स्मृति ईरानी ने कहा, करीब 220 छात्र तुर्की की राजधानी इस्तांबुल के रास्ते आये हैं। मैंने जब एक लड़की से पूछा कि वह किस राज्य की है तो उसने कहा कि वह भारतीय है। तनाव के कारण वे अब भी यह भरोसा नहीं कर पा रहे हैं कि वे भारत आ गये हैं। हमने यह सुनिश्चित किया कि वे अपने माता-पिता के साथ बात करें।
रोमानिया के बुखारेस्ट पहुंचे भारतीय छात्रों ने बताया कि तिरंगे का सहारा लेकर उनके साथ-साथ पाकिस्तान और तुर्की के छात्र भी यूक्रेन की सीमा से बाहर निकलने में सफल रहे।
रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद भारत युद्धग्रस्त देश में फंसे अपने नागरिकों को 27 फरवरी से रोमानिया और हंगरी के रास्ते स्वदेश ला रहा है।
भारत में करीब 8 लाख छात्र एमबीबीएस के लिए परीक्षा देते हैं लेकिन इनमें से महज 1 लाख छात्रों को ही भारतीय मेडिकल कॉलेजों में दाखिला मिल पाता है। यही कारण है कि हर वर्ष हजारों की तादाद में भारतीय छात्रों को यूक्रेन समेत अन्य देशों का रुख करना पड़ता है।
यूक्रेन के खारकीव में रूस ने बहुत बड़ा हमला किया है। खारकीव में शहर के बीचों-बीच बड़ा धमाका हुआ है। रूस ने खारकीव के सेंट्रल स्क्वॉयर पर बम गिराया है।
वर्तमान में कोटद्वार क्षेत्र के चार छात्र-छात्राएं यूक्रेन में फंसे हैं, जिनमें से दो कीव व दो खारकीव में हैं। इधर, 10 छात्र रोमानिया बॉर्डर पर फ्लाइट का इंतजार कर रहे हैं, जबकि दो छात्राएं देश वापस पहुंच गई हैं।
यूक्रेन से लौटे विद्यार्थी उच्च शिक्षा के लिए गए थे और उन्हें एअर इंडिया के विशेष उड़ान से स्वदेश लाया गया। विद्यार्थियों को लेकर आ रही बस रविवार को सूरत, वडोदार और अहमदबाद से गुजरी तब स्थानीय नेताओं और सरकारी अधिकारियों ने फूल देकर उनका अभिवादन किया।
झारखंड सरकार द्वारा बनाये गए नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने कहा, “यूक्रेन में फंसे छात्रों और कर्मचारियों के संबंध में हमें शुक्रवार रात से लगभग सौ कॉल मिले हैं।”
मेहुल, मेघना और आयुषी की तरह यूक्रेन में राजस्थान के सैकड़ों सहित हजारों भारतीय छात्र हैं जो वहां के ताजा हालात में दहशत और चिंता के साये में हैं और वहां से बाहर निकलने में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
राजनाथ ने कहा कि भारत शांति चाहता है और दोनों देशों को बातचीत से हल निकालना चाहिए, युद्ध की स्थिति नहीं होनी चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यूक्रेन-रूस सीमा पर वास्तव में क्या हो रहा है, इसके बारे में हम ठोस कुछ नहीं कह सकते।
चीन ने पिछले साल से भारतीयों को वीजा जारी करना बंद कर रखा है और वर्तमान में दोनों देशों के बीच उड़ानों का परिचालन नहीं हो रहा है, जिसके चलते 23,000 से अधिक छात्र, भारतीय कारोबारी और उनके परिवार स्वदेश में अटक गये हैं।
हुआ चुनयिंग ने कहा कि हालात के मुताबिक चीन अपने नागरिकों और विदेशी यात्रियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य के मद्देनजर कोई कदम उठा रहा है।
23,000 से अधिक भारतीय छात्रों ने चीनी विश्वविद्यालयों में दाखिला लिया है और उनमें से अधिकांश यात्रा प्रतिबंधों के कारण चीन नहीं लौट पाए।
संघीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने अमेरिका में अवैध तरीके से रहने के मामले में कुल 15 विद्यार्थियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 11 भारत के हैं।
मैनचेस्टर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट, ब्रिटेन की भारतीय छात्र नेता रिद्दी विश्वनाथन को विभिन्न छात्र समुदायों के लिए दिए गए उनके योगदान के लिए ग्लोबल इंटरनेशनल एजुकेशन अवार्ड 2020 से सम्मानित किया गया है।
भारतीय दूतावास चीन के कॉलेजों/विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के भविष्य की चिंताओं से चीन को लगातार अवगत करा रहा है क्योंकि बीजिंग ने अभी तक विदेशी छात्रों और शिक्षकों को आगामी नोटिस तक वापस आने से मना किया है।
मेरिका में नए वीजा नियमों की घोषणा के बाद भारतीय छात्रों को वैश्विक संकट के बीच निर्वासित होने, कर्ज चुकाने, कोविड-19 की चपेट में आने, सेमेस्टर की पढ़ाई छूटने और कॉलेज दोबारा नहीं जा पाने का डर सता रहा है।
ब्रिटेन में फंसे सैकड़ों भारतीय छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें यहां से निकालने के लिए विमान की व्यवस्था करने की अपील की है।
भारतीय छात्रों के एक समूह ने शनिवार रात को लंदन में भारतीय उच्चायोग के परिसर में शरण मांगी। उन्होंने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के मद्देनजर यात्रा पाबंदियों के बावजूद विमान से भारत भेजे जाने की मांग की है।
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