America News: अमेरिका में पढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों में भारतीय छात्रों की संख्या करीब 20 प्रतिशत है और इस आंकड़े के आगामी वर्षों में और बढ़ने का अनुमान है। भारत में अमेरिकी दूतावास की प्रभारी राजदूत पेट्रीसिया लैसिना ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
America inflation: अमेरिका (America) में भी बढ़ती महंगाई भी इन छात्र-छात्राओं के लिए एक बड़ी समस्या बनती जा रही है।
China issuing visa for Indian students: इन दिनों भारत और चीन के बीच कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है। चीन अंतरराष्ट्रीय समझौतों का भी उल्लंघन कर रहा है। वह श्रीलंका से लेकर नेपाल औ पाकिस्तान, अफगानिस्तान के रास्ते भारत की घेराबंदी करने में जुटा है।
Britain jobs: समझौते से दोनों देशों के हजारों युवाओं को लाभ होने की उम्मीद है। यह कदम द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की उनकी 10 वर्षीय रूपरेखा का एक हिस्सा है।
China Lifts Covid Visa Ban on Indians: चीन सरकार चीनी यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे उन हजारों भारतीय स्टूडेंट्स के आवेदनों का भी निपटारा कर रही है, जिन्होंने पढ़ाई के लिए अपने कॉलेज और यूनिवर्सिटी में लौटने की इच्छा जताई है।
पाकिस्तान जाकर तकनीकी, शिक्षा उच्च शिक्षा या अन्य किसी भी प्रकार का कोर्स करने वाला भारतीय छात्र भारत में नौकरी अथवा आगे की पढ़ाई के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला नहीं ले सकेगा।
हरजोत सिंह दिल्ली के छतरपुर निवासी है, वहीं यूक्रेन से जब निकलने की कोशिश कर रहे थे तब उनपर गोलियां चलाई गई और वह घायल हो गए। इसके बाद 4 दिन बेहोश रहने के बाद उन्होंने अपने परिजनों से संपर्क किया।
यूक्रेन में एमबीबीएस की डिग्री लेने में औसत 6 साल लगते हैं और इंटर्नशिप के लिए दो वर्ष अतिरिक्त रखते हुए किसी उम्मीदवार को लाइसेंस के आवेदन के लिए 10 साल की अवधि में केवल दो साल बचते हैं। हालांकि मौजूदा संकट में यह कहना कठिन है कि प्रभावित विद्यार्थियों को पढ़ाई पूरी करने के लिए यूक्रेन लौटने की कब अनुमति मिलेगी।
Russia Ukraine News: रूस और यूक्रेन के बीच करीब 13 दिन से युद्ध जारी है। इस कारण भारतीय छात्रों के जगह-जगह फंसने की खबरें आईं। हालांकि, भारत सरकार ऑपरेशन गंगा के तहत छात्रों को निकाल भी रही है।
स्वदेश लौटने वाले छात्रों के चेहरे पर हम वतन लौटने का सुकून तो है, लेकिन सकुशल घर लौटने वाले छात्रों को अब उनके करियर की चिंता भी सताने लगी है। इधर, बच्चों के अभिभावकों को भी उनके भविष्य को लेकर असुरक्षा की भावना पनप रही है।
जिन बच्चों को अरमानों से विदेश पढ़ने भेजा था वो एक बिस्किट और एक चम्मच चावल पर दिन काटने को मजबूर हुए।
यूक्रेन के राष्ट्रपति के सलाहकार मायखाइलो पोडोलीक के अनुसार, दोनों पक्ष मिलकर नागरिकों को निकालने के लिए मानवीय गलियारा प्रदान करेंगे।
राहुल गांधी और पार्टी के कुछ अन्य सांसद यूक्रेन संकट को लेकर बुलाई गई विदेश मंत्रालय की परामर्श समिति की बैठक में शामिल हुए।
देहरादून के जिला चिकित्सालय में वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. डीपी जोशी के बेटे अक्षत खारकीव में एमबीबीएस कर रहे हैं। वहां हालात बिगड़ने पर उन्होंने मैट्रो स्टेशन के बेसमेंट में शरण ली थी। डॉ. जोशी ने बताया कि उनकी मंगलवार सुबह अक्षत से बात हुई। अक्षत समेत दस भारतीय छात्र खारकीव से निकल गए हैं।
चंदन जिंदल के चाचा कृष्ण गोपाल ने बरनाला में कहा कि उन्हें 3 फरवरी को उसके खराब स्वास्थ्य की सूचना मिली थी।
भारत पहुंची छात्रा ने बताया कि हड्डियां कंपा देने वाली ठंड झेलते हुए मेडिकल विद्यार्थी पैदल चलकर पोलैंड सरहद के पास पहुंचे लेकिन वहां तैनात यूक्रेनी सैनिकों ने उन्हें सीमा चौकी पार करने की तुरंत अनुमति नहीं दी।
भारतीय दूतावास की ओर से जारी की गई दूसरी एडवाइजरी में कहा गया कि बिगड़ते हालातों को देखते हुए खारकीव में मौजूद सभी भारतीयों की सुरक्षा के लिए फिर दोहराया जा रहा है कि वह खारकीव छोड़ दें।
राजस्थान की मंत्री ने कहा, ‘‘अभी तक जो पहचान की गई है, एक हजार से ज्यादा...1008 राजस्थानी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। आज सुबह तक लौटने वालों की गिनती 207 पर पहुंच गई है।’’
यूक्रेन के खारकीव में भारतीयों के लिए इमरजेंसी एडवाइजरी जारी की गई है। एडवाइजरी में भारतीय छात्रों को कहा गया है कि जल्द से जल्द खारकीव से भारतीय छात्र बाहर निकलें और जितनी जल्दी हो सके पेसोचीन या बाबाय की तरफ पहुंच जाएं।
यूक्रेन से अंबाला पहुंची नेहा ने बताया कि अब वहां पर हालात बहुत ज्यादा खराब है। पहले सीविलियंस पर कोई हमला नहीं होता था, लेकिन अब वह भी होने लगा है। हम 6 लोगों ने मिलकर ग्रुप में निकलने का फैसला किया और इस दौरान रोमानिया बॉर्डर तक पहुंचने के लिए कई बार ट्रेन और कई बार बसें बदली।
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