Indian Navy: रक्षा के क्षेत्र में भारत की धमक लगातार दुनिया में यूं ही नहीं बढ़ रही, बल्कि इसके पीछे प्रधानमंत्री मोदी का मजबूत नेतृत्व और देश के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों व सेना के जवानों का अभूतपूर्व प्रयास भी है। तभी तो मेक इन इंडिया का मंत्र अब नित सफलता के नये-नये आयाम गढ़ रहा है।
Warship Taragiri: भारतीय नौसेना में शामिल हो रहा तारागिरी जहाज 3510 टन वजनी है। तारागिरी 149 मीटर लंबा और 17.8 मीटर चौड़ा है और यह दो गैस टर्बाइन व दो मुख्य डीजल इंजनों के मेल से संचालित किया जाएगा।
2 सितंबर 2002 को भारत उन चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल हो गया जो कि विमान वाहक बनाने की क्षमता रखते हैं। यह कामयाबी देश में आईएनएस विक्रांत के निर्माण से मिली है।
Chhatrapati Shivaji Maharaj'Navy: शुक्रवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना को INS VIKRANT सौंप दिया। इसी के साथ भारतीय नौसेना को एक आधुनिक एयरक्रॉफ्ट मिल भी गई। इसकी सबसे खास बात है कि ये मेड इन इंडिया है यानी पूरी स्वदेशी एयरक्रॉफ्ट करियर है।
Indian Navy New Flag: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का जलावतरण किया। इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है, जिनके पास ऐसे बड़े युद्धपोतों के निर्माण की घरेलू क्षमताएं हैं
INS Vikranta Vs american vs chinese warship: दुनिया के सबसे खतरनाक माने जाने वाले युद्धपोतों में शामिल आइएनएस विक्रांत भारतीय नौसेना में अब शामिल कर लिया गया है। इससे देश की समुद्री ताकत कई गुना बढ़ गई है। भारत थल और नभ के साथ ही अब जल में भी दुश्मनों को तबाह करने का यह सबसे खतरनाक युद्धपोत तैयार कर लिया है।
INS Vikrant: विक्रांत के सेवा में आने से भारत अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस जैसे उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो जाएगा, जिनके पास स्वदेशी रूप से डिजाइन करने और एक विमान वाहक बनाने की क्षमता है, जो भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल का एक वास्तविक प्रमाण होगा।
Indian Nevy: भारतीय नौसेना पहली बार एक प्राइवेट कंपनी द्वारा निर्मित 100 प्रतिशत स्वदेशी 30 मिमी हाई विस्फोटक बंदूक गोला बारूद का उपयोग करेगी।
VL-SRSAM प्रणाली को डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। इस मिसाइल में समुद्री-स्किमिंग लक्ष्यों सहित निकट सीमा पर विभिन्न हवाई खतरों को बेअसर करने की क्षमता है।
Indian Navy SSR Vacancy 2022: ये भर्ती अग्निवीरों (Agniveer Bharti) के पदों के लिए होगी। जो कैंडीडेट्स इन पदों के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वह मान्यता प्राप्त संस्थान से 10वीं या 12वीं पास होना चाहिए।
Indian Navy Agniveer Recruitment 2022: अग्निपथ भर्ती योजना के तहत नौसेना ने शुक्रवार, 01 जुलाई से एप्लिकेशन प्रोसेस शुरू कर दी है। इच्छुक और योग्य कैंडिडेट ऑफिशियल वेबसाइट joinindiannavy.gov.in पर जाकर इन पदों के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
DRDO Missile Test: भारत ने शुक्रवार को ओडिशा के तट पर एकीकृत परीक्षण क्षेत्र, चांदीपुर से जमीन से हवा में मार करने वाली (VL-SRSAM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
Indian Navy: रिटायर हुए भारतीय नौसैनिकों के लिए इंडियन नेवी ने नौवहन महानिदेशालय के साथ एक MOU साइन किया है। इससे रिटायर नौसैनिक मर्चेंट नेवी में कुछ जरूरी प्रमाण देकर आसानी से प्रवेश कर सकेंगे।
Tour of Duty Agnipath Scheme : चार साल की नौकरी के बाद ज्यादातर अग्निवीर रिटायर हो जाएंगे और ऐसे अग्निवीरों को केंद्रीय सशत्र बलों की नौकरी में प्राथमिकता मिलेगी।
मोदी सरकार ने अपने 8 साल के कार्यकाल के दौरान सेनाओं को लेकर कई बड़े फैसले लिए। फिर चाहें वो रणनीतिक फैसले हों या CDS की नियुक्ति या फिर डिफेंस कॉरिडोर। केंद्र के इन फैसलों ने सेना को काफी मजबूत किया।
हिंदूस्तान के दुश्मनों की नींद उड़ाने के लिए देश की समुद्र सीमा को अभेद्य और अखंड रखने वाला अबतक की सबसे आधुनिक सबमरीन्स में से एक INS वागशीर भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े में जल्द शामिल होने वाला है।
आईएनएस रणवीर पर एक आंतरिक डिब्बे में धमाका होने से घायल 10 जवानों को अब तक INHS Ashvini Navy hospital में भर्ती कराया गया है। इसमें कुछ की हालत चिंताजनक है, लेकिन स्थिर है। कुल 11 नाविक इस धमाके में जख्मी हुए थे, जिसमें 2 वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं।
बयान में कहा गया, आईएनएस रणवीर नवंबर 2021 से पूर्वी नौसैन्य कमान से क्रॉस कोस्ट अभियान तैनाती पर था और जल्द ही बेस पोर्ट पर लौटने वाला था।
आईएनएस वेला सेवा में शामिल की गई इस श्रेणी की चौथी पनडुब्बी हैं। पनडुब्बी को नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह की उपस्थिति में सेवा में शामिल किया गया।
इस पनडुब्बी के सेवा में शामिल होने से नौसेना की युद्धक क्षमता में बढ़ोतरी होगी। ‘प्रोजेक्ट 75’ में स्कॉर्पीन डिजाइन की छह पनडुब्बियों का निर्माण शामिल है। इनमें से तीन पनडुब्बियों - कलवरी, खंडेरी, करंज - को पहले ही सेवा में शामिल किया जा चुका है।
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