विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने फरवरी में भारतीय पूंजी बाजारों में शुद्ध रूप से 6,554 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
आर्थिक आंकड़ों में गिरावट के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने घरेलू पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल बन गए।
भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी नोट्स) के जरिये अक्टूबर में निवेश मामूली बढ़कर 76,773 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने नवंबर के पहले 15 दिन में घरेलू पूंजी बाजारों में 19,203 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर में भारतीय पूंजी बाजारों में शुद्ध रूप से 16,464 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
आम बजट 2019-20 के बाद शेयर बाजार में विदेशी पूंजी की भारी निकासी के बावजूद विदेशी निवेशक जुलाई महीने में अब तक भारतीय पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल बने हुए हैं।
बजट से पहले के पूर्वानुमानों और वैश्विक स्तर पर छाए व्यापार तनाव के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय बाजार से जुलाई के पहले हफ्ते में 475 करोड़ रुपये की निकासी की है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने पिछले पांच कारोबारी दिनों में भारतीय पूंजी बाजार में करीब 4,800 करोड़ रुपए का निवेश किया है
विदेशी निवेशकों ने कंपनियों के बेहतर तिमाही परिणामों तथा कच्चे तेल की कीमतों में सुधार आने की वजह से इस माह में अब तक भारतीय पूंजी बाजार में 7500 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है।
सेबी की ओर से नियमों का दुरुपयोग रोकने के लिए नियम सख्त बनाने के बीच भारतीय पूंजी बाजार में पी-नोट्स के जरिये निवेश मई अंत तक गिरकर 9 वर्ष से अधिक के न्यूनतम स्तर पर आ गया।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने अभी तक भारतीय बाजारों में वृद्धि की बेहतर संभावनाओं के मद्देनजर चार अरब डॉलर का निवेश किया है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने अब तक भारतीय पूंजी बाजारों में तीन अरब डॉलर यानि लगभग 18,890 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय पूंजी बाजार से जनवरी में अब तक 5,100 करोड़ रुपए की निकासी की है।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अनिश्चितता के बीच FPI ने सिर्फ चार कारोबारी सत्रों में भारतीय पूंजी बाजार से 2,000 करोड़ रुपए की निकासी की है।
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