Recession in India: पूरी दुनिया मंदी की संकट को लेकर परेशान चल रही है। वहां की सरकारें तरह-तरह की नीतियां बना रही है ताकि आने वाली तबाही से नागरिकों को बचाया जा सके। वर्ल्ड बैंक ने भी 2023 की शुरुआत में मंदी आने को लेकर विश्व को आगाह किया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भारत भी इसकी चपेट में आएगा?
Indian Economy: भारत के आर्थिक विकास के तरह-तरह के दावे के बावजूद ये रिपोर्ट उनकी पोल खोलती नजर आती है। देश की आधी से अधिक आबादी खुद को वित्तीय रुप से असुरक्षित महसूस कर रही है। कई चौंकाने वाले खुलासे इस रिपोर्ट में किए गए हैं।
Make In india: वार्षिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) लगभग दोगुना होकर 83 बिलियन डॉलर हो गया है।
Piyush Goyal: अमेरिका (America) में एबीसी यानि एनीथिंग बट चाइना को व्यापक समर्थन मिल रहा है। भारत (India) तेजी से अमेरिकी व्यापार के लिए पहली पसंद का देश बनता जा रहा है।
Narendra Modi: आज के समय में भारत दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था (Fifth Largest Economy) वाला देश है। पिछले 10 सालों में भारत ने 10वें से 5वें स्थान तक का सफर तय किया है।
एक तरफ जहां पूरी दुनिया मंदी की आशंका से जूझ रही है तो वहीं भारत में मंदी आने की कोई संभावना नहीं दिख रही है। भारत हर तरफ से एक मजबूत स्थिति में खड़ा है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने हाल ही में कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की बुनियाद मजबूत बनी हुई है।
Amit Shah: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में राज्य सहकारिता मंत्रियों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया गया।
Indian Economy: कोरोना (Corona) काल में पटरी से उतरती दिख रही भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) ने बहुत बड़ा कमबैक किया है। देश के विकास दर में भी लगातार वृद्धि देखी जा रही है।
भारत की बात करें तो एक मजबूत इकोनॉमी होने के बावजूद कुछ संकट खलनायक के रूप में हम पर असर डाल रहे हैं। एक ओर महंगा कच्चा तेल सरकारी खजाने में सेंध लगा रहा है तो रुपये की गिरावट सरकार के पसीने छुड़ा रही है।
अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘‘हम पांच-छह वर्षों तक पूंजीगत निवेश की रणनीति जारी रखते हैं तो अगले 20 वर्षों तक आठ फीसदी की सतत वृद्धि हासिल कर सकते हैं। इस तरह हम समाज में बदलाव ला सकते हैं।’’
पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष प्रदीप मुल्तानी ने कहा कि फिलहाल जिंसों की ऊंची कीमतों और कच्चे माल की कमी के मुद्दों से निपटने की जरूरत है, जिससे उपभोग और निजी निवेश को समर्थन दिया जा सके।
आर्थिक थिंक टैंक एनसीएईआर को उम्मीद है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मौजूदा वित्तीय वर्ष में 8.4-10.1 प्रतिशत की वृद्धि हासिल कर सकती है। पिछले वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत का संकुचन हुआ था।
आर्थिक गतिविधियों को पूरी तरह सामान्य होने में एक साल का वक्त संभव
बहुपक्षीय संस्था एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने शुक्रवार को अनुमान जताया है कि वित्त वर्ष 2021 में भारत की आर्थिक विकास दर घटकर चार फीसदी रह सकती है।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि आज जारी किए गए जीडीपी के आंकड़े 4.5% तक कम हैं। यह स्पष्ट रूप से अस्वीकार्य है। हमारे देश की आकांक्षा 8-9% की दर से बढ़ना है।
सरकार ने मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस के भारत की रेटिंग का परिदृश्य स्थिर से घटाकर नकारात्मक करने पर शुक्रवार को कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
आईएमएफ ने मोदी सरकार के कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के फैसले की सराहना की है, साथ ही कहा है कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की वजह से देश में निवेश बढ़ेगा।
अर्थशास्त्र के लिए 2019 का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगाती स्थिति में है।
आईएमएफ ने गुरुवार को कहा कि कॉरपोरेट एवं पर्यावरणीय नियामक की अनिश्चितता एवं कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमजोरियों के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि उम्मीद से 'काफी कमजोर' है।
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