आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा उद्योगों का उत्पादन जनवरी, 2023 में इससे पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 7.8 प्रतिशत बढ़ा है। यह इसका चार माह का उच्चस्तर है।
विनिर्माण, उपभोक्ता सामानों और बिजली क्षेत्र में तेजी से अक्टूबर 2020 में औद्योगिक उत्पादन 3.6 प्रतिशत बढ़कर आठ माह के उच्च स्तर पर पहुंच गया।
जनवरी माह में देश का औद्योगिक उत्पादन की दर बढ़कर 2 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले समान माह में 1.6 प्रतिशत थी।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान आईआईपी की वृद्धि दर 0.6 प्रतिशत रही, 2018-19 की समान अवधि में यह वृद्धि दर 5 प्रतिशत थी।
आईआईपी में 77 प्रतिशत योगदान वाले विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन अगस्त 2019 के दौरान 1.2 प्रतिशत घट गया।
आठ प्रमुख उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उवर्रक, इस्पात, सीमेंट और बिजली शामिल हैं। पिछले साल अगस्त में इन क्षेत्रों का उत्पादन सालाना आधार पर 4.7 प्रतिशत ऊंचा रहा था।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति एक महीना पहले फरवरी में 2.57 प्रतिशत रही थी जबकि एक साल पहले मार्च में यह 4.28 प्रतिशत पर थी।
इससे पहले जून, 2017 में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर एक प्रतिशत के निचले स्तर पर रही थी।
विनिर्माण एवं खनन क्षेत्र में नरमी तथा टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद के उत्पादन में गिरावट के चलते अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर गिर कर 2.2 प्रतिशत पर आ गई।
मई में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 1.7 प्रतिशत रही, पिछले साल समान महीने में यह 8% पर थी। अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 3.1 प्रतिशत थी।
8 नवंबर को सरकार द्वारा की गई नोटबंदी की घोषणा का असर दिसंबर के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) पर बुरी तरह पड़ा है। दिसंबर में (-)0.4 फीसदी रहा है।
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