Chinese Conspiracy Against India in Ocean: वर्ष 2020 में गलवान में गच्चा खाने के बाद चीन अरुणाचल से लेकर पूर्वी और पश्चिमी लद्दाख तक अपनी पैठ को और भी अधिक मजबूत करता आ रहा है। चीन ने लद्दाख में अब तक 200 से अधिक नए सैनिक शेल्टर बना लिए हैं।
नौसेना उपग्रहों, समुद्री टोही विमानों तथा तटरक्षक एवं उनके जहाजों के सहयोग से भी निगरानी रखती है। लेकिन हिंद महासागर में चीन के जहाजों का आना-जाना सही संकेत नहीं है। नौसेना ने कहा कि वह इस रणनीतिक क्षेत्र में देश के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
Indo-Australia Relationship: पिछले आठ वर्षों में भारत की धाक पूरी दुनिया में बढ़ी है। इसकी वजह देश का नेतृत्व मजबूत हाथों में होने के साथ ही साथ आर्थिक, सामरिक और व्यापार के क्षेत्र में भारत का लगातार बढ़ता हुआ प्रभुत्व है। इसी के मद्देनजर भारत ने अब अपनी समुद्री सीमा क्षेत्र को विस्तार देना चाहता है।
World Power India: भारत को भले ही विकसित देशों की श्रेणी में शुमार होने में अभी वक्त लगेगा, लेकिन उसके बढ़ते वर्चस्व को आज पूरी दुनिया सलाम ठोंक रही है। विश्व की सबसे बड़ी पांचवीं अर्थव्यवस्था बनने के बाद से भारत की धाक दुनिया में और भी अधिक बढ़ गई है।
India Sri Lanka: श्रीलंका के राष्ट्रपति ने कहा है, 'हम यहां ताइवान जैसा कुछ होने नहीं देना चाहते। हम इस क्षेत्र में भारत को वास्तविक सुरक्षा प्रदाता मानते हैं। उसके बाद अन्य देश यहां जितना चाहे रह सकते हैं, लेकिन तब तक ही जब तक उनकी मौजूदगी विभिन्न देशों के बीच तनाव और प्रतियोगिता उत्पन्न न करे।'
जलवायु परिवर्तन धरती पर और भी ज्यादा विनाशकारी होने वाला है जिसका असर भारत पर भी होगा। यह बात संयुक्त राष्ट्र के इंटरगवर्नमेंटल पैनल फॉर क्लाइमेट चेंज (IPCC) की एक नई रिपोर्ट में सामने आई है।
वर्चस्व और दादागिरी दिखाने के मकसद से हिंद महासागर की ओर नजरे गड़ाए बैठे चीन को आज एक बार फिर से मिर्ची लगने वाली है, क्योंकि आज भारत और अमेरिका के बीच हिंद महासागर में दो दिवसीय युद्धाभ्यास शुरू हुआ।
अमेरिकी सरकार ने इंडो-पैसिफिक पर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी 2018 की संवेदनशील रिपोर्ट को गुप्त सूची से हटा दिया है। चौंकाने वाली बात ये है कि पूर्व में दस्तावेज को 'गुप्त' श्रेणी में रखा गया था और ये विदेशी नागरिकों के लिए नहीं थी।
चीन विश्व शांति के लिए बड़े खतरे के तौर पर उभर रहा है। उसकी नापाक मंशा को भांप ताकतवर देश गोलबंद हो गए हैं। इसी का नतीजा है कि हिंद महासागर क्षेत्र में अभी 120 से ज्यादा युद्धपोत तैनात हैं।
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तल्ख सीमा गतिरोध की पृष्ठभूमि में भारतीय नौसेना ने अपने निगरानी अभियानों में वृद्धि करते हुए हिंद महासागर क्षेत्र में परिचालन तैनाती को बढ़ा दिया है।
लद्दाख में जारी तनाव के बीच चीन ने भारतीय उपमहादीप में अपनी परमाणु पनडुब्बी भेज दी है। हालांकि भारत हर मोर्च पर चीन का मुकाबला करने के लिए पहले से तैयार है, जानिए चीन की इस चाल का जवाब कैसे देगा भारत।
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही चीनी रक्षा मंत्रालय ने अपने सैन्य विकास पर ‘नये युग में चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा’ शीर्षक से एक श्वेत पत्र जारी किया है। इसमें भारत, अमेरिका, रूस एवं अन्य देशों की तुलना में चीन के सैन्य विकास के विभिन्न पहलुओं को छुआ गया है।
जिस मुल्क में करीब-करीब सौ परसेंट मुसलमान रहते हैं, उस देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मजलिस शुरू होने जा रही है। दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी अपने विदेश दौरों की शुरुआत इसी इस्लामिक मुल्क से करने जा रहे हैं।
दक्षिण चीन सागर में अमेरिका, फिलीपीन और जापान की नौसेनाओं के साथ भारतीय नौसेना के संयुक्त नौसेना अभ्यास में भाग लेने के कुछ ही दिनों बाद उनकी यह टिप्पणी आई है। यह इस तरह का प्रथम अभ्यास है।
पूर्वी नौसेना कमान (ईएनसी) के प्रमुख वाइस एडमिरल करमवीर सिंह ने पारगमन के लिये मिशन आधारित तैनाती पर जोर देते हुए कहा कि एक मजबूत बल होने के नाते और हिंद महासागर में सुरक्षा प्रदाता की भूमिका के चलते नौसेना के पास अतिरिक्त जिम्मेदारी होती है।
चीन द्वारा हिन्द महासागर में अपनी उपस्थिति बढ़ाए जाने के मद्देनजर स्वराज का यह बयान काफी महत्वपूर्ण है। गौरतलब है कि नये सिल्क रूट के निर्माण के तहत राष्ट्रपति शी चिनफिंग की ‘वन बेल्ट, वन रोड’ पहल में हिन्द महासागर प्रमुखता से आता है।
चीन ने दक्षिणी पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह और अफ्रीका के जिबूती में एक नौसैन्य अड्डे का निर्माण कर हिन्द महासागर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ाई है...
अटलांटिक महासागर में तेज आंधी आने से दस हजार किलोमीटर से भी ज्यादा दूर हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी में शक्तिशाली लहरें बन रही हैं।
भारतीय नौसेना ने वेलकम ट्वीट के बाद एक और ट्वीट करते हुए अपने युद्धपोत की तैनाती का नक्शा जारी करते हुए ट्वीट किया, 'फारस की खाड़ी से मलक्का स्ट्रेट और उत्तर में बंगाल की खाड़ी से दक्षिणी हिंद महासागर तक और अफ्रीका के पूर्वी छोर तक हम 24 घंटे निगरानी में हैं। अपने क्षेत्र को हर समय, हर तरह से सुरक्षित रखने के लिए हम सक्षम हैं।'
भारत के रुख का समर्थन करते हुए अमेरिका के एक शीर्ष जनरल ने आज कहा कि पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह तक चीन की पहुंच से हिन्द महासागर में बीजिंग की रणनीतिक उपस्थिति बढ सकती है।
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