USE Fed Hike: अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने महंगाई को 2 फीसदी तक लाने के लिए एक बार फिर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। इसका असर आज भारतीय बाजार पर देखने को मिल सकता है।
Dollar Vs Indian Rupee: सोशल मीडिया पर रुपया और डॉलर को लेकर लगातार मीम्स बनाए जा रहे हैं। लोगों के बीच काफी जंग भी छिड़ी थी क्या रुपया कमजोर हो रहा है। अब रुपया कमजोर हो रहा है डॉलर मजबूत तो इसका असर आपके ऊपर क्या होगा।
Vegetables high rate: एक तरफ जहां सरकार है आम जनता को सहूलियत देने की बात करती है। वही लगातार आम आदमी का बजट बिगड़ता जा रहा है। चाहे सब्जियां हो या फिर अनाज, खेत से किचन तक पहुंचने की प्रक्रिया में इनके दाम जमीन से आसमान तक पहुंच जाते हैं।
एक तरफ जहां पूरी दुनिया मंदी की आशंका से जूझ रही है तो वहीं भारत में मंदी आने की कोई संभावना नहीं दिख रही है। भारत हर तरफ से एक मजबूत स्थिति में खड़ा है।
Independent Day Special: 15 अगस्त 1947 को जब हिंदुस्तान आजाद हुआ तो दुनिया को जीरो देने वाला भारत ज़ीरो पर ही खड़ा था, लेकिन आज 75 वर्षों के बाद जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) मना रहा है तब वह दुनिया के सबसे ताकतवर देशों की श्रेणी में खड़ा है।
Basmati Rice: विदेशों में भारत के बासमती चावल की डिमांड काफी बढ़ गई है। इस बारे में वाणिज्य मंत्रालय ने एक डेटा जारी करते हुए सूचना दी है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘अत्यधिक मूल्यांकन की वजह से एफपीआई सतत आधार पर भारत से निकासी कर रहे हैं। हालांकि, बैंकों और वाहन कंपनियों वे लिवाली कर रहे हैं।’’
रिपब्लिक पार्टी के सीनेटर स्टीव डेंस ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला फिनटेक बाजार है और वित्तीय नवाचार के मामले में अमेरिका से काफी आगे है।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार विदेशी निवेशकों ने एक से 16 अप्रैल के बीच शेयरों से शुद्ध रूप से 4,643 करोड़ रुपये निकाले और ऋण-पत्र या बांड बाजार में 28 करोड़ रुपये डाले।
बजट के बाद बनी सकारात्मक धारणा तथा रिजर्व बैंक के उदार रुख बनाये रखने से उत्साहित विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने फरवरी महीने में अब तक घरेलू बाजार में 23,102 करोड़ रुपए लगाए हैं।
सीटीटी लागू होने के बाद 2013 से जिंस बाजारों में जहां 2011-12 में 69,449 करोड़ रुपए प्रतिदिन के सौदे हो रहे थे वह 2018- 19 में कम होकर 27,291 करोड़ रुपए प्रति दिन रह गए।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने नवंबर महीने में भारतीय बाजारों में अबतक 17,722 करोड़ रुपए की पूंजी लगायी है।
स्थानीय बाजार में विदेशी पूंजी निवेश का लगातार बने रहने और कच्चे तेल में नरमी के रुझान के बीच डालर के मुकाबले रुपये की विनियम दर सोमवार को शुरुआती कारोबार में 16 पैसे बढ़कर 70.65 रुपए प्रति डॉलर पर चल रही थी।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर में भारतीय पूंजी बाजारों में शुद्ध रूप से 16,464 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
पिछले दो महीनों में लगातार बिकवाली करने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने सितंबर भारतीय पूंजी बाजार में 7,714 करोड़ रुपए की शुद्ध निवेश किया है।
भारत में कंप्यूटर सेवाओं के घरेलू बाजार में निर्यात की तुलना में अधिक तेजी से वृद्धि होने का अनुमान है। घरेलू बाजार को सरकार के डिजिटल भारत कार्यक्रम तथा देश में उभर रहे स्टार्टअप माहौल से समर्थन मिलने की उम्मीद है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है।
आम बजट 2019-20 के बाद शेयर बाजार में विदेशी पूंजी की भारी निकासी के बावजूद विदेशी निवेशक जुलाई महीने में अब तक भारतीय पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल बने हुए हैं।
बजट से पहले के पूर्वानुमानों और वैश्विक स्तर पर छाए व्यापार तनाव के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय बाजार से जुलाई के पहले हफ्ते में 475 करोड़ रुपये की निकासी की है।
देश के क्रिकेट प्रशंसको के साथ-साथ बीमा कंपनियां भी बारिश के देवता इन्द्र से प्रार्थना कर रही हैं कि ब्रिटेन में चल रहे मौजूदा विश्व कप में भारत के शेष मुकाबले वर्षा की भेंट ना चढ़े क्योंकि इससे उन्हें 100 करोड़ रुपये तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
दूसरे बाजारों की तुलना में भारतीय शेयर बाजारों का प्रदर्शन बेहतर रहेगा, लेकिन कुल मिलाकर रिटर्न सीमित रहेगा क्योंकि वैश्विक शेयर बाजारों का परिदृश्य इस दौरान कुछ नरम रहेगा। मॉर्गन स्टेनली रिसर्च की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
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