भारत की पहली और अब तक की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनके मजबूत इरादों के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि उन्हें ‘आयरन लेडी ऑफ इंडिया’ के नाम से भी जाना जाता है।
भारत की महिला प्रधानमंत्री और देश की आयरन लेडी कही जाने वाली इंदिरा गांधी की आज यानी 31 अक्टूबर 2024 को 40वीं पुण्यतिथि है। आइए आज आपको बताते हैं कि आइरन लेडी के बारे में कुछ खास बातें-
फिरोज ने पहली बार 1933 में इंदिरा के सामने शादी का प्रस्ताव रखा था। शुरुआत में इंदिरा और उनकी मां ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया। मगर फिरोज, नेहरू परिवार के करीब आ गए, खासकर इंदिरा की मां कमला नेहरू के।
8 सितंबर 1960 को वेलिंगटन अस्पताल में फिरोज गांधी का निधन हुआ था। वह पारसी धर्म से ताल्लुक रखते थे लेकिन उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाजों से हुआ था। उनके बेटे राजीव गांधी ने उन्हें मुखाग्नि दी थी।
कंगना रनौत की 'इमरजेंसी' से पहले विद्या बालन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर एक वेब सीरीज बनने का प्लान बना रही थीं, जिसे सागरिका घोष की 2017 की किताब से लिया गया था। इंदिरा गांधी की इस अपकमिंग सीरीज की रिलीज पर रोक लगा दी है।
'इमरजेंसी' को लेकर विवादों का सामना कर रहीं कंगना रनौत ने एक नया प्रोजेक्ट भी साइन कर लिया है। अभिनेत्री-राजनेता कंगना ने अपनी नई फिल्म 'भारत भाग्य विधाता' की घोषणा की है। अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम पर कई तस्वीरें पोस्ट करते हुए यह बड़ी जानकारी दी।
मेनका गांधी जिन्हें आज आप एक नेता के रूप में जानते हैं वो एक मॉडल और एक पत्रकार भी रह चुकी हैं। राजनीति में तो हैं लेकिन भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की बहू गांधी परिवार की विरासत नहीं संभाल रहीं। मेनका जब मॉडलिंग कर रही थीं तब उनकी एक तस्वीर को देखकर संजय गांधी को उनसे मोहब्बत हो गई थी।
कर्नाटक कांग्रेस के विधायक रिजवान अरशद ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है और पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की तरह बांग्लादेश में सैन्य कार्रवाई करने की अपील की है। आइए जानते हैं ये पूरा मामला।
फिल्म 'इमरजेंसी' में कंगना रनौत इंदिरा गांधी का किरदार निभाती नजर आएंगी, लेकिन कंगना से पहले भी कई अभिनेत्रियां स्क्रीन पर इंदिरा गांधी का किरदार निभा चुकी हैं। कंगना की फिल्म 'इमरजेंसी' 6 सितंबर 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
डीजीसीए ने वॉर रूम के सक्रिय होने की पुष्टि की है जिससे डीआईएएल और एयरलाइंस के बीच घनिष्ठ समन्वय की सुविधा होगी।
दिल्ली एयरपोर्ट की छत गिरने की घटना में 1 की मौत हो गई है वहीं, 8 लोग घायल हैं। इस मामले पर भारी हंगामा जारी है। अब दिल्ली एयरपोर्ट ने इस घटना पर सफाई जारी की है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी और कांग्रेस तानाशाह बन गई थी। कांग्रेस ने संविधान को कुचलकर और संविधान में संशोधन करने की कोशिश कर के लोकतंत्र का गला घोंटा था।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के मुंह से 'इमरजेंसी' का शब्द सुनते ही देश के लोग सन्न रह गए थे। उन्हें कुछ नहीं पता था कि अब क्या होने वाला है? इमरजेंसी के बाद विपक्षी नेताओं को चुन-चुन कर गिरफ्तार किया गया और उन्हें जेल में डाल दिया गया था।
राहुल गांधी वायनाड सीट से इस्तीफा देंगे और रायबरेली सीट अपने पास रखेंगे जबकि उपचुनाव के जरिए प्रियंका गांधी वाड्रा संसदीय राजनीति में अपनी चुनावी पारी की शुरुआत करेंगी और वायनाड सीट से चुनाव लड़ेंगी। दक्षिण भारत से गांधी परिवार का खास नाता रहा है।
केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी केरल की त्रिशूर लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर संसद पहुंचे हैं। फिल्म अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी ने केरल में पहली बार बीजेपी को लोकसभा में चुनावी जीत दिलाई है। इसके साथ ही वह केंद्र सरकार में मंत्री भी बनाए गए हैं।
नरेंद्र मोदी 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री के पद पर कौन रहा है। हालांकि बता दें कि इस लिस्ट में नरेंद्र मोदी का नाम भी शामिल है। नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले रहे हैं।
आज भारत के पास जो परमाणु बम है, वो न होता अगर 18 मई 1974 को देश के महान वैज्ञानिकों ने उसका सफलतापूर्वक परीक्षण न किया होता। ये कहानी है भारत के पहले परमाणु बम परीक्षण की, जिसे नाम दिया गया ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा
25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी। इस दौरान कांग्रेस सरकार की कई नीतियों की आलोचना हुई लेकिन लोग सबसे ज्यादा नसबंदी अभियान से खफा हुए।
साल 1977 में गिरफ्तारी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी हाथ में हथकड़ी लगवाने के लिए अड़ गई थीं। उन्हें निजी मुचलका भी देने से इनकार कर दिया था।
एक राजनीतिक पार्टी अपने शीर्ष नेताओं की लोकप्रियता को भुनाने की कोशिश में उन्हें एक से अधिक राज्यों से मैदान में उतारती है ताकि उनकी लोकप्रियता से अधिकतम मतदाताओं को अपने पक्ष में किया जा सके। आज हम उन नेताओं के बारे में बताएंगे जिन्होंने दो या दो से अधिक राज्यों से लोकसभा चुनाव लड़ा है।
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