सर्वे में कहा गया है कि वस्तुओं और सेवाओं की मांग एवं आपूर्ति पर प्रत्यक्ष प्रभाव के अलावा, कंपनियों को धीमी आर्थिक गतिविधियों के कारण नकदी प्रवाह में कमी का सामना करना पड़ रहा है, जो कर्मचारियों, ब्याज, ऋण पुर्नभुगतान और करों के भुगतान की क्षमता को प्रभावित करेगा।
संसद के मौजूदा बजट सत्र के दौरान कंपनी अधिनियम और फेमा नियमों के पारित होने के बाद अगले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही तक प्रत्यक्ष विदेशी लिस्टिंग की अनुमति देने वाले आवश्यक नियमों को लागू किया जा सकता है।
जनवरी के महीने में भारतीय कंपनियों का विदेश में प्रत्यक्ष निवेश 40% बढ़ा
भारतीय कंपनियों का विदेशी कर्ज पिछले साल दिसंबर माह में सालाना आधार पर 45 प्रतिशत घटकर 2.09 अरब डॉलर पर आ गया।
सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से पांच कंपनियों का बाजार पूंजीकरण पिछले सप्ताह 56,877.12 करोड़ रुपए बढ़ गया। इस दौरान टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) सबसे अधिक लाभ रही।
मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने गुरुवार को कहा कि कमजोर आर्थिक वृद्धि, सुस्त पड़ती कमाई से वर्ष 2020 में वित्तीय क्षेत्र को छोड़ दूसरे क्षेत्रों की ज्यादातर भारतीय कंपनियों की साख परिस्थितियां कमजोरी बनी रहेगी।
विश्वबैंक ने कई भारतीय कंपनियों और लोगों को दुनिया भर की अपनी विभिन्न परियोजनाओं से प्रतिबंधित कर दिया है।
दुनिया की प्रतिष्ठित पत्रिका फोर्ब्स ने दुनिया की प्रतिष्ठित कंपनियों की लिस्ट जारी की है। दुनिया की प्रतिष्ठित कंपनियों की इस लिस्ट में 12 भारतीय कंपनियां शामिल हैं।
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के H-1B वीजा आवेदनों मेंइस बार आश्चर्यजनक गिरावट आई है। इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के कड़े आव्रजन रुख से विदेशी पेशेवर भी अमेरिकी कंपनी में आने से कतरा रहे हैं।
दो दर्जन से अधिक भारतीय कंपनियां विस्तार परियोजनाओं एवं कामकाजी पूंजीगत जरूरतों को पूरा करने के लिए आने वाले महीनों में 25,000 करोड़ रुपए के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने वाली हैं।
भारतीय कंपनियों ने अमेरिका में 1,13,000 रोजगार के अवसरों का सृजन किया है और वहां करीब 18 अरब डॉलर का निवेश किया है।
भारतीय कंपनियां चालू वित्त वर्ष में अब तक कॉरपोरेट्स बांड्स के जरिये कुल 2.2 लाख करोड़ रुपए का धन जुटा चुकी हैं।
सात भारत स्थित आउटसोर्सिंग कंपनियों को 2016 में अमेरिका में इससे पिछले साल 2015 की तुलना में कम H-1B वीज़ा मिला है।
भारतीय कंपनियों ने पिछले वित्त वर्ष में कारोबारी जरूरतों की पूर्ति के लिए कॉरपोरेट बांड्स के निजी नियोजन के माध्यम से सात लाख करोड़ रुपए जुटाए
भारतीय कंपनियों की ओर से अपने विदेशी भागीदारों को रॉयल्टी भुगतान के बढ़ते प्रवाह को देखते हुए सरकार ने एक अंतर मंत्रालयी समूह का गठन किया है।
भारतीय कंपनियों का विदेशों में स्थित उनके उद्यमों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मार्च 2017 में दो गुना बढ़कर 2.99 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
भारतीय कंपनियों ने बीते वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 11 महीनों में गैर परिवर्तनीय डिबेंचर (NCD) जारी कर 29,000 करोड़ रुपए जुटाए हैं।
आगामी महीनों में भारतीय कंपनियां करीब 20,000 करोड़ रुपए के (IPO) लाने की तैयारी में हैं। पैसों का इस्तेमाल कारोबार के विस्तार के लिए करेंगी।
जनवरी माह में भारतीय कंपनियों का विदेशों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 57.3% घटकर 1.82 अरब डॉलर रह गया। RBI के आंकड़ों में यह बात सामने आई है
सात कंपनियों का बाजार पूंजीकरण पिछले हफ्ते संयुक्त रूप से 37,833.55 करोड़ रुपए बढ़ा है। इन सात कंपनियों में से सबसे ज्यादा मूल्य HDFC बैंक का बढ़ा है।
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