जीएसटी को एक साहसिक नया प्रयोग बताते हुए आर्थिक समीक्षा में भूमि एवं अन्य अचल संपत्ति को इस अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के अंतर्गत लाने पर जोर दिया गया है।
GSTपरिषद के हाल के फैसलों का विरोध करते हुए इनडायरेक्ट टैक्स अधिकारियों के विभिन्न संगठनों ने असहयोग आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि जीएसटी व्यवस्था में अधिकार और दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर निर्णय हो गया है। हालांकि, अब एक जुलाई से लागू होगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर अवधि में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर वसूली में अच्छी वृद्धि हुई है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को इस बात के संकेत दिए कि भविष्य में डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स रेट्स में कटौती हो सकती है।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर के दौरान इनडायरेक्ट टैक्स संग्रहण में 26.2 प्रतिशत का उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। डायरेक्ट टैक्स 15.12 प्रतिशत बढ़ा।
टाटा मोटर्स और किंगफिशर एयरलाइंस पर भारी-भरकम टैक्स बकाया है। इन चारों कंपनियों में से प्रत्येक पर 1000 करोड़ रुपए का इनडायरेक्ट टैक्स बकाया है।
GST काउंसिल ने GST के रेट 5, 12, 18 और 28 फीसदी तय किए हैंं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि GSTमें 12 फीसदी और 18 फीसदी स्टैंडर्ड रेट होंगे।
वित्त मंत्रालय ने CBEC अधिकारियों को आश्वस्त किया है कि नई GST व्यवस्था में अप्रत्यक्ष कर विभाग के कार्यबल में कोई कटौती नहीं होगी।
मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 25.9 प्रतिशत बढ़कर 4.08 लाख करोड़ रुपए हो गया। उत्पाद शुल्क में 46 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
सरकार को टैक्स कलेक्शन में बड़ी सफलता हाथ लगी है।अप्रैल-जुलाई अवधि में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 24.01 प्रतिशत बढ़कर 1.59 लाख करोड़ रुपए रहा।
पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि करने के चलते चालू वित्त वर्ष के पहले महीने अप्रैल में इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 42 फीसदी बढ़ गया है।
केंद्रीय उत्पाद शुल्क संग्रह में बढोतरी के चलते अप्रैल महीने में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 41 फीसदी बढ़कर 64,394 करोड़ रुपए हो गया।
मुकदमेबाजी कम करने के लिए वित्त मंत्रालय ने अप्रत्यक्ष कर मामलों में विभाग की तरफ से विभिन्न स्तर पर अपील दायर करने की मौद्रिक सीमाएं ऊंची कर दी है।
केंद्र सरकार की इनडायरेक्ट टैक्स वसूली वित्त वर्ष 2015-16 के संशोधित लक्ष्य 7.04 लाख करोड़ रुपए से भी आगे निकल गई है।
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