वैश्विक वित्तीय सेवा क्षेत्र की अग्रणी कंपनी नोमूरा ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था बेशक अप्रैल-जून तिमाही में मजबूत आर्थिक वृद्धि दर हासिल करेगी, लेकिन आगामी महीनों में यह रफ्तार सुस्त पड़ सकती है।
वेदांता समूह की तांबा बनाने वाली कंपनी स्टरलाइट कॉपर की तमिलनाडु इकाई के बंद होने से देश में तांबे का आयात करीब दो अरब डॉलर बढ़ गया है और साथ ही डेढ़ अरब डॉलर के निर्यात का नुकसान भी हुआ है।
हाल में विश्व बैंक ने बताया है कि फ़्रांस को पछाड़ते हुए भारत दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यस्था बन गई है। वित्त वर्ष- 2017 में भारत का जीडीपी यानि सकल घरेलू उत्पाद 2.59 लाख करोड़ डॉलर था,जबकि फ़्रांस की जीडीपी 2.58 लाख करोड़ डॉलर था।
एशियाई विकास बैंक (ADB) ने गुरुवार को कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा। एडीबी ने कहा कि 2018-19 और 2019- 20 में चीन को पीछे छोड़कर भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था नई ऊंचाइयां छूने के लिए तैयार है। साथ ही 2030 तक 10,000 अरब डॉलर की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ इसके दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने आज कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि दर अगले दो साल में 8 प्रतिशत को पार कर सकती है। सरकार अगले सात-आठ साल में अर्थव्यवस्था के आकार को दोगुना कर 5,000 अरब डॉलर तक पहुंचाने के लिए नई औद्योगिक नीति बनाने समेत कई कदम उठा रही है।
भारत की आर्थिक वृद्धि दर जनवरी-मार्च की तिमाही में 7.7 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 6.1 प्रतिशत थी। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से साबित होता है कि भारत विश्व की सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। आपको बता दें कि मार्च में समाप्त हुई तिमाही में चीन की ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी थी। वर्ष 2017-18 में आर्थिक वृद्धि दर धीमी पड़कर 6.7 प्रतिशत रही।
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने विभिन्न क्षेत्र की कंपनियों की बिक्री और आर्डरों में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिल रहा है जो इस बात का संकेत है कि अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधर रही है और निवेश रफ्तार पकड़ रहा है।
बीते वित्त वर्ष में देश में 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा प्रत्यक्ष कर संग्रह किया गया जोकि उससे पिछले साल के मुकाबले 18 फीसदी ज्यादा है। यह जानकारी सरकार की ओर से दी गई है।
नई वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था और बैंकों की कर्ज वसूली की समस्या से देश की आर्थिक वृद्धि में 2017 में गिरावट आई लेकिन इसमें धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद है और 2018 में वृद्धि दर के बढ़कर 7.2 प्रतिशत रहने की संभावना है।
एशियाई विकास बैंक (ADB) के मुख्य अर्थशास्त्री यासुयूकी सवादा ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की 7% से अधिक अनुमानित आर्थिक वृद्धि दर आश्चर्यजनक रूप से काफी तेज है और अगर यह गति बनी रहती है तो अर्थव्यवस्था का आकार एक दशक के भीतर ही दोगुना हो जाएगा।
भारतीय अर्थव्यवस्था वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ रही है और चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि की दर 7.5 प्रतिशत तक पहुंच जाने का अनुमान है। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता फर्म डॉयचे बैंक ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही।
विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में तेजी से देश की आर्थिक वृद्धि दर 2018-19 में बढ़कर 7.2 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान है। हालांकि, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और सरकार द्वारा अधिक कर्ज आर्थिक वृद्धि के लिए सिरदर्द बना रहेगा।
भारतीय अर्थव्यवस्था में चक्रीय सुधार दिखने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि निवेश और उपभोग में सुधार से इस साल की पहली छमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की औसत वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2017-18 में मजबूत प्रदर्शन किया और चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि और तेज होने की उम्मीद है।
आर्थिक गतिविधियों के मोर्चे पर सुधार का संकेत देते हुए औद्योगिक उत्पादन फरवरी महीने में 7.1 प्रतिशत बढ़ा जबकि थोक मुद्रास्फीति मार्च महीने में 4.28 प्रतिशत पर पांच माह के निचले स्तर पर आ गई। सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर 8-9 हजार कंपनियां लिस्टेड हैं और इन सभी लिस्टेड सभी कंपनियों की कुल मार्केट वेल्यू देख ली जाए तो मुश्किल से 150 लाख करोड़ का आंकड़ा बनता है वहीं अमेरिका की टॉप की 4 कंपनियां ही इस आंकड़े तक पहुंच जाती हैं
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 तक दोगुना होकर 5,00,000 करोड़ डॉलर पर पहुंच जाने के रास्ते पर आगे बढ़ रही है। हालांकि, मंत्रालय ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा तय मुद्रास्फीति के लक्ष्य को लेकर कोई खतरा नहीं है।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन से सामने आईं अड़चनों के अब दूर होने और उपभोग का स्तर सुधरने की वजह से अगले वित्त वर्ष 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर कुछ सुधार के साथ 7.1 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने वर्ष 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.6% रहने का अनुमान जताया है। वर्ष 2019 के लिए उसका आकलन 7.5% वृद्धि रहने का है। इसकी वजह जीएसटी और नोटबंदी से प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था में सुधार होना है।
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