फिच रेटिंग्स ने मजबूत घरेलू मांग और व्यापार और उपभोक्ता विश्वास के लगातार रुख के चलते अपने अनुमान में इजाफा किया है। अपने नवीनतम 'ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक' में कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि घरेलू मांग के साथ तिमाही पूर्वानुमानों से बेहतर प्रदर्शन कर रही है।
ऐसा खासकर विनिर्माण, खनन और उत्खनन और निर्माण क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन के चलते संभव हो सका है। भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट को लेकर राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से गुरुवार को जारी आंकड़े में यह सामने आया है।
केंद्र सरकार ने ‘द इंडियन इकोनॉमी: ए रिव्यू’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें पिछले 10 वर्षों की भारत की जर्नी के साथ ही आने वाले समय में इकोनॉमी को लेकर अनुमान बताए गए हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था ने न सिर्फ इस साल बल्कि पिछले कुछ सालों में अपने समकक्षों से बेहतर प्रदर्शन किया है। भारत की आर्थिक वृद्धि लगातार छह प्रतिशत से अधिक बनी हुई है। उम्मीद है कि बढ़ोतरी 2024 और 2025 में भी जारी रहेगी।
देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक और बड़ी खुशखबरी मिली है। तीसरी तिमाही में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 19.8 फीसदी की बंपर उछाल के साथ 6.24 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह बताता है कि तीसरी तिमाही में भी इकॉनमी में ग्रोथ मोमेंटम लगातार बना हुआ है। ये आंकड़े शानदार कॉरपोरेट मुनाफे का भी संकेत देते हैं।
साल 2023 अब अपने अंतिम दिनों में है। ये साल देश-दुनिया के लिए कई मायनों में अहम साबित हुआ है। आइए जानते हैं केंद्र की मोदी सरकार द्वारा की गई कुछ ऐसी घोषणाओं के बारे में जो इस साल चर्चा का केंद्र बनकर सामने आईं।
भारत वर्तमान में अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान के बाद दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद का आकार 3,730 अरब अमेरिकी डॉलर रहा है।
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा है कि मजबूत घरेलू गति उच्च खाद्य मुद्रास्फीति तथा कमजोर निर्यात से होने वाली बाधाओं की भरपाई करती दिख रही है।
एसएंडपी ग्लोबल इंडिया के मुताबिक, भारत के साल 2030 तक 7.3 ट्रिलियन इकोनॉमी के साथ दुनिया की तीसरी इकोनॉमी बनने की संभावना है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2023 वित्त वर्ष में भी लगातार मजबूत ग्रोथ दिखाना जारी रखा।
डेलॉयट इंडिया का मानना है कि विकास दर को फेस्टिवल सीजन में खर्च बढ़ने और देश में अगले साल लोकसभा चुनावों के पहले सरकारी खर्च बढ़ने से सपोर्ट मिलेगा। भारत फिलहाल दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है।
आईएमएफ (IMF) ने विकास अनुमान में बढ़ोतरी के लिए अप्रैल-जून के दौरान उम्मीद से ज्यादा मजबूत खपत को कारण बताया। साथ ही महंगाई के मोर्चे पर कहा है कि इस वित्तीय वर्ष में भारत की खुदरा महंगाई 5.5 प्रतिशत रह सकती है।
भारत के साथ इजरायल का कारोबार 10 बिलियन डॉलर से थोड़ा ज्यादा है। वित्त वर्ष 2023 में इजरायल को निर्यात 8.5 बिलियन डॉलर और आयात 2.3 बिलियन डॉलर है।
ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (Global Innovation Index) में भारत कई सालों से तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह साल 2015 में 81वें स्थान से बढ़कर 2023 में 40वें स्थान पर पहुंच गया है।
अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें 10 महीनों में पहली बार 90 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर गई। वर्तमान में 92 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के आसपास हैं। कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने पहली तिमाही के आंकड़ों को देखने के बाद अपने अनुमानों में बदलाव किया है।
तेल उत्पादक देशों के समूह वाला ओपेक+ ब्लॉक द्वारा उत्पादन में कटौती को तीन और महीनों के लिए बढ़ाए जाने के बाद, ब्रेंट क्रूड 5 सितंबर को 90 डॉलर प्रति बैरल से पार हो गया।
चंद्रयान 3 सफलतापूर्वक चांद के सतह पर लैंड कर चुका है। इस बाबत इंडिया टीवी ने जनता से उनकी राय जानने के लिए सवाल किया। इस पोल के रिजल्ट चौंकाने वाले हैं।
Global Ratings: आने वाला समय भारत का है। दुनिया इंडिया को सलाम करेगी। अगर वह 2031 तक यह उपलब्धि हासिल कर लेता है।
यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस संबोधन के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने भरोसा जताया कि भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली राजग सरकार के तीसरे कार्यकाल में देश दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
India Economy Growth Rate: आज के समय में भारत दुनिया भर में तेजी से विकास कर रहा है। महंगाई भी कंट्रोल में है। ADB के हाल में जारी हुए रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले सरकार के दौर में जहां भारत दुनिया की टॉप 10 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल था, वहीं अब यह टॉप 5 में आ गया है।
संपादक की पसंद