अमेरिका में राष्ट्रपति चूुनाव के दौरान भारतीय मूल के 6 अमेरिकियों ने प्रतिनिधि सभा में बड़ी जीत दर्ज की है। इसमें से सुब्रमण्यम इस बार जीतने वाले एक मात्र भारतीय हैं। अन्य 5 भारतीयों ने 2024 में भी अपनी जीत को बरकरार रखा है। इससे अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में भारतीय-अमेरिकियों की संख्या 5 से बढ़कर 6 हो गई है।
अमेरिका के चुनावों में पिछले कुछ सालों में भारतवंशियों का दबदबा देखने को मिला है और अब यह समुदाय तेजी से इस मुल्क के सियासी फलक पर अपना नाम दर्ज करता जा रहा है।
भारतीय मूल के हजारों अमेरिकियों ने भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस और देश के इतिहास की बड़ी उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए जल्दी ही समारोहों का आयोजन करना शुरू कर दिया है।
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन विशेषज्ञ सोनिया अग्रवाल को जलवायु नीति और नवाचार के लिए अपनी वरिष्ठ सलाहकार के रूप में नामित किया।
डोनाल्ड ट्रंप के भारतीय-अमेरिकी समर्थकों ने टेक्सास के ह्यूस्टन शहर में रविवार को कार रैली निकाली और राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप को फिर से चुनने के लिए लोगों का आह्वान किया तथा उन्हें अपना समर्थन देने की घोषणा की।
भारतीय अमेरिकियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अच्छे संबंधों का हवाला देते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें लगता है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए तीन नवंबर को होने वाले मतदान में भारतीय अमेरिकी समुदाय उन्हें ही वोट देगा।
भारतीय मूल के अमेरिकियों ने प्रवासी भारतीय नागरिक (ओसीआई) कार्ड धारकों को मिलने वाले लाभों को बहाल करने के भारत के फैसले का स्वागत किया है।
अमेरिका के मंदिरों ने अयोध्या में ऐतिहासिक राम मंदिर के शिलान्यास समारोह का जश्न मनाने के लिए विशेष कार्यक्रमों की घोषणा की है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जानलेवा कोरोना वायरस के इलाज के लिए दवाइयां और टीका विकसित करने के प्रयासों के लिए भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिकों तथा शोधकर्ताओं की प्रशंसा की।
अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि इसमें कोविड-19 से ठीक हुए लोगों के शरीर से 'एंटीबॉडी रिच प्लाज्मा' लेकर गंभीर मरीजों में चढ़ाया जाता है। 'एंटीबॉडी' रक्त में मौजूद प्रोटीन होता है जो कि खास तरह के जीवाणु और विषाणु से लड़ता है।
बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी नागरिक संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी के समर्थन में सामने आए हैं और वे इस विवादित कानून के बारे में गलत सूचनाओं और मिथकों को दूर करने के लिए अमेरिका के कई शहरों में रैलियां कर रहे हैं।
इस बारे में बात करते हुए भारतीय अमरिकी समुदाय ने कहा कि विवादित भूमि के दशकों पुराने मामले पर आए फैसले में हिंदू-मुस्लिम दोनों की जीत है।
अमेरिका में एक बार फिर भारतीय मूल के लोगों ने राजनीति के क्षेत्र में बड़ी कामयाबी हासिल की है।
भारतीय मूल के अमेरिकी और अन्य एशियाई देशों के अमेरिकी मतदाताओं ने अमेरिका में 2020 में होने जा रहे राष्ट्रपति पद के चुनाव में संभावित डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन का साथ देने का मन बना लिया है।
अमेरिकी कांग्रेस में पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड देशभर में प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकी नागरिकों से एक हिंदू व्यक्ति के देश के राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने की संभावना पर राय मांग रही हैं।
अमेरिका में एक ओर जहां आप्रवासियों को लेकर नकारात्मक रवैया अपने चरम पर है वहीं मध्यावधि चुनावों में भारतीय मूल के करीब 100 अमेरिकी उम्मीदवार मैदान में हैं।
छह नवंबर को अमेरिकी नागरिक कांग्रेस के दोनों सदनों - प्रतिनिधि सभा और सीनेट - के लिए और 50 प्रांतों में से 36 के गर्वनरों के चुनाव के लिए वोट डालेंगे। प्रतिनिधि सभा की सभी 435 सीटों के लिए चुनाव होंगे जबकि उच्च सदन सीनेट की 100 में से 35 सीटों के लिए चुनाव होंगे।
भारतीय अमेरिकी नागरिकों ने 2000 से 2018 के बीच अमेरिका के 37 विश्वविद्यालयों को 1.2 अरब डॉलर की राशि दान में दी है।
भारतीय मूल के गणितज्ञ अक्षय वेंकटेश को फील्ड्स मेडल के सम्मान से नवाजा गया है, जिसे गणित के क्षेत्र का नोबल पुरस्कार माना जाता है।
भारतीय अमेरिकी सीमा नंदा को विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी का सीईओ नियुक्त किया गया है।
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