भारत-चीन सीमा पर चीन की हरकतों को देखने के बाद अमेरिका भी खुलकर भारत के समर्थन में आ गया है। चीन वर्षों से भारत में घुसपैठ और अतिक्रमण जैसा एकतरफा प्रयास करता आ रहा है। अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख क्षेत्र से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ड्रैगन की जबरदस्ती को देखते हुए अमेरिका भारत के साथ खड़ा हो गया है।
India Vs China: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में हर बार भारत को स्थाई सदस्यता दिए जाने का विरोध करने वाला चीन पीएम मोदी के जाल में बुरा फंस गया है। लंबे समय बाद पीएम मोदी ने चीन का ऐसा इलाज किया है कि उसका वीटो पॉवर भी काम नहीं आ रहा। लिहाजा पिछले 6 वर्षों से ड्रैगन तड़प रहा है।
India Vs China @ LAC: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को भारत लगातार अभेद्य किला बनाने में जुटा है। पिछले तीन वर्षों में भारत ने एलएसी पर सड़कों के निर्माण से लेकर, सैन्य ठिकानों, बंकरों, रैंप, एयरक्राफ्ट लैंडिंग साइट्स, हाई स्पीड नेटवर्किंग से लेकर अन्य बुनियादी जरूरतों का जबरदस्त विकास किया है।
India Vs China: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद की वैसे तो कई वजहें हैं, लेकिन भाजपा के ही एक सांसद ने दोनों देशों के बीच नित होने वाले विवाद की नई वजह बताई है। लद्दाख से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने सोमवार को कहा कि भारत-चीन के बीच सीमांकन नहीं हुआ है।
India Build 2000 KM Frontier Highway on China-Tibet & Myanmar Border:दुश्मन चीन के खतरनाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए मोदी सरकार ने भारत-चीन-तिब्बत और म्यांमार की सीमा पर 2000 किलोमीटर लंबे फ्रंटियर हाईवे को बनाने की मंजूरी दे दी है।
Tibetan President Penpa Tsering on Tawang Clash: हिंदुस्तान को 1962 वाला भारत समझकर चीन बड़ी गलती कर रहा है। भारत ने दशकों में काफी विकास कर लिया है और उसे धमकाया नहीं जा सकता। मगर चीन को यह बात समझ नहीं आ रही। अरुणाचल प्रदेश के तवांग में 9 दिसंबर को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई भिड़ंत के बाद तिब्बत का बयान।
India Vs China : चीन ने अपनी विस्तारवादी नीति और खोटी नीयत के चलते सिर्फ भारत के साथ ही नहीं, बल्कि कई अन्य देशों के साथ भी रिश्तों को बेहद तनावपूर्ण बना रखा है। इसमें भारत के अलावा ताईवान से लेकर फिलीपींस, मलेशिया, वियतनाम, जापान, नेपाल, भूटान, लाओस, दक्षिण कोरिया, हांगकांग, मकाऊ जैसे 20 देशों के साथ चीन विवाद है।
India-China Border Clash Tawang: अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे तवांग क्षेत्र में वर्ष 2022 बीतते-बीतते चीन ने युद्ध की चिंगारी भड़का दी है। वैसे तो भारत और चीन के बीच सीमा का विवाद 72 वर्ष पुराना है। मगर ताजे युद्ध का धुआं जून 2020 से उठ रहा है।
Arunachal Pradesh CM Pema Khandu on Tawang clash: अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित तवांग सेक्टर में 9 और 11 दिसंबर को हुई चीन के सैनिकों से हिंसक झड़प के बाद से पूरे देश में आक्रोश है। भारत से चीन को यह संदेश दिया जा रहा है कि "यह 1962 नहीं है,2022 का भारत है।
Satellite Pictures of Arunachal Border Tell the reason for Tawang Clash: अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे तवांग क्षेत्र में 9 दिसंबर को भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद सेना और भी अधिक चौकस हो गई है। इस दौरान अरुणाचल के बॉर्डर से सामने आई कई सैटेलाइट तस्वीरों ने चीनी साजिश की पोल खोल दी है।
India Vs China Tawang: अरुणाचल प्रदेश के तवांग में 9 दिसंबर को चीन की पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) भारतीय भूभाग पर एक तरफा कब्जा करने की नीयत से आई थी। इसके लिए चीन के सैनिक वर्षों से प्लानिंग कर रहे थे। मगर भारतीय सैनिकों ने उनकी योजना को विफल करते हुए वहां से खदेड़ दिया।
Kejriwal on India-China clash in Tawang: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारत और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को हुई झड़प को लेकर बड़ा बयान दिया है। इस झड़प में भारत के करीब 8 सैनिक और चीन के 20 से अधिक सैनिक घायल हुए हैं।
Violent Clash Between India and China Army in Tawang: वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों में फिर से हिंसक झड़प हो गई है। इस झड़प में भारत की तरफ से अब तक 8 और चीन के 20 से अधिक सैनिक घायल हुए हैं। पिछले कई महीनों से चीन एलएसी के विवादित क्षेत्रों में दखलंदाजी कर रहा है।
Chinese Conspiracy Against India in Ocean: वर्ष 2020 में गलवान में गच्चा खाने के बाद चीन अरुणाचल से लेकर पूर्वी और पश्चिमी लद्दाख तक अपनी पैठ को और भी अधिक मजबूत करता आ रहा है। चीन ने लद्दाख में अब तक 200 से अधिक नए सैनिक शेल्टर बना लिए हैं।
सेना की तरफ से कहा गया है कि दोनो तरफ के नेताओं के बीच तनाव कम करने को लेकर जो जरूरी सहमति बनी है उसे लागू करने को लेकर भी कमांडर स्तर की बैठक में बात हुई है
रक्षामंत्री ने कहा कि इस साल अप्रैल से लद्दाख सीमा पर चीन की सेना की संख्या और हथियारों में वृद्धि देखी गई, इसके बाद मई में चीन के सैनिकों ने हमारे सैनिकों की पेट्रोलिंग को रोकने का प्रयास किया और उससे दोनो तरफ के सैनिकों के बीच फेस ऑफ की क्स्थिति पैदा हुई।
भारत और चीन लद्दाख में जारी विवाद को सुलझाने की कोशिशे लगातार बातचीत के जरिए कर रहे है। इस दिशा में अब दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच रूस में बैठक के दौरान बातचीत हो सकती है।
लद्दाख गतिरोध पर सरकारी सूत्र बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के करीब 50 सैनिक सोमवार (7 सितंबर) को शाम करीब छह बजे मुखपारी चोटी के पास स्थित भारतीय चौकी की ओर आक्रामक तरीके से बढ़ रहे थे।
LAC पर भारत हमेशा से शांति बनाए रखने का प्रयास करता रहा है जिस वजह से भारत की तरफ से 45 वर्षों में कभी भी चीनी सैनिकों के ऊपर गोली नहीं चलाई गई है। इस परंपरा को भारत ने 7 सितंबर की रात को भी नहीं तोड़ा, लेकिन चीन के सैनिकों ने इस परंपरा को तोड़ते हुए गोली चला दी।
सेना की तरफ से कहा गया कि 7 सितंबर को चीन की PLA के सैनिकों ने भारत की एक पोस्ट की तरफ बढ़ने की कोशिश की और जब भारतीय सैनिकों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो चीनी सैनिकों ने हवा में कुछ फायर कर दिए।
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