आज भारत अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इसी बीच भारत सरकार ने सोशल मीडिया पर भारत के संविधान की प्रस्तावना की मूल तस्वीर शेयर की है जो वायरल हो रहा है।
अमेरिका ने भारत को गणतंत्र दिवस के लिए अपनी ओर से शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताया है। उन्होंने भारतीय संविधान की तारीफ करते कहा कि यह भारत को वैश्विक नेतृत्व के लिए एक स्थाई ढांचा और आधार प्रदान कर रहा है।
भारत के संविधान में मौलिक कर्तव्यों को स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों द्वारा 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 में जोड़ा गया था। मौलिक कर्तव्यों को शामिल करने का उद्देश्य नागरिकों के गिल में देश-हित की भावना को जागृत करना है।
भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। संविधान को लिखने में 2 साल 11 महीने और 17 दिन लगे थे। वहीं इसे अंग्रेजी और हिंदी में लिखा गया था। संविधान की असली प्रति संसद भवन की सेंट्रल लाइब्रेरी में रखी है।
भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, लेकिन इसे बनाना उतना ही मुश्किल काम था। यह ऐसा संविधान है, जिसमें देश के हर एक नागरिक के अधिकारों और उसकी आजादी का खयाल रखा गया है। यहां हम भारत के संविधान से जुड़ी जरूरी बातों के बारे में जानेंगे।
एक ओर देश में जी20 सम्मेलन की तैयारी चल रही है। वहीं, इस कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र में इंडिया की जगह भारत के इस्तेमाल पर सरकार और विपक्ष में जुबानी जंग तेज हो गई है।
Republic Day 2023: भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। भारतीय संविधान दुनिया में सबसे लंबा हस्तलिखित संविधान है। आइए इसे जुड़े इतिहास पर नजर डालें।
तारीख 11 दिसंबर साल 1992 को बच्चों के लिए सबसे अहम दिन माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसी दिन भारत ने बच्चों के अधिकारों से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकारों के कानूनों को अपना समर्थन देते हुए स्वीकार किया था। इसी के अनुच्छेद 54 तहत बच्चों को कुल 41 विशिष्ट अधिकार दिए गए हैं।
देश का कानून सब पर समान रूप से लागू होता है। यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से हर धर्म के लिए एक जैसा कानून होगा।
अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन से पहले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संविधान की प्रति ट्वीट की है और कहा कि संविधान की असली प्रति में श्रीराम का स्केच है।
एक फेसबुक पोस्ट में जेटली ने सवाल किया कि प्रदेश में वह कानून क्यों नहीं लागू होता है जो देश के बाकी हिस्से में लागू होता है।
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने मोहन भागवत के हिंदू राष्ट्र वाले बयान पर उठाया सवाल, पुछा- वो देश का संविधान मानते हैं या नहीं
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