रूस कम से कम इस दशक के अंत तक बढ़ती सैन्य संसाधनों की वैश्विक डिमांड को पूरा करने में उतना सक्षम नहीं रहेगा। इनमें सबसे अहम खरीदार भारत है, जिसने रूस के साथ ब्रह्मोस से लेकर एस.400 मिसाइल रोधक प्रणाली तक के लिए डील कर रखी है।
भारत की तरह ही पाकिस्तान रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदना चाहता है और इसके लिए वह उतावला हुआ जा रहा है। जानिए पूरी खबर-
भारत ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को निंमंत्रण भेजकर बुलाया है जिसे रूस ने स्वीकार कर लिया है। पुतिन इस साल सितंबर में भारत में जी20 शिखर सम्मेलन में भाग ले सकते हैं।
पश्चिमी कंपनियों ने रूसी बाजार (Russia Market) से अपनी वापसी की घोषणा कर दी है। रूस-यूक्रेन युद्ध (Russian Ukraine War) के चलते कुछ कंपनियों ने अपने संचालन बंद कर दिए थे, वहीं कुछ अभी भी अपने काम को संचालित कर रही है।
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘मिसाइल प्रणाली के विभिन्न महत्वपूर्ण पुर्जों व इसके अन्य उपकरणों का परिवहन तैनाती स्थल तक जारी है।’’ रूस से भारत एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की कुल पांच इकाई प्राप्त करेगा।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे पर बोलते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच कई क्षेत्रों में संधि समेत 28 समझौते किए गए। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध का मुद्दा उठाया या नहीं? इस पर विदेश सचिव ने कहा कि भारत की सुरक्षा संबंधी सभी चिंताओं पर चर्चा हुई।
एस-400 मिसाइल रक्षा सौदे पर रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि ‘‘सौदे को क्रियान्वित किया जा रहा है। हमने अमेरिका द्वारा सहयोग को कमजोर करने तथा इस क्षेत्र के विकास के लिए अमेरिकी विजन का अनुपालन कराने को लेकर अमेरिकी आदेश देखे हैं।’’
दोनों देशों के बीच कई रक्षा समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए, जिसमें एके-203 को लेकर भी करार हुआ
चीन के प्रोपेगेंडा अखबार की इस फर्जी खबर की रक्षा मंत्रालय ने कुछ ही मिनटों में हवा निकाल दी। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रूस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का अपनी चीनी समकक्ष से मिलने का कोई कार्यक्रम नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि रूस के अधिकारियों के साथ उनकी बातचीत काफी सकारात्मक और अच्छी थी। मुझे आश्वासन दिया गया है कि चल रहे अनुबंधों को न केवल बनाए रखा जाएगा, बल्कि जल्द ही निष्पादित किया जाएगा।
भारत और चीन अपने सीमा विवाद के शांतिपूर्ण समाधान में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका को खारिज कर चुके हैं। रूस के दोनों देशों से करीबी रिश्ते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को टेलीफोन पर बातचीत की। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन और रूस के लोगों को नववर्ष की बधाई भी दी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के उद्योग एवं व्यापार मंत्री डेनिस मांटुरोव मॉस्को में भारत-रूस रक्षा उद्योग सहयोग सम्मलेन में रक्षा उद्योग के प्रतिनिधियों को मंगलवार को संबोधित करेंगे।
व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी शिखर वार्ता की पूर्व संध्या पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति के साथ उनका एक खास तालमेल है। साथ ही, वह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण चाहते हैं ताकि दोनों देश अन्य देशों को सस्ती दरों पर निर्यात करने के लिए सैन्य उपकरण बना सकें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूसी शहर व्लादिवोस्तोक की बुधवार से शुरू हो रही दो दिवसीय यात्रा के दौरान भारत और रूस के बीच विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों में कई समझौते होने के साथ ही तेल और गैस क्षेत्र में गहरे सहयोग के लिए पांच वर्षीय खाका तैयार किए जाने की उम्मीद है।
पीएम नरेंद्र मोदी 4 सितंबर को रूस की 36 घंटे की यात्रा पर जाएंगे। पीएम नरेंद्र मोदी पीएम 4 सितंबर को सुबह व्लादिवोस्तोक पहुंचेंगे और 5 सितंबर को शाम को वहां से प्रस्थान करेंगे।
हिंद प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल फिलिप डेविडसन ने कोलाराडो में एस्पन सिक्योरिटी फोरम को बताया, “भारत एस-400 हासिल कर रहा है। यह रूस की वायु रक्षा प्रणाली है। यह थोड़ी समस्या है। लेकिन हम बातचीत जारी रखेंगे।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिश्केके में एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर रूस के राष्ट्रपति व्लादमिर पुतिन से मुलाकात की।
भारत और रूस ने दोनों देशों की सामरिक शक्ति को मजबूत करने के लिए जब ब्रह्मोस को लेकर समझौता किया होगा तो सोचा भी नहीं होगा कि यह रक्षा उत्पादों की श्रेणी का एक बड़ा ब्रांड होगा।
भारत में रूसी राजदूत निकोलई कुदाशेव ने गुरूवार को यहां कहा कि पाकिस्तान के साथ रूस के संबंध भारत के लिए चिंता का विषय नहीं होना चाहिए।
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