देश की आर्थिक वृद्धि दर का आंकड़ा वित्त वर्ष 2006-07 में 10.08 प्रतिशत रहा, जो कि उदारीकरण शुरू होने के बाद का सर्वाधिक वृद्धि का आंकड़ा है। यह आंकड़ा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल का है।
पीएम मोदी ने कहा कि एक समय भारत की गिनती दुनिया की पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में होती थी वहीं आज यह सोया हुआ हाथी दौड़ने लगा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था के प्रबंधन को लेकर अपनी सरकार के तौर तरीकों का पूरी मजबूती के साथ बचाव किया। उन्होंने कहा पिछली सरकार में ‘अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री’ तथा ‘सर्वज्ञाता वित्त मंत्री’ ने अर्थव्यवस्था को जिस रसातल में पहुंचा दिया था उनकी सरकार उसे बाहर निकालकर पटरी पर लाई है
सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि विश्वबैंक की विकास समिति की 97 वीं बैंठक में कल कहा कि भारत विश्व की सबसे वृद्धि वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा। हमारा अनुमान है कि 2018 में भारत 7.4 प्रतिशत की दर से वृद्धि करेगा।
भारत 2018 में चीन को पीछे छोड़ सबसे तेजी से वृद्धि करती बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भारत का शेयर बाजार भी पांचवां सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा...
भारतीय अर्थव्यवस्था अगले सात-आठ साल में दोगुना होकर 5,000 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगी।
मॉर्गन स्टेनली की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वर्ष 2017 के 6.4 प्रतिशत की तुलना में 2018 में 7.5 प्रतिशत और 2019 में 7.7 प्रतिशत तक जाने की संभावना है।
वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर सुधरकर 6.3 प्रतिशत रही है, जो कि पहली तिमाही में तीन साल के निचले स्तर पर थी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 2014 में एनडीए की सरकार के गठन से पहले देश की अर्थव्यवस्था में जो यथास्थित थी उसमें बदलाव आया है कि जो कि देश के भविष्य के लिए जरूरी था।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन का भविष्य काफी हद तक डिजिटल इंडिया में राष्ट्र को हासिल हुई सफलता पर निर्भर करता है।
पहले नोटबंदी से और फिर जीएसटी से, बिजनेस और उद्योग पर काफी असर पड़ा। विरोधी दलों को यह भी कहने का मौका मिल गया कि लोगों को वादे के मुताबिक नौकरियां नहीं मिलीं। विदेश निवेश कम आया और लोगों की नौकरियां चली गईं। इसी का जबाव देने के लिए मंगलवार को अरुण ज
यशवंत सिन्हा ने सरकार की आर्थिक नीतियों पर हमला करने के साथ ही प्राइम मिनिस्टर और फाइनेंस मिनिस्टर पर इल्जाम लगाए। इस बात की चर्चा काफी बढ़ गई थी कि नरेन्द्र मोदी और अरूण जेटली अर्थव्यवस्था को संभाल नहीं पा रहे।
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