भारत और चीन के बीच रिश्ते लगातार तनाव के दौर में चल रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीमा पर चीन के साथ भारत के संबंध असमान्य हैं। हालांकि विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि दोनों पक्षों की ओर से संबंधों को सुधारने का प्रयास जारी है। मगर अभी तक तनाव का क्रम जारी है।
आप की अदालत में शनिवार की रात विदेश मंत्री एस जयशंकर रजत शर्मा के तीखे सवालों का जवाब दे रहे हैं। एस जयशंकर ने बताया कि सीमा पर 70 हजार सैनिकों को सीमा पर क्यों भेजा?
अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन बॉर्डर के पास सरकार स्टील स्लग रोड बना रही है जो न सिर्फ पारंपरिक पक्की सड़क की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत सस्ती हैं, बल्कि ज्यादा टिकाऊ भी हैं।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने एलान किया है कि भारत-चीन बॉर्डर पर स्थित गांवों में रहने वाले लोगों के लिए फ्री डिश सर्विस की व्यवस्था की जाएगी।
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन के साथ भारत के संबंधों पर खुलकर बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा कि भारत और चीन के बीच रिश्ते कैसे रहेंगे, यह इस बात से तय होगा कि सीमा पर दोनों के बीच हालात कैसे हैं।
भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा। इसकी वजह है कि चीन भारतीय सीमा पर अतिक्रमण का इरादा रखता है और वह पीछे हटने को तैयार नहीं है।
शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन (एससीओ) में चीनी विदेश मंत्री छिन कांग ने भारत-चीन सीमा पर मौजूदा हालात को लेकर सफेद झूठ बोला है। छिन कांग ने कहा था कि सीमा पर हालात सामान्य और स्थिर हैं, लेकिन भारत ने एससीओ के मंच पर चीन के झूठ का पुलिंदा खोल दिया है।
जून 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए भीषण संघर्ष में करीब 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं दुश्मन चीन के 40 जवान मारे गए थे। गलवान में शहीद हुए भारतीय जवानों में से एक सैनिक की पत्नी ने भी सेना ज्वाइन कर लिया है। शहीद जवान की पत्नी को बतौर लेफ्टिनेंट लद्दाख क्षेत्र में ही तैनाती दी गई है।
कैंपबेल ने कहा, ‘हम इसे प्रोत्साहित करना चाहते हैं और इसका समर्थन करना चाहते हैं। हम उस रिश्ते को और गहरा करना चाहते हैं, जो पहले से ही बहुत मजबूत है। दोनों देशों के लोगों के आपसी संबंध अमेरिकी लोगों के वैश्विक स्तर पर अन्य देशों के लोगों से संबंधों की तुलना में सबसे मजबूत हैं।
चीन द्वारा सैन्य ताकत से एलएसी पर यथास्थिति बदलने की कोशिशों, विवादित स्थानों पर चीन द्वारा गांव बसाने और चीन के नक्शे में भारत के अरुणाचल प्रदेश को अपना बताने की भी अमेरिकी सांसदों ने आलोचना की।
भारत-चीन की सीमा पर हालात लगातार नाजुक बने हैं। इस दौरान जी-20 सम्मेलन में शरीक होने के लिए चीन के विदेश मंत्री किन कांग भारत आए हुए हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर की उनसे जी-20 से इतर मुलाकात और बातचीत भी हुई। इसके बावजूद सीमा पर बने मौजूदा हालात का कोई हल निकलने की गुंजाइश नहीं दिखी।
कुटिल चीन सीमा पर कायराना हरकतें करता रहता है। चीन की ऐसी कुत्सित मानसिकता और चुनौतियों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत की तैयारियां भी कम नहीं है। भारत अपनी सरहदों को तेजी से ताकतवर बना रहा है। सड़क, सुरंग, पुल सभी के कंस्ट्रक्शन पर तेजी से काम हो रहा है।
भारत-चीन सीमा के निकट सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने टनकपुर-तवाघाट सड़क पर दो और पुल बनाए हैं, ताकि अंतिम सीमा चौकियों तक परिवहन की सुविधा बढ़ाई जा सके। इससे सेना अब आखिरी चौकियों तक वाहनों के साथ पहुंच सकेगी। इस पुल के बनने से सेना चीन बॉर्डर पर अपने ठिकानों को और मजबूत कर सकेगी।
2020 में गलवान के बाद 9 दिसंबर 2022 को तवांग में फिर चीन और भारत के सैनिकों की झड़प हुई। भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर चीन कभी गलवान, कभी तवांग, कभी डोकलाम...आखिर भारत पर हमले के लिए क्यों आमादा है। इसके पीछे कई अहम कारण है, जिन्हें समझने के लिए पढ़िए पूरी डिटेल।
9 दिसंबर को करीब 300 चीनी सैनिक एक सुनियोजित साजिश के तहत 17,000 फुट ऊंचे पहाड़ की चोटी पर नियंत्रण हासिल करने के लिए LAC के पास पहुंचे थे, लेकिन भारतीय सैनिकों ने उनकी कोशिश को नाकाम कर दिया।
India-China Clash: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने बयान में कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध नहीं रख पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों के बारे में सभी को पता है, लेकिन चीन के साथ भी हम अच्छे संबंध स्थापित नहीं कर पा रहे हैं।
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों की झड़प का मामला चर्चा में है। इस मामले पर AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि यह सरकार कोई राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखा रही है और सेना की बहादुरी के पीछे छुप रही है।
भारत और अमेरिका के बीच चीन की सीमा पर संयुक्त सैन्याभ्यास जारी है। इस सैन्याभ्यास को लेकर चीन चिढ़ गया है। हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब इस तरह का सैन्याभ्यास एलएसी पर किया जा रहा है। वैसे पहली बार सीमा के इतने करीब अभ्यास हो रहा है।
India VS China @ LAC Laddakh: भारत और चीन की सीमा पर आखिर अचानक इतनी हलचल क्यों है, क्या पूर्वी लद्दाख से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कुछ बड़ा होने वाला है?...आखिर भारत को क्यों पूर्वी लद्दाख में अचानक मिसाइलों और टैंकों की तैनाती करनी पड़ी है?
Big Disclosure on Chinese Infiltrators in Galvan Valley:जून 2020 में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की घुसपैठ और भारतीय जवानों से भिड़ंत अचानक और यूं ही नहीं थी, बल्कि इसके पीछे चीन की बड़ी साजिश थी। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के एक खुफिया अध्ययन से सामने आई रिपोर्ट ने सबकी नींद उड़ा दी है।
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