पूंजीगत सामान उत्पादन में गिरावट तथा खनन गतिविधियां कमजोर पड़ने के कारण देश का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) मार्च महीने में 4.4 प्रतिशत बढ़ा। औद्योगिक उत्पादन में पांच महीने में यह सबसे निम्न वृद्धि दर है।
शुरुआती कारोबार में ही सेंसेक्स 33,123.44 के निचले स्तर तक लुढ़क गया था और फिलहाल 28.33 प्वाइंट घटकर 33,199.16 पर कारोबार कर रहा है
आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के साथ-साथ टिकाऊ उपभोक्ता सामान खंड में गिरावट से भी आलोच्य महीने में औद्योगिक वृद्धि प्रभावित हुई।
आज जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में देश की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि (आईआईपी) दर नौ महीने के उच्च स्तर 4.3 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
जापान की वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी नोमूरा ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की GDP ग्रोथ रेट 7.1 फीसदी रहने का अनुमान है।
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर मई में घटकर 5 महीने के निचले स्तर 2.17% पर आ गई। मुख्यतौर पर सब्जियों के दाम घटने से मुद्रास्फीति में यह गिरावट आई है।
सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक (WPI) और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) का आधार वर्ष बदलकर 2011-12 कर दिया है। इनके लिए पहले आधार वर्ष 2004-05 था।
चीन की GDP चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6.8 प्रतिशत रह सकती है। गोल्डमैन सैक्स ने यह अनुमान जताया है। पिछले साल आर्थिक वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत थी।
जनवरी में औद्योगिक उत्पादन (IIP) में तेजी लौटी है और इसमें सालाना आधार पर 2.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। कैपिटल गुड्स सेगमेंट ने बेहतर प्रदर्शन किया।
बढ़ते बैड लोन की समस्या एक गंभीर चिंंता बनी हुई है। इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन घट रहा है और बेरोजगारी पिछले पांच साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
सरकार और अर्थव्यवस्था के लिए यह खबर झटका देने वाली है। मई में आठ बुनियादी कोर सेक्टर की वृद्धि दर घटकर 2.8 फीसदी रही है। पिछले साल यह दर 4.4 फीसदी थी।
सरकार औद्योगिक उत्पादन और थोकमूल्य संबंधी संशोधित सूचकांक लेकर आएगी ताकि उन्हें बदलते आर्थिक परिदृश्य के ज्यादा अनुकूल संकेतक बनाया जा सके।
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