रेलवे ट्रैक में बिछी पटरी एक सिंगल पटरी नहीं होती, बल्कि यह अलग-अलग पटरियां होती हैं जिसे आपस में नट-बोल्ट से ज्वाइंट किया जाता है। जब एक पटरी के बाद दूसरी पटरी ट्रैक पर लगाई जाती है तो उनके बीच में कुछ गैप छोड़ा जाता हैं, इसकी एक बड़ी वजह है।
ओडिशी के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई है और 1000 से ज्यादा लोग घायल हैं। इस हादसे को लेकर कई तरह की शंकाएं उठ रही हैं कि क्या यह तकनीकी खराबी की वजह से हुआ, मानवीय भूल या किसी साजिश के तहत, जानें-
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बड़ा ऐलान किया है। वेष्णव ने कहा है कि जून तक हर राज्य से होकर गुजरेगी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन।
ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों के आपस में टकरा जाने से बड़ा हादसा हो गया है जिसमें अबतक 288 लोगों की जान जा चुकी है और 1000 से ज्यादा लोग घायल हैं। जानें घटना से जुड़े पल-पल के अपडेट्स-
ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण अबतक 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे की डरावनी तस्वीरें अब सामने आने लगी हैं।
ट्रेन के इंजन का वजन ही कई टन होता है। अगर पूरी ट्रेन के वजन की बात करें तो इसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। इतने भारी वजन को तेज रफ्तार से खीचने के लिए हाई पावर वोल्टेज की जरूरत होती है। आपको बताते हैं कि किस तरह के करंट पर ट्रेन चलती है और क्यों ट्रेन में कभी भी बिजली नहीं जाती।
नागपुर में आरपीएफ ने एक ऐसे ही गैंग का भंडाफोड़ किया है, जो कचरे में पड़ी बोतलों को सील बंद कर गंदे पानी को रेल यात्रियों को बेचता है। ये लोग रेल नीर समेत तमाम ब्रांडेड कंपनियों की बोतलों में गंदा पानी भरकर बेचते थे।
देहरादून से दिल्ली जाने वाले यात्रियों के लिए अब खुशखबरी यह है कि कि उत्तराखंड से दिल्ली की यात्रा अब लोगों के लिए आसान हो जाएगी। देहरादून-दिल्ली वंदेभारत एक्सप्रेस का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया।
अब आपको जनरल टिकट के लिए काउंटर पर लंबी लाइन में लगने की जरूरत नहीं है। आप अपने मोबाइल से ट्रेन की जनरल टिकट को बुक कर सकते हैं। अनरिजर्व्ड टिकट बुक करने के लिए आपको अपने मोबाइल में रेलवे की यूटीएस ऑन मोबाइल ऐप को डाउनलोड करना होगा।
उत्तर रेलवे ने यात्रियों को बहुत बड़ी सुविधा दी है। रेलवे ने यात्रियों को आरक्षित टिकट पर नाम बदलने की जटिल प्रक्रिया को आसान कर दिया है। जानिए पूरी डिटेल्स-
भारतीय रेल रोजाना लाखों लोगों को उनके स्थान पर पहुंचाती है। भारतीय रेल का नेटवर्क देश के हर हिस्से में फैला हुआ है। इसके लिए रेलवे ने हर जिले में रेलवे स्टेशन भी बनाएं हुए हैं, जहां आपको टिकट लेना होता है, लेकिन देश में एक स्टेशन ऐसा भी है जहां वीजा भी लगता है।
भारतीय रेल हर दिन लाखों लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती है। इसके लिए हर जिले में रेलवे स्टेशन बनाए गए हैं, लेकिन देश में दो ऐसे रेलवे स्टेशन हैं जिनका कोई नाम ही नहीं है। आइए जानते हैं किस राज्य में हैं ये स्टेशन...
ट्रेन की पटरी अक्सर पानी में रहती है लेकिन फिर भी न तो इसमें जंग लगता है और न ही पटरियां कमजोर होती हैं। पटरियों का अगल-बगल के हिस्से में जंग दिख सकता है लेकिन ऊपरी हिस्सा हमेशा चम चमाता रहेगा। आइए आपको बताते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता हैं?
इस घटना की सूचना मिलते ही संबंधित अधिकारी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद यात्रियों का रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। एक-एक करके सभी यात्रियों को ट्रेन से बाहर निकाला गया।
भारत में रेलवे नेटवर्क देश के हर कोने में फैला हुआ है। देश में रोजाना लाखों की संख्या में लोग ट्रेन से सफर करते हैं। इसके लिए जगह-जगह पर रेलवे स्टेशन बनाया गया है। क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा राज्य भी है, जहां पर सिर्फ एक रेलवे स्टेशन है। आज हम आपको इस खबर के जरिए इस बारे में विस्तार से बताएंगे।
ट्रेन में यात्रियों की सुविधा के लिए लगाए जाने वाले पंखों को कुछ वर्षों पहले तक चोर आसानी से चुरा लेते थे लेकिन, अब ऐसा नहीं है। चोरों से पंखों को बचाने के लिए रेलवे एक खास तरह की टेक्नोलॉजी का प्रयोग इन पर करता है।
भारतीय रेल में आप ने भी खूब सफर किया होगा। लेकिन शायद ही रेलवे की अनोखी चीजों पर आपका ध्यान गया हो। आज हम आपको एक ऐसे रेलवे स्टेशन की जानकारी देने जा रहे हैं जहां एक प्लेटफॉर्म दूसरे प्लेटफॉर्म से 2 किलोमीटर दूरी पर बना हुआ है।
इंडियन रेलवे ट्रेन में सीट फुल होने के बाद भी रेलवे कम से कम 200 से लेकर 300 यात्रियों को वेटिंग टिकट (Waiting Ticket) देता है। वेटिंग टिकट इसलिए दिया जाता है ताकि अगर कंफर्म टिकट वाला यात्री टिकट कैंसिल करे तो ट्रेन की सीट खाली न जाए और वेटिंग वाले पैसेंजर को जगह मिल जाए।
आपने कभी सोचा है कि जब ट्रेन बिजली से चलती है तो लोगों को उसके अंदर बैठकर करंट क्यों नहीं लगता। अगर आपको नहीं पता है तो कोई बात नहीं, आज हम आपको इस खबर के जरिए इस बात की जानकारी देंगे।
रेल में सफर करते समय ट्रैक के पास लगे सिल्वर बॉक्स को तो हर किसी ने देखा होगा लेकिन इनके बारे में जानकारी लोगों को न के बराबर होती है। ये बॉक्स एल्युमिनियम के बने होते हैं और इसमें कुछ नंबर भी लिखे जाते हैं। रेल के सुरक्षित सफर के लिए ये एल्युमिनियम के बॉक्स बहुत जरूरी होते हैं।
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