विदेश मंत्री ने कहा कि आज हमारा द्विपक्षीय व्यापार 66 बिलियन डॉलर है। इससे 2030 तक 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का लक्ष्य तर्कसंगत है। व्यापार संतुलन को तत्काल सुधारने की आवश्यकता है क्योंकि यह बहुत एकतरफा है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने रूस के कजान शहर में पहुंच चुके हैं। पीएम मोदी ने मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की है।
आर. सेल्वम ने कहा कि लेदर के कपड़े, सामान और जूते जैसे सेक्टरों में एक्सपोर्ट के बड़े मौके हैं। हालांकि, रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से रूस में पेमेंट संबंधी समस्याएं हैं, लेकिन रुपये में कारोबार करने वाले एक्सपोर्टर माल भेज सकते हैं। लेदर, लेदर के सामानों और जूते का निर्यात 2022-23 में 4.48
पीएम नरेंद्र मोदी ने जब रूस की यात्रा की थी तब अमेरिका ने इस यात्रा पर निराशा जताते हुए इसकी आलोचना की थी। अब भारत ने भी अमेरिका को सख्त संदेश जारी कर दिया है। आइए जानते हैं भारत ने क्या-क्या कहा।
पीएम मोदी का रूस दौरा समाप्त होने के बाद अमेरिका का बड़ा बयान सामने आया है। पेंटागन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि रूस के साथ संबंधों में नजदीकी बढ़ने के बावजूद भारत अमेरिका का रणनीतिक साझेदार बना रहेगा। अमेरिका ने उम्मीद जताई कि यूक्रेन में शांति के लिए भारत रूस से आग्रह करके मुद्दे को सुलझाने का प्रयास करेगा।
अमेरिका ने यूक्रेन युद्ध को लेकर बड़ा बयान जारी किया है। ह्वाइट हाउस के प्रवक्ता कैरिन जीन-पियरे ने कहा कि भारत के रिश्ते रूस के साथ ऐसे हैं कि वह चाहे तो पुतिन से आग्रह करके यूक्रेन युद्ध को रोकवा सकता है।
भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार से संबंधित गैर-शुल्क व्यापार बाधाओं को खत्म करने और ईएईयू-भारत मुक्त व्यापार क्षेत्र की स्थापना की संभावना सहित द्विपक्षीय व्यापार के उदारीकरण के लिए बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई गई है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी का स्वागत अपने आवास नोवो-ओगारियोवो पर आमंत्रित किया। यहां दोनों नेताओं ने डिनर किया और जरूरी बैठक की।
पीएम मोदी रूस की यात्रा पर ऐसे समय में गए हैं जब जब पूरी दुनिया एक बार फिर से दो धड़ों में बंटती नजर आ रही है। दुनिया भर की नजरें पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात पर हैं। इस मुलाकात से चीन को भी एख बड़ा संदेश गया है।
भारत और रूस की दोस्ती की गहराई का अंदाजा लगा पाना आसान नहीं है। दोनों देश जमीन से आसमान तक और समुद्र से पाताल तक एक दूसरे के घनिष्ठ मित्र हैं। विभिन्न वैश्निक परिस्थियों में भारत और रूस के बीच अटूट दोस्ती की धार कभी कम नहीं होने पाई। अब पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन लगातार तीसरी जीत दर्ज कर इतिहास रच चुके हैं।
भारत और रूस के बीच संबंधों को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि हमारे बीच बेहद सकारात्मक संबंध हैं। उन्होंने चीन की ओर रूस के खिंचाव पर कहा कि ऐसा हम नहीं सोचते। किस देश के साथ दूसरे देश का संबंध कैसे है यह उस पर निर्भर करता है। रूस ने भारत को कभी नुकसान नहीं पहुंचाया।
विदेशमंत्री जयशंकर की रूस यात्रा से दोनों देशों के रणनीतिक और व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाई मिली है। जयशंकर 5 दिनों की रूसी यात्रा पर थे। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से भी मुलाकात की। साथ ही दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत किया।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत और रूस के संबंधों को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के संबंध बेहद स्थिर और मजबूत हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन आपस में फोन पर बातचीत करते रहते हैं।
यूक्रेन से चल रहे युद्ध के बीच भारत ने रूस के साथ एक महत्वपूर्ण परमाणु ऊर्जा समझौता करके चीन से लेकर अमेरिका तक को चकरा दिया है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मास्को में रूस के उप प्रधानमंत्री मंतुरोव की मौजूदगी में इन समझौतों पर हस्ताक्षर किया। इससे भारत और रूस के बीच प्राचीन संबंधों में अधिक प्रगाढ़ता आएगी।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने एक बार फिर अपने प्रिय दोस्त और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर तारीफ की है। पुतिन ने पीएम मोदी को बहुत ही बुद्धिमान व्यक्ति बताया है। पुतिन ने कहा कि पीएम मोदी के साथ उनके बेहतरीन राजनैतिक संबंध हैं और मोदी के नेतृत्व में भारत विकास की नई ऊंचाइयां छू रहा है।
रूसी कच्चे तेल पर छूट में गिरावट और पेमेंट संबंधी दिक्कतें पेश आ रही हैं। इसी बीच खबर है कि भारत के सरकार रिफाइनर कच्चे तेल की खरीद के लिए मध्य पूर्व के अपने पुराने तेल निर्यातक देशों की ओर मुड़ रहे हैं।
भारत-रूस के बहुत ही पारंपरिक संबंध हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत हमेशा इसे शांति से बातचीत के जरिये समाधान खोजने के पक्ष में रहा है। इस बीच पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से वैश्विक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। ऐसे में रूस ने भारत के एनएसए अजीत डोभाल से फोन पर बात की है। रूस ने अपने ताजा घटनाक्रमों से अवगत कराया है।
भारत और रूस के रिश्ते यूक्रेन युद्ध के चलते कठिन कसौटी पर कसे जा रहे हैं। इस दौरान दक्षिण अफ्रीका में दोनों देशों के विदेशमंत्रियों की गर्मजोशी से मुलाकात ने अंदर के मनमुटाव को काफी हद तक दूर कर दिया है।
रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि रूस के पास अरबों की राशि का भारतीय रूपया जमा पड़ा हुआ है, लेकिन उसका उपयोग रूस नहीं कर पा रहा है। इस पर भारत ने दो टूक जवाब दिया है।
रूस कम से कम इस दशक के अंत तक बढ़ती सैन्य संसाधनों की वैश्विक डिमांड को पूरा करने में उतना सक्षम नहीं रहेगा। इनमें सबसे अहम खरीदार भारत है, जिसने रूस के साथ ब्रह्मोस से लेकर एस.400 मिसाइल रोधक प्रणाली तक के लिए डील कर रखी है।
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