अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर मोदी सरकार को सवालों के घेरे में लते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि मौजूदा सरकार "मंदी" शब्द को स्वीकार ही नहीं करती
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कहा है कि कर्ज के बढ़ते स्तर को देखते हुए भारत को मध्यम अवधि में राजकोषीय स्थिति सही करने की रणनीति अपनाने तथा अधिक महत्वाकांक्षी रणनीतिक एवं वित्तीय सुधारों पर अमल करने की तत्काल जरूरत है।
जॉर्जीवा ने शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2019 में अचानक सुस्ती का सामना किया है।
अमेरिका के बारे में उन्होंने कहा कि हम दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और हम अभी भी आगे बढ़ रहे हैं।
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व में बनी केन्द्र सरकार ने सत्ता तंत्र और प्रशासन में जिस तरह का बदलाव और सफाई की है वह अपने आप में 'अविश्वसनीय' है।
भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ही केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को लेकर हमला बोल दिया है।
संयुक्त राष्ट्र ने गुरुवार को कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 5.7 प्रतिशत रह सकती है। यह वैश्विक निकाय के पूर्व के अनुमान से कम है।
आईजीआईडीआर के प्रोफेसर आर. नागराज का मानना है कि 2024 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य अत्यंत महत्वाकांक्षीय है।
विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2019-2020 में भारत के लिए पांच प्रतिशत विकास दर का अनुमान लगाया है।
केंद्रीय बजट से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नीति आयोग में अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक करेंगे।
कृषि, निर्माण और बिजली, गैस और जल आपूर्ति जैसे क्षेत्रों में भी गिरावट आई है। खनन, लोक प्रशासन और रक्ष्ज्ञा जैसे कुछ क्षेत्रों में मामूली सुधार देखा गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया के कई विकसित देशों के मुकाबले भारत वैश्विक आर्थिक मंदी से कम प्रभावित है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि आजाद भारत में पहली बार विकास दर के मुकाबले महंगाई दर को मोदी सरकार ने बढ़ने नहीं दिया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि निदेशकों को लगता है कि मजबूत जनादेश वाली नई सरकार के सामने यह सुधारों को आगे बढ़ाने का एक बेहतर अवसर है।
दिल्ली के विज्ञान भवन में उद्योग संगठन एसोचैम की वार्षिक आम सभा के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुस्त अर्थव्यवस्था को लेकर खुद ही मोर्चा संभाल लिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक 2019-20 की जीडीपी वृद्धि के अपने अनुमान को पहले ही 6.1 प्रतिशत से कम कर पांच प्रतिशत कर चुका है।
देश से सेवाओं का निर्यात अक्टूबर में 5.25 प्रतिशत बढ़कर 17.70 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस दौरान सेवाओं का आयात का आंकड़ा 10.86 अरब डॉलर पर लगभग स्थिर रहा।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी देश की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान सात प्रतिशत से घटाकर 6.1 प्रतिशत किया है। विश्वबैंक ने भी यह अनुमान घटाकर छह प्रतिशत कर दिया है।
सिंगापुर की वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी डीबीएस बैंकिंग समूह ने चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 5.5 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है।
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का संकट लंबा खिच जाने के कारण घरेलू ऋण उपलब्धता की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
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