अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों पर चिंताओं के बीच उम्मीद है कि भारत-अमेरिका दोनों पक्ष जल्द ही टैरिफ के मुद्दे पर किसी समझौते पर पहुंच जाएंगे। इसी मसले पर आज विदेश मंत्री एस जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की पीएम मोदी के साथ बैठक हुई है।
भारत ने अमेरिका के साथ बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार के लिए कारों, रसायनों, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों के आयात में बड़ी टैरिफ कटौती का संकेत दिया है।
India-US bilateral trade agreement : चीन के कुछ सामान अमेरिकी बाजार में 45 फीसदी तक टैरिफ का सामना करते हैं। इन सेक्टर्स में भारत उत्पादन बढ़ा सकता है और मौकों का फायदा उठा सकता है।
अमेरिका की ओर से टैरिफ की घोषणा के बाद चुनौतियों को लेकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने PM मोदी पर भरोसा जताया है। उन्होंने कहा है कि सरकार इस संकट को अवसर में बदल देगी।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल प्रस्तावित समझौते पर अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर के साथ बातचीत के लिए इस हफ्ते वाशिंगटन में हैं। भारत में ऐसी उम्मीद है कि वह ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए जा रहे जवाबी शुल्क से बच सकता है।
'अप्रैल फूल डे' के कारण डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बड़े फैसले को एक दिन के लिए टाल दिया है। ट्रंप ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि मुझ पर अप्रैल फूल दिवस का आरोप लगे।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत समेत अन्य देशों के खिलाफ बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं। ट्रंप ने 2 अप्रैल के रूप में इस कदम के लिए तारीख का भी ऐलान कर दिया है।
अमेरिका उन कुछ देशों में से एक है जिनके साथ भारत का व्यापार सरप्लस है। 2023-24 में, अमेरिका 119. 71 अरब अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर भारत के खिलाफ अपना तेवर दिखाया है। उन्होंने अपने कैबिनेट के सहयोगी एलन मस्क को भारत में टेस्ला की कंपनी लगाने के प्रति हतोत्साहित कर दिया है। ट्रंप ने कहा कि अगर मस्क भारत में फैक्टरी लगाते हैं तो यह अमेरिका के साथ अन्याय होगा।
इस फैसले से उन अमेरिकी निवेशकों को बड़ा बढ़ावा मिलेगा जो भारत में आना चाहते हैं और भारत में नए निवेश अवसरों की तलाश कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप की दोस्ती से दुनिया का "वर्ल्ड ऑर्डर" तेजी से बदलता दिख रहा है। भविष्य में होने वाले इस बदलाव से विश्व के अन्य देश भी प्रभावित होंगे l इस जोड़ी से चीन और पाकिस्तान जैसे देश सहमे हुए दिख रहे हैं l अब भारत और अमेरिका को दुनिया "नए बॉस" के रूप में देख रही है।
अमेरिकी खुफिया एजेंसी की निदेशक तुलसी गबार्ड ने पीएम मोदी के दौरो को लेकर बड़ा बयान दिया है। तुलसी का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी का अमेरिका में स्वागत करना उनके लिए सम्मान की बाता है।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप में ह्वाइट हाउस में हुई वार्ता के बाद अब भारत में परमाणु रिएक्टरों का जाल बिछाने की तैयारी है। इससे भारत की परमाणु ऊर्जा ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति की मुलाकात और दोनों देशों की ओर से जारी संयुक्त बयान से पाकिस्तान के होश उड़ गए हैं। पाकिस्तान ने इस बयान को एकतफा और भ्रामक बताया है।
चीन ने प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की बैठक पर सधी प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि द्विपक्षीय सहयोग में चीन को मुद्दा नहीं बनाना चाहिए और एशिया-प्रशांत क्षेत्र को शांतिपूर्ण विकास का केंद्र होना चाहिए।
भारत के लिए शराब की प्रमुख निर्यातक देशों में अमेरिका (75 मिलियन अमेरिकी डॉलर), यूएई (54 मिलियन अमेरिकी डॉलर), सिंगापुर (28 मिलियन अमेरिकी डॉलर) और इटली (23 मिलियन अमेरिकी डॉलर) शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इस ऐतिहासिक मुलाकात में आर्थिक सहयोग केंद्र में रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक दोगुना करके 500 बिलियन डॉलर करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर सहमति जताई।
अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ने बेहद सख्त रुख दिखाई है। उन्होंने कहा कि जो प्रमाणित अवैध भारतीय होंगे सिर्फ उन्हें ही हम वापस लेने को तैयार हैंघ। मगर मानव तस्करी पर भी ट्रंप को सख्ती करनी होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर बांग्लादेश और चीन के मुद्दे पर खुलकर बात की। साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ का ट्रेलर दे दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत किसी भी अन्य देश से ज्यादा टैरिफ लगाता है। इसलिए जो हम पर टैरिफ लगाएगा, हम भी उस पर परस्पर शुल्क लगाएंगे।
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