भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम को एशिया कप का खिताब जीतने पर बधाई दी है। उन्होंने टीम इंडिया के लिए सोशल मीडिया पर एक स्पेशल पोस्ट किया है।
भारत ने दलाई लामा की स्थिति पर अपना रुख दोहराया है और भारतीय लोगों द्वारा उन्हें दिए गए सम्मान पर जोर दिया है। विदेश मंत्रालय ने चीन को दो टूक जवाब दिया है।
भारत-चीन के बीच वास्तवि नियंत्रण रेखा पर 3 वर्षों से अधिक समय से चले आ रहे जबरदस्त तनाव को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। 21वें दौर की सैन्य वार्ता में भारत और चीन की सेनाएं सीमा पर शांति और सौहार्द्र कायम रखने के लिए सहमत हुई हैं। हालांकि विवादित क्षेत्रों का अब भी कोई हल नहीं निकल सका है।
भारत और चीन के बीच एलएसी पर लगातार तनाव बना हुआ है। इस बीच चीन की सेना ने भारत के साथ संबधों को लेकर नई बात कही है। चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि वह भारत के साथ और उसकी फौज के साथ हमेशा अपने संबंधों को महत्व देते हैं। चीन ने कहा कि सीमा पर कई दौर की वार्ता के बाद तनाव कम हुए हैं।
चीन ने एलएसी पर सड़कों, हवाई अड्डों और हेलीपैड का बड़ा नेटवर्क तैयार कर दिया है। चीन ने इस बुनियादी ढांचे का विकास नियंत्रण रेखा पर गलवान और तवांग में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प के बाद किया है। साथ ही सैनिकों की तैनाती भी बढ़ा दी है। पेंटागन की रिपोर्ट में दावा है कि चीन ने भारत सी लगी सीमा पर नए गांव बसाए हैं।
Asian Games 2023 के पहले ही मैच में भारतीय फुटबॉल टीम को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। इस मैच को चीन की टीम ने आसानी से 5-1 से जीत लिया।
अरुणाचल प्रदेश और आक्साई चिन को नक्शे में अपना होने का दावा करने वाला चीन के सुर अब बदल गए हैं। भारत की ओर से कड़ी आपत्ति दर्ज कराने के बाद चीन ने नक्शे जारी करने को लेकर अपनी सफाई दी है। चीन का कहना है कि उसका ऐसा कोई मकसद नहीं है और भारत को इसका कोई गलत अर्थ नहीं निकालना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स सम्मेलन के साथ मुलाकात और बैठक हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अरुणाचल प्रदेश और पूर्वी लद्दाख क्षेत्र से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का मुद्दा उठाया। पीएम मोदी और जिनपिंग ने तनाव कम करने को लेकर बातचीत की।
भारत और चीन के बीच जून 2020 में गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद से ही रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। भारत ने चीन सीमा पर पहले की अपेक्षा कई गुना सैनिकों की तैनाती कर दी है। चीन सीमा पर राफेल और तेजस जैसे लड़ाकू विमानों की भी तैनाती की गई है। विवादित क्षेत्रों में पैट्रोलिंग और सैनिकों की मौजूदगी को लेकर तनाव है।
भारत और चीन के बीच हालात लगातार नाजुक बने हुए हैं। स्वतंत्रता दिवस से 1 दिन पहले सोमवार को दोनों देशों के बीच 19वें दौर की वार्ता होने जा रही है। अब 14 अगस्त को होने वाली इस कोर कमांडर स्तरीय वार्ता पर सभी की निगाहें टिकी हैं।
Indian Army War Exercise : आज सुबह-सुबह इंडियन आर्मी ने ईस्टर्न लद्दाख में बड़ी वार एक्सरसाइज की...इममें भारतीय सेना के टी-90 टैंक, BMP, K-9 वज्र तोप, बोफोर्स तोप और बख्तरबंद गाड़ियां शामिल हुईं
जून 2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद से ही भारत और चीन में टकराव बना है। भारत का लगातार कहना रहा है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होगी, तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते।
भारत और चीन सीमा से लगे गलवान घाटी और तवांग में सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद अब ड्रैगन ने डेमचोक व देपसांग क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया है। चीन की आपत्तिजनक गतिविधियों पर भारतीय सेना की पैनी नजर है। आपको बता दें कि डेमचोक और देपसांग भारत-चीन सीमा विवाद के नए पिन प्वाइंट बन गए हैं।
भारतीय सेना के जवानों ने चीन की सीमा से लगे लद्दाख क्षेत्र में 14 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर और शून्य से नीचे डिग्री तापमान में क्रिकेट खेलकर दुश्मन को भी हक्का-बक्का कर दिया है।जिस बर्फीले पहाड़ पर कुछ सेकेंड और मिनट तक खड़े रह पाना मुश्किल होता है और जहां रगों का खून भी सर्द होने लगता है,जहां सांसें बर्फ बनने लगती हैं।
वर्ष 2020 में गलवान घाटी की हिंसा के बाद से भारत और चीन में तनाव चरम पर है। रही सही कसर चीन ने तवांग में नवंबर 2022 में घुसपैठ का प्रयास फिर से करके पूरा कर दिया था। लिहाजा अब दोनों देशों में दुश्मनी का स्तर हाईटेंशन पर चल रहा है।
अरुणाचल प्रदेश से लेकर लद्दाख तक लगने वाली भारत-चीन की सीमा पर अब शी जिनपिंग की पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) कदम तक नहीं रख सकेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को कड़ा जवाब देने के लिए भारत के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा फैसला लिया है। इस निर्णय के बारे में सुनते ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खेमे में खलबली है।
चीन से लगी सीमा पर ड्रैगन की घेराबंदी करने के लिए भारत ने पिछले 8 वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर का इतना बड़ा जाल बिछा दिया कि जिसे देखकर चीन भी दंग रह गया है। सीमा पर भारतीय सेना की सतर्कता और तैयारियों को देखकर घुसपैठ करने की चीन की हिम्मतें भी जवाब देने लगी हैं।
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिक गश्त पर हैं। अन्य जगहों पर तकनीकि के माध्यम से दुश्मनों पर नजर रखी जा रही है। भारतीय सेना चीन किसी भी आक्रामक कार्रवाई का उपयुक्त जवाब देने को तैयार है। भारतीय थलसेना ने मंगलवार को कहा कि वह लद्दाख सेक्टर में चीन की किसी भी आक्रामक कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देगी।
India Vs China: अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन सेना के बीच दिसंबर में हुई झड़प के बाद केंद्र सरकार ड्रैगन के खिलाफ सबसे बड़ा एक्शन लेने जा रही है। इससे चीन के अर्थव्यवस्था की मकर टूट जाएगी।
भारत-चीन की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) विवाद पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल गांधी को करारा जवाब दिया है। उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग चीन मुद्दे पर गलत जानकारी दे रहे हैं। ड्रैगन ने भारत की जमीन पर 1962 में कब्जा किया था।
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