लद्दाख के चुशूल में आज एकबार फिर भारत और चीन के बीच ब्रिगेड कमांडर लेवल की मीटिंग होनेवाली है।
चीन की पीएलए ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 'ब्लैक टॉप' और 'हेलमेट' के नजदीकी क्षेत्रों में सैन्य तैनाती बढ़ाने के बाद यथास्थिति को बदलने के प्रयास में घुसपैठ की थी।
सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना के लगभग 7 से 8 भारी वाहन अपने चेपुज़ी शिविर से वास्तविक नियंत्रण रेखा के भारतीय हिस्से की ओर आ रहे थे, जिन्हें देख भारतीय जवान फौरन हरकत में आ गए और PLA की घुसपैठ को रोकने में सफल रहे।
पानी के भीतर अपनी युद्धक क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना की परमाणु हमला करने की क्षमता वाली छह पनडुब्बी समेत 24 नयी पनडुब्बी खरीदने की योजना है। नौसेना के पास वर्तमान में 15 पारंपरिक पनडुब्बी और दो परमाणु संपन्न पनडुब्बी हैं।
पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में बीते 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद भारतीय नौसेना ने बड़ा कदम उठाते हुए दक्षिण चीन सागर में अपना एक फ्रंटलाइन वॉरशिप (जंगी जहाज) तैनात कर दिया है।
पैंगॉन्ग झील के पास, चीन ने फिंगर-5 और 8 के पास अपनी स्थिति काफी मजबूत की है और भारत इस कदम का जोरदार विरोध करता रहा है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी(पीएलए) ने मई के बाद से फिंगर-4 से फिंगर-8 तक कई तरह के निर्माण किए हैं और इस 8 किलोमीटर की पट्टी से पूर्व की तरफ हटने से उसने इनकार कर दिया है।
भारत-चीन सीमा विवाद के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में चीनी अतिक्रमण से निपटने के लिए सैन्य विकल्पों पर भी विचार हो रहा है।
शीर्ष सैन्य कमांडरों ने भी अपने फिल्ड कमांडरों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर किसी भी घटना या कार्रवाई के लिए पूरी तरह से तैयार होने के लिए कहा है। पूर्वी लद्दाख में तैनात सेना के जवानों को लंबे समय तक इस तनातनी के तैयार रहने के लिए कहा गया है।
भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर जारी तनाव अब शांत होता दिखाई दे रहा है। हाल ही में दोनों पक्षों में बीच चर्चाओं का दौर हुआ है।
भारतीय नौसेना के शीर्ष कमांडर बुधवार (19 अगस्त) से शुरू होने वाले तीन दिवसीय सम्मेलन में क्षेत्र में उभरती समुद्री सुरक्षा संरचना और पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा गतिरोध पर व्यापक विचार-विमर्श करेंगे।
चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में चल रहे गतिरोध के बीच भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने पाकिस्तान सीमा के साथ पश्चिमी मोर्चे पर हवाई सुरक्षा को और मजबूती देने के लिए देश में बने हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस तैनात किए हैं।
चीन और भारत की सेना पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर आमने-सामने है। इस बीच चीन, पाकिस्तान को घातक लड़ाकू ड्रोन देकर उसकी मारक क्षमता में इजाफा करना चाह रहा है।
राफेल फाइटर जेट LAC से करीब 1800 किलोमीटर दूर हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों में हुंकार भर रहे हैं। रात के अंधेरे में राफेल की सफल लैंडिंग की ट्रेनिंग चल रही है।
दुश्मनों के खिलाफ आक्रामक अभियान चलाने के लिए ड्रोन को अपग्रेड करने के प्रोजेक्ट में कई भारतीय-विकसित तकनीक और हथियार भी शामिल होंगे। सूत्रों की मानें तो उन्नत यूएवी का इस्तेमाल पारंपरिक सैन्य अभियानों के साथ-साथ भविष्य में आतंकवाद-रोधी अभियानों के खिलाफ किया जा सकता है।
विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने शनिवार को कहा कि आकार और प्रभाव को देखते हुए भारत और चीन पर दुनिया का काफी कुछ निर्भर करता है।
राहुल गांधी पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के मुद्दे को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ लगातार आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर से चीन के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना साधा है।
भारत ने जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन को ‘‘अवैध एवं अमान्य’’ बताने को लेकर बुधवार को चीन की आलोचना करते हुए कहा कि इस विषय पर बीजिंग का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है।
भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों की सेनाओं के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) के चीन की तरफ में मोल्दो में कोर कमांडर-स्तर की वार्ता होगी।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि भारत के पूर्वी लद्दाख में चीन की हालिया आक्रामकता और भूटान में भूमि के लिए दावे उसके इरादों को दिखाते हैं।
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