार को औरंगाबाद औद्योगिक शहर (औरिक) का उद्घाटन किया। यह देश का पहला नया स्मार्ट औद्योगिक शहर है और 10 हजार एकड़ में फैला हुआ है। यह दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गालियारे का हिस्सा है।
जून महीने में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर पिछले साल के 6.90 प्रतिशत की तुलना में गिरकर 1.20 प्रतिशत पर आ गई।
उद्योग जगत की हस्तियों ने उत्तर प्रदेश को निवेश का पसंदीदा स्थल बताते हुए आने वाले समय में बड़ी परियोजनाओं के साथ राज्य में हजारों करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया।
खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति जून में इससे पूर्व महीने के मुकाबले मामूली रूप से बढ़कर 3.18 प्रतिशत पर पहुंच गई।
देश के शीर्ष उद्योगपतियों की बजट 2019-20 पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति एक महीना पहले फरवरी में 2.57 प्रतिशत रही थी जबकि एक साल पहले मार्च में यह 4.28 प्रतिशत पर थी।
डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के हालिया आर्थिक पूर्वानुमान में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के फरवरी 2019 में 3 से 3.20 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान व्यक्त किया गया।
औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर जनवरी महीने में धीमी पड़कर 1.7 प्रतिशत रह गई। विनिर्माण क्षेत्र, विशेषरूप से पूंजीगत सामान और उपभोक्ता सामान क्षेत्र के सुस्त प्रदर्शन की वजह से आईआईपी की वृद्धि दर कम हुई है।
नवंबर, 2018 के औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर के आंकड़ों को नीचे की ओर संशोधित कर 0.3 प्रतिशत कर दिया गया है।
इससे पहले जून, 2017 में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर एक प्रतिशत के निचले स्तर पर रही थी।
खनन क्षेत्र के उत्पादन में गिरावट तथा पूंजीगत वस्तुओं के कमजोर प्रदर्शन से अगस्त महीने में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि धीमी पड़कर 4.3 प्रतिशत रह गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को प्रौद्योगिकी विकास से रोजगार घटने की आशंका को दरकिनार करते हुए कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति से रोजगार की प्रकृति बदल जाएगी और इससे रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे।
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