अब जब चीनी सेना ने भारत की सेना की ताक़त और इरादों को देखा, तो उसने पीछे हटना सही समझा और अब उल्टे ये आरोप लगा रहा है कि भारत आक्रामक है।
1965 में देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जिस तरह से चीन को जवाब दिया, वह वाकई में इतना अनोखा था कि चीन तिलमिला गया था।
सतपाल महाराज ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग को प्राचीन ग्रंथ रामायण भेजकर संदेश देना चाहते हैं कि दशानन रावण की विस्तारवादी सोच के परिणाम स्वरूप ही उसका कैसा हश्र हुआ था।
साठ साल में चीन को कभी सख्त जबाव नहीं मिला था, इसलिए चीन की हिम्मत बढ़ी थी, लेकिन साठ साल में पहली बार चीन को भारत ने आंख दिखाई, तो ड्रैगन चुपचाप अपने रास्ते वापस हो लिया।
चीनी लोगों को चीनी फ़ौज सारा सामान दे रही है ताकि वो दिन और रात लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल की निगरानी करने में साथ दे सके।
इस समय लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल के दूसरी तरफ़ यानी चीन की तरफ करीब 35 हज़ार चीनी सैनिक तैनात हैं। इंडिया TV को इस बात की भी जानकारी मिली है कि इन सैनिकों के साथ साथ चीनी हथियारों को भी पीछे ले जाना होगा।
चीन ने गलवान घाटी में अप्रैल 2020 के यथास्थिति को मानते हुए पीछे हटने का फैसला लिया और फिलहाल पेट्रोलिंग प्वॉइंट 14 से अपने सारे स्ट्रक्चर और गाड़ियों को हटा लिया है।
सीमा पर भारतीय क्षेत्र में स्थित कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाली भूभाग के रूप में दिखाने वाले एक नेपाली मानचित्र के हाल में प्रकाशन के बाद भारत-नेपाल संबंधों में आए तनाव के बीच इन सीमा चौकियों को दारचुला में स्थापित किया गया था।
गलवान घाटी में विवाद के बिन्दु से चीन के पीछे हटने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर झाओ ने कहा, ‘‘अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिक पीछे हटने और तनाव कम करने के लिए प्रभावी कदम उठा रहे हैं और इस दिशा में प्रगति हुई है।’’
माइकल कुगलमन ने कहा कि न चीन भारत के साथ अपने रिश्ते पूरी तरह खत्म करना चाहता है और न ही भारत ऐसा चाहता है दोनों को कई वैश्विक मंचों पर एक-दूसरे की जरूरत है।
दोनों देशों ने अपनी-अपनी तरफ से बातचीत के लिए विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किए हुए थे, भारत की तरफ से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल और चीन की तरफ से विदेश मंत्री वांग यी को नियुक्त किया गया था।
लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध और इससे पैदा हालात पर नई दिल्ली स्थित सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च में सामरिक विषयों के प्रोफेसर ब्रह्म चेलानी से भाषा के पांच सवाल और उनके जवाब।
पहली बार भारतीय सेना के अधिकारी और जवान फिजिकल वेरिफिकेशन करेंगे कि चीन बातचीत में किये गए अपने वादे के मुताबिक गलवान इलाके से हटा है या नहीं।
चीनी सैन्य आक्रामकता को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेनाओं ने पीएम मोदी के लेह-लद्दाख दौरे के बाद से तैयारियां काफी तेज कर दी हैं।
अमेरिकी सीनेटर ने आरोप लगाया कि चीन 10 लाख से अधिक उइगुर मुसलमानों को हिरासत में रखकर लगातार धार्मिक स्वतंत्रता पर हमले कर रहा है तथा उसने हांगकांग को स्वायत्तता और स्वतंत्रता देने के समझौते का पालन नहीं किया है।
भारत चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में चल रहे तनाव के बीच प्रधानमंत्री ने आज लेह को दौरा किया और पड़ोसी मुल्क के साथ सीमा गतिरोध के मामले को लेकर भारत की दृढ़ता के संकेत दिए।
लद्दाख में LAC पर तनाव जारी है। इस तनाव के बीच कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार से सवाल कर रहे हैं।
लेह में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि विस्तारवादी ताकतें या तो हार गई हैं या उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा है। पीएम नरेंद्र मोदी के इस टिप्पणी से चीन तिलमिला गया है।
रामधारी सिंह दिनकर ने यह कविता उन वीरों को समर्पित कर लिखी थी जिन्होंने अपना सर्वस्व इस देश पर न्योछावर कर दिया लेकिन अपने लिए कभी कुछ नहीं मांगा।
सरकार चीन की कंपनियों पर नियंत्रण के लिए पावर उपकरणों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा सकती है
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