देश में लागू हुए नए आपराधिक कानून। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि इन कानूनों को भारतीयों ने, भारतीयों के लिए और भारतीय संसद द्वारा बनाया गया है। आइए जानते हैं कुछ खास बातें।
देश में 1 जुलाई 2024 से इंडियन पेनल कोड की जगह भारतीय न्याय संहिता लागू हो गई बै। इस नए कानून के तहत मध्य प्रदेश के भोपाल में मामला दर्ज किया गया है। आइए जानते हैं कि क्या है ये पूरा मामला।
पीएम मोदी ने अपनी X प्रोफाइल पर लिखा कि देश के अमृत काल में ये कानूनी सुधार, हमारे कानूनी ढांचे को अधिक प्रासंगिक और सहानुभूति से प्रेरित होने के लिए फिर से परिभाषित करते हैं।
भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) और साक्ष्य अधिनियम (एविडेंस एक्ट) में बड़े बदलाव होने वाले हैं। नए कानून में विभिन्न अपराध के मामलें में कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है।
देश के कानून में बड़े बदलाव की तैयारी कर ली गई है। चाहे मॉब लिंचिंग हो या आतंकवाद या फिर राजद्रोह सभी के लिए नए नियम लाए गए हैं। नए कानूनों पर चर्चा करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर भी तीखा तंज कसा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि मेरे लिए बहुत सम्मान और गौरव की बात है कि आज मैं इस महान सदन के सामने 3 कानून लेकर उपस्थित हुआ हूं।
बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह IPC में हो रहे बदलाव से जुड़े सवालों पर जवाब दे रहे हैं। आइए जानते हैं कि इन बदलावों के बाद क्या कुछ नया देखने को मिलेगा।
सूत्रों के मुताबिक, समिति लोक सेवकों को उनके कर्तव्यों के निर्वहन से रोकने के दोषी लोगों के लिए अधिकतम 2 साल की सजा को एक साल करने की पैरवी कर सकती है।
ये काम कितना बड़ा है इसका अंदाजा आपको इस बात से होगा कि अमित शाह ने पिछले 4 साल में 158 ऐसी बैठकें की जहां सीआरपीसी, आईपीसी और एविडेंस एक्ट को नया रूप देने के लिए मशविरे हुए।
भारत सरकार ने राजद्रोह कानून को खत्म करके इसे देशद्रोह के रूप में प्रस्तुत किया है। इस कानून के आने के बाद अब देश के खिलाफ जहर उगलने वालों की खैर नहीं होगी। नए कानून के मुताबिक अब देश के खिलाफ मौखिक, सांकेतिक या लिखित टिप्पणी करना भी देशद्रोह की श्रेणी में आएगा और ऐसे व्यक्ति को उम्रकैद की सजा हो सकती है।
Kahani Kursi Ki: Loksabha में CrPC संशोधन बिल पर बोले Amit Shah
Big changes in IPC & CRPC: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह विभिन्न जघन्यतम अपराधों में संलिप्त अपराधियों को अब इतनी कड़ी से कड़ी और जल्द सजा दिलाने के प्रावधान पर काम कर रहे हैं कि इसके बारे में जानकर शातिरों की रूह कांप जाएगी।
सड़कों पर लापरवाही से ड्राइविंग के चलते बढ़ती दुर्घटनाओं को रेखांकित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि सड़कों पर होने वाले अपराध के मामलों में मोटर वाहन अधिनियम के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता के तहत भी मुकदमा चलाया जा सकता है।
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