फिच ने अपने बयान में कहा है कि आसान मौद्रिक और राजकोषीय नीति एवं संरचनात्मक उपायों की मदद से वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की वृद्धि दर रिकवर होकर 5.6 प्रतिशत और इसके अगले वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत रहेगी।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी देश की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान सात प्रतिशत से घटाकर 6.1 प्रतिशत किया है। विश्वबैंक ने भी यह अनुमान घटाकर छह प्रतिशत कर दिया है।
मूडीज ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि हमनें भारत के लिए अपने वृद्धि अनुमान में संशोधन किया है और इसे पूर्व अनुमान की तुलना में और कम कर दिया है।
सुस्त अर्थव्यवस्था के चलते भारत के लिए एक और बुरी खबर आयी है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की रेटिंग घटा दी है।
उद्योग मंडल भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के हालिया इकॉनोमिक आउटलुक सर्वे में चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर छह फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। सर्वे के अनुसार, पूरे वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक विकास दर 6.9 फीसदी रह सकती है।
कमजोर वैश्विक अर्थव्यवस्था से एशियाई निर्यात प्रभावित हुआ है। इसके अलावा अनिश्चित वातावरण की वजह से भी निवेश पर असर पड़ा है।
क्रिसिल ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को पूर्व के 7.1 प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है।
धीमी वैश्विक वृद्धि और देश में कमजोर मानसून के बीच आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 7.1 प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने जीडीपी और रोजगार से जुड़े तमाम आंकड़े शुक्रवार को जारी कर दिए हैं।
इसके अलावा चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाकर भी 7 प्रतिशत कर दिया गया है, जिसके इससे पहले 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
संयुक्तराष्ट्र की वैश्विक आर्थिक स्थिति एवं संभावनाएं (डब्ल्यूईएसपी) 2019 रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2020-21 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहेगी
भारत 2019 में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की सूची में ब्रिटेन को पीछे छोड़ सकता है। वैश्विक सलाहकार कंपनी PwC की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
2019 के लिए चीन की ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया गया है। यानि 2018 के साथ 2019 में भी GDP ग्रोथ के मामले में चीन से आगे रहेगा
देश की आर्थिक वृद्धि दर सुधार की राह पर है। चालू वित्त वर्ष में इसके 7.5 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद है। पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद विरमानी ने आज यह बात कही।
उद्योग जगत को अगले दो वर्षों में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर बढ़कर 8 प्रतिशत के करीब रहने की उम्मीद है। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में कहा है कि मजबूत सुधार प्रक्रिया और राजकोषीय सूझबूझ ने तेजी की नीव रखी है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं, शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स ने 35152.17 का ऊपरी स्तर छुआ है और फिलहाल 121.36 प्वाइंट की बढ़त के साथ 35027.47 पर कारोबार कर रहा है, निफ्टी की बात करें तो वह भी 38.70 प्वाइंट की बढ़त के साथ 10653.05 पर ट्रेड हो रहा है।
मार्च तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ 7.3 प्रतिशत रह सकती है जो नोटबंदी के बाद सबसे अच्छी तिमाही ग्रोथ होगी। मार्च तिमाही से पहले दिसंबर तिमाही में ग्रोथ 7.2 प्रतिशत थी और वित्तवर्ष 2016-17 की मार्च तिमाही में ग्रोथ 6.1 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष( आईएमएफ) ने आज कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के दो अस्थायी झटकों के बाद इस साल भारत की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार तेज हो सकती है जबकि चीन की वृद्धि रफ्तार धीरे धीरे कम होने की संभावना है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा कि 2018 और 2019 में में चीन की वृद्धि दर क्रमश: 6.6 प्रतिशत और 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि भारत में 7.4 और 7.8 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान है
मॉर्गन स्टेनली का अनुमान है कि 2018 में निजी निवेश खर्च में सुधार होगा, जिसकी कुल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़