सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा हिंदू परंपरा के अनुसार सिक्किम में चीन की सीमा के पास तैनात स्थानीय इकाइयों में से एक में "शस्त्र पूजा" करने की भी संभावना है।
जयशंकर ने कहा, ‘‘हमारा यह रुख नहीं है कि हमें सीमा के सवाल का हल निकालना चाहिए। हम समझते हैं कि यह बहुत जटिल और कठिन विषय है। विभिन्न स्तरों पर कई बातचीत हुई हैं। किसी संबंध के लिए यह बहुत उच्च लकीर है।’’
रेड्डी ने बताया, "लद्दाख की शांत भूमि पर पहुंचने के बाद लेह से नुब्रा के रास्ते पर मुझे सड़क निर्माण में जुटे Border Road Organisation के वर्कर्स से बातचीत करने का मौका मिला। ये लगातार 18,600 फीट की ऊंचाई पर बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे हैं।"
पाल की ये टीम Humla जिले के Namkha में बॉर्डर पिलर्स को मॉनिटर करने के लिए गई थी। जिसपर चीन के सुरक्षाकर्मियों ने हमला कर दिया। इस बात की जानकारी Namkha ग्राम पंचायत के उपाध्यक्ष है।
वायुसेना ने प्रेस रिलीज के जरिए बताया कि ऑक्सीजन की कमी के साथ-साथ हवा की कम डेनसिटी और दुर्गम दुर्गम पहाड़ी इलाके में इतनी ऊंचाई पर उतरना बेहद चुनौतीपूर्ण है।
इस समय भारतीय जवान भारतीय स्माल आर्म्स सिस्टम (इंसास) 5.56x45mm राइफलों का इस्तेमाल करते हैं। नई Sig Sauer assault rifles इन राइफलों की जगह लेंगे।
आर्टिकल में कहा गया है कि शांति के समय में ये टनल भारतीय सेना के लिए बहुत मददगार होगी लेकर युद्ध के दौरान इसका कोई फायदा नहीं मिल सकेगा।
लद्दाख और अरुणाचल पर आए दिन दावा करने वाले चीन को इस बार अमेरिका से बड़ा झटका मिला है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत और चीन मौजूदा सीमा विवाद हल कर लेंगे। साथ ही उन्होंने एक बार फिर दोनों एशियाई देशों की मदद की पेशकश की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारत-चीन के बीच एलएसी पर जारी विवाद को लेकर राज्यसभा में बोल रहे हैं।
गृह मंत्रालय की तरफ से राज्यसभा में पूछे गए एक प्रश्न के दिए गए लिखित जवाब में यह जानकारी दी गई है। प्रश्न में गृह मंत्रालय से भारत-चीन तथा भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर घुसपैठ की जानकारी मांगी गई थी
किरेन रिजिजू ने कहा है कि चीन की PLA ने कहा है कि शनिवार को पांचों भारतीय नागरिक भारतीय सेना को सौंप दिए जाएंगे। करीब 6 दिन पहले यह खबर आई थी कि चीन की PLA 5 भारतीय नागरिकों को उठा ले गई थी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी सकमक्ष वांग यी की बीच रूस की राजधानी मास्को में वार्ता खत्म हो गई है।
लद्दाख में LAC पर तनाव जारी है। दोनों देशों की सेनाएं लंबे समय से एलएसी पर आमने सामने है। इस बीच भारतीय सेना ने Pangong Tso झील के फिंगर 4 एरिया में चीन को बड़ा झटका दिया है।
सेना ने कहा, ‘‘भारतीय सेना ने कभी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार नहीं की या गोलीबारी समेत किसी आक्रामक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया।’’
यह सड़क सुरक्षा बलों को रणनीतिक संपर्क प्रदान करेगी क्योंकि यह पड़ोसी देशों की सेना की नजरों से दूर होगी। दो अन्य सड़कें- श्रीनगर-कारगिल-लेह रोड और मनाली सरचू-लेह रोड अंतर्राष्ट्रीय सीमा के करीब हैं, जिससे दुश्मन के लिए उन पर निगरानी रखना आसान हो जाता है।
भारत और चीन के बीच सीमा पर भले ही तनाव हो और दोनो देशों की सेनाएं एक दूसरे के आमने सामने हों, लेकिन इसके बावजूद चीन के नागरिकों के प्रति भारतीय सैनिकों का मानवीय व्यव्हार सबका दिल जीत रहा है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को भारत-चीन सीमा विवाद के हल को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने एक ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा कि वह ‘पूरी तरह से सहमत’ हैं कि भारत-चीन सीमा विवाद का समाधान कूटनीतिक दायरे में निकालना होगा।
चीन के साथ सीमा विवाद के कारण बने तनाव के बीच अब भारत ने उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, नेपाल से सटे बॉर्डर और भूटान से लगी सीमा पर ITBP और SSB की तैनाती को बढ़ा दिया है।
चीन की पीएलए ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 'ब्लैक टॉप' और 'हेलमेट' के नजदीकी क्षेत्रों में सैन्य तैनाती बढ़ाने के बाद यथास्थिति को बदलने के प्रयास में घुसपैठ की थी।
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