अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कैबिनेट के नामित सदस्यों के बाद अब कनेक्टिकट से 4 डेमोक्रेटिक सांसदों को भी बम से उड़ाने की धमकी मिलने से हड़कंप मच गया है। हरकत में आई एफबीआई ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
इटली में चल रहे जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की। एंटनी ब्लिंकन ने भारत-अमेरिका के बीच साझेदारी को बेहद मजबूत बताया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के समर्थक और चीन के कट्टर आलोचक को माइक वाल्ट्ज नया NSA चुना है। आइए, जानते हैं माइक वॉल्ट्ज के बारे में खास बातें।
मूडीज ने कहा, ‘‘अमेरिकी नीति में इस बदलाव से भारत और आसियान देशों को फायदा हो सकता है। अमेरिका-चीन के बीच लगातार ध्रुवीकरण से क्षेत्र में भू-राजनीतिक बंटवारा बढ़ने का भी खतरा है जो सेमीकंडक्टर की ग्लोबल सप्लाई में खलल डाल सकता है।’’
उद्योग निकाय पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत-अमेरिका व्यापार 2026-27 में अपने वर्तमान व्यापार से बढ़कर 300 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के होने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच पक्की दोस्ती है लेकिन दोनों नेता अपने व्यक्तिगत रिश्तों को अपने देशों के हितों के आड़े नहीं आने देते।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बुधवार की देर रात काफी बेहतरीन बातचीत हुई है। ट्रंप ने इस दौरान पीएम मोदी और भारत की जमकर तारीफ भी की है।
अमेरिका में ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने से भारत के साथ रिश्तों को और अधिक मजबूती मिलने की उम्मीद की जा रही है। इसकी एक वजह पीएम मोदी और ट्रंप की जिगरी दोस्ती भी है। साथ ही भारत और हिंदुओं के प्रति ट्रंप का अच्छा दृष्टिकोण भी है।
अमेरिका में नया राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान जारी है। डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच विभिन्न मीडिया सर्वेक्षणों में कांटे की टक्कर है। मगर भारत से रिश्तों के लिहाज से ट्रंप और कमला में से किसकी जीत ज्यादा अच्छी रहेगी, इस पर विदेश मंत्री जयशंकर ने जवाब दिया।
अमेरिका के सहयोग से भारत में पहला राष्ट्रीय सुरक्षा सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट लगाने जा रहा है। यह देश की सुरक्षा और समृद्धि के लिए बहुत बड़ा समझौता माना जा रहा है।
पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता में रूस-यूक्रेन युद्ध और गाजा संघर्ष भी शामिल रहा। दोनों नेताओं ने इस समस्या के शांतिपूर्ण समाधान के रास्ते तलाशने पर वार्ता की।
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय वार्ता संपन्न हो गई है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बैठक के बाद एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भारत और अमेरिका के बीच यह साझेदारी पहले इतिहास के किसी भी समय की तुलना में सबसे ज्यादा मजबूत, घनिष्ठ और गतिशील है।
दुनिया में जारी उथल-पुथल के माहौल के बीच अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की है। आइए जानते हैं कि क्या था इस मुलाकात का कारण।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व एनएसए एचआर मैक मास्टर ने अपनी किताब में कई चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने भारत-अमेरिका के गहरे संबंधों की वजह को चीन की आक्रामकता बताई है। इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी और एनएसए अजीत डोभाल की वर्किंग स्टाइल की जमकर तारीफ की है।
समुद्र में विभिन्न देशों की जहाज पर हुए हमलों के दौरान भारतीय नाविकों ने जिस तरह से समुद्री लुटेरों और चरमपंथियों को पस्त करके उन्हें भागने पर मजबूर किया, उस पर अमेरिका फिदा हो गया है। लिहाजा अमेरिका भारतीय नौसेना के साथ मिलकर समुद्री सुरक्षा को विस्तार देने का ऐलान किया है। वह भारत को विशेष एंटी सबमरीन भी दे रहा है।
भारत और अमेरिकी की रणनीतिक साझेदारी अब व्यापक वैश्विक ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप में बदलने जा रही है। इसके तहत दोनों देश मिलकर मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही बड़े पैमाने पर रक्षा उत्पादन करेंगे। भारत में बने हथियार अब पूरी दुनिया पर राज करेंगे। अमेरिका भारत का साथ पाकर चीन को काउंटर करने में भी सक्षम होगा।
अमेरिका के साथ भारत अपनी रणनीतिक साझेदारी को लगातार मजबूत कर रहा है। अब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी समकक्ष लॉयड ऑस्टिन के बीच वाशिंगटन में रक्षा, सुरक्षा से लेकर औद्योगिक सहयोग जैसे मुद्दों पर व्यापक वार्ता हुई है।
भारत-अमेरिका के रणनीतिक संबंध अब और अधिक मजबूत होने जा रहे हैं। दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती दादागिरी से उपजी चिंताओं के बीच अमेरिका भारत के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को उच्च शिखर पर ले जाना चाहता है। इसीलिए अमेरिकी उप विदेश मंत्री रिचर्ड आर वर्मा 5 दिवसीय दौरे पर भारत आ रहे हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने जब रूस की यात्रा की थी तब अमेरिका ने इस यात्रा पर निराशा जताते हुए इसकी आलोचना की थी। अब भारत ने भी अमेरिका को सख्त संदेश जारी कर दिया है। आइए जानते हैं भारत ने क्या-क्या कहा।
अमेरिकी राजदूत ने कहाकि दूसरे देश भी उम्मीद कर रहे हैं कि ये रिश्ते कामयाब हों। क्योंकि अगर ये कामयाब होते हैं, तो यह केवल एक प्रतिसंतुलन नहीं बनेगा, बल्कि यह एक ऐसा स्थान बन जाता है जहां हम साथ मिलकर अपने हथियार विकसित कर रहे हैं, साथ मिलकर अपने प्रशिक्षण को एकीकृत कर रहे हैं।
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