म्यांमार और भारत की सीमा पर अस्थिरता बनी हुई है। म्यांमार में चल रहा आंदोलन राजनीतिक अस्थिरता पैदा कर रहा है। ऐसे में काफी संख्या में घुसपैठिये भारतीय सीमा में दाखिल होते हैं। इसके खिलाफ एनएसए अजीत डोभाल ने म्यांमार के पीएम से वार्ता की है।
केंद्र सरकार ने इसी साल फरवरी में भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने और दोनों देशों के बीच मुक्त आवाजाही व्यवस्था को खत्म करने का फैसला किया था। इसको लेकर आज आइजोल में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि केंद्र ने ये इसलिए किया, क्योंकि सरकार देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।
केंद्र सरकार ने 6 फरवरी को घोषणा की थी कि भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाई जाएगी। इसके दो दिन बाद 8 फरवरी को भारत और म्यांमार के बीच FMR यानि फ्री मूवमेंट रिजीम को खत्म करने की घोषणा की थी। इसके मुताबिक, म्यांमार देश की भारत के चार राज्यों से लगने वाली सीमाओं को सील किया जाएगा।
भारत और मिजोरम की सीमा पर बाड़बंदी के केंद्र सरकार के फैसले पर मिजोरम के सीएम ने एक बार फिर अपना विरोध जताया है। उन्होंने आशा जताई है कि दोनों देशों की सीमा पर बाड़बंदी नहीं की जाएगी।
म्यांमार की मिलिशिया समूह पीपुल्स डिफेंस फोर्स ने सीमा के पास खावमावी और रिहखावदार में दो सैन्य ठिकानों पर हमला कर के कब्जा कर लिया था। इसके बाद म्यांमार की सेना ने जवाबी कार्रवाई और भीषण हमले किए।
भारत-म्यांमार बॉर्डर पर शुक्रवार रात भूकंप के झटके आए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.3 मापी गई है।
भारत की म्याnमां के साथ 1624 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्री य सीमा है।
असम राइफल्स ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मणिपुर के मोरेह कस्बे में भारत-म्यामां सीमा को सील कर दिया है।
म्यांमार-भारत (नागालैंड) सीमा क्षेत्र में शनिवार को रिक्टर स्केल पर 5.4 की तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए।
भारत-म्यांमार सीमा के आर-पार विद्रोही गतिविधियों, गोला बारूद एवं अवैध मालों की तस्करी की चुनौती से निपटने के लिए गृह मंत्रालय ने सीमा के पास एक ‘नया ऑपरेटिंग बेस’ स्थापित करने की योजना बनाई है...
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