मानसून के अच्छे रहने की उम्मीद और उपभोग मांग में वृद्धि के चलते इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के 8.1 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2015-16 में 7.6 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। आंकड़ों के मुताबिक चौथी तिमाही के दौरान आर्थिक विकास दर 7.9 फीसदी रही।
जापानी निवेशकों को भारत में निवेश के लिए न्योता दिया है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज इंफ्रास्ट्रक्चर और मार्किट-ओरिएंटेड रिफॉर्म्स का वादा किया।
भविष्य में ग्लोबल स्तर पर खाने-पीने की चीजों की कीमतें बढ़ी तो भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को 49 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ चालू और अगले वित्त वर्ष में 7.5 फीसदी रहेगी। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कहा कि यह वृद्धि मुख्य तौर पर बढ़ती खपत प्रेरित होगी।
अरुण जेटली ने कहा कि इंडस्ट्री को बढ़ावा देने वाली मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों से भारत आज दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे गति पकड़ रही है और इस साल इसके 7.3 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि2016-17 में अच्छे मानसून के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था आठ फीसदी विकास दर के आसपास पहुंच सकती है।
एडीबी के अध्यक्ष ताकेहिको नकाओ ने कहा कि भारत सहित कुछ देशों में जीडीपी की मजबूत ग्रोथ से 2016 में एशियाई अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 5.7 फीसदी रहेगी।
एशियाई विकास बैंक के अध्यक्ष ने कहा कि भारत सहित कुछ देशों में जीडीपी की मजबूत वृद्धि से 2016 में एशियाई अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रहेगी।
बेहतर मानसून और वेतन आयोग की सिफारिश लागू होने से लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी। इससे चालू वित्त वर्ष में भारत की GDP ग्रोथ 7.4 फीसदी रहेगी।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में मजदूरी में बढ़ोत्तरी का भारत के गारमेंट्स सेक्टर को बहुत फायदा मिलेगा। इससे देश में 12 लाख रोजगार पैदा होंगे।
चीन ने ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती के बीच प्रभावशाली आर्थिक ग्रोथ रेट को बरकरार रखने के लिए किए जा रहे अच्छे काम को भारत की सराहना की है।
पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स के मुताबिक क्रूड में गिरावट और उच्च वास्तविक आय से निजी उपभोग बढ़ने से भारत की ग्रोथ चालू वित्त वर्ष के दौरान आठ फीसदी रह सकती है।
अमिताभ कांत ने कहा कि भारत को 2032 तक 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने और गरीबी समाप्त करने के लिए 10 फीसदी की दर से आर्थिक ग्रोथ की जरूरत है।
राजन ने कहा तय मुकाम पर पहुंचने का दावा करने से पहले अभी लंबा सफर तय करना है।यह कहकर राजन ने अंधों में काना राजा की टिप्पणी को सही ठहराने का प्रयास किया है।
अरूण जेटली ने विश्व बैंक से कहा कि भारत ने सभी क्षेत्रों में उपयुक्त निवेश का वातावरण तैयार किया है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में जबरदस्त इजाफा हुआ है।
एक अमेरिकी पत्रिका को दिए इंटरव्यू में राजन ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था में भारत की हालत कुछ कुछ अंधों में काना राजा जैसी है।
अरूण जेटली ने कहा है कि भारत की 7.5 फीसदी की मौजूदा विकास दर उसकी अपनी जरूरत के स्तर के हिसाब से काफी नहीं है और देश में बेहतर करने की क्षमता है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में 8-10 फीसदी की वृद्धि दर्ज करने क्षमता है। सुब्रमण्यम ने कहा, प्रमुख शक्ति बनने के लिए तेजी से वृद्धि करने की जरूरत है।
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