डेलॉयट इंडिया का मानना है कि विकास दर को फेस्टिवल सीजन में खर्च बढ़ने और देश में अगले साल लोकसभा चुनावों के पहले सरकारी खर्च बढ़ने से सपोर्ट मिलेगा। भारत फिलहाल दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है।
आईएमएफ (IMF) ने विकास अनुमान में बढ़ोतरी के लिए अप्रैल-जून के दौरान उम्मीद से ज्यादा मजबूत खपत को कारण बताया। साथ ही महंगाई के मोर्चे पर कहा है कि इस वित्तीय वर्ष में भारत की खुदरा महंगाई 5.5 प्रतिशत रह सकती है।
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अगले कुछ साल इस वृद्धि दर को आसानी से बनाए रख सकते हैं।'' भारत की जीडीपी वृदि दर 2022-23 में 7.2 फीसदी रही थी, जो 2021-22 के 9.1 फीसदी से कम है। हालांकि, कच्चे तेल में उछाल से भारत का चालू खाता घाटा बढ़ा है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 1
भारत में जहां तक विदेशी पर्यटकों के आगमन (एफटीए) की बात है तो 2021 में 15 लाख से बढ़कर 2024 तक यह 1.5 करोड़ हो गई। 2030 तक इसके 2.5 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
India's GDP: भारत हर मोर्चे पर विकास कर रहा है। देश में कम हो रही महंगाई के चलते फिच रेटिंग्स ने भी इंडिया की जीडीपी ग्रोथ रेट बढ़ा दी है।
आपको बता दें कि पूरी दुनिया में भारतीय अर्थव्यवस्था ससबे तेज गति से बढ़ रही है। इस बात को अब तमाम रेटिंग मानने लगे हैं। फिच ने भी यह बदलाव भारत की तेज विकास रफ्तार को देखने के बाद ही किया है।
RBI Governor India: भारत की तरक्की आने वाले समय में और तेजी से बढ़ने जा रही है। इसके पीछे का कारण भी अब पता चल गया है। आरबीआई गवर्नर ने इसको लेकर जानकारी दी है।
Morgan Stanley Report On India: अमेरिका के ग्लोबल इनवेस्टमेंट बैंक मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट ने ये माना है कि मोदी के नेतृत्व में भारत बदल गया है.. और आज भारत एशिया और ग्लोबल ग्रोथ में एक अहम भूमिका निभाने को तैयार है.. रिपोर्ट में 2014 से हुए 10 बड़े बदलावों का जिक्र है.. भारत में कॉरपोरेट टैक्स की
India GDP Growth 2023: केंद्र में मोदी सरकार की जबरदस्त तारीफ की है...दुनिया भर की जानी-मानी ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने दावा किया है कि एक दशक से भी कम समय में भारत की तस्वीर बदल गई है...
India GDP Growth 2023: केंद्र में मोदी सरकार की जबरदस्त तारीफ की है...दुनिया भर की जानी-मानी ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने दावा किया है कि एक दशक से भी कम समय में भारत की तस्वीर बदल गई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व स्तर पर विकास में मंदी के बीच भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के संयुक्त प्रयासों के कारण भारत के मैक्रोइकॉनॉमिक फंडामेंटल अधिक स्थिर प्रतीत होते हैं।
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने दुनिया के मंदी में जाने की बढ़ती आशंकाओं के बीच कहा कि दुनिया की मंदी से भारत अछूता रहेगा।
वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में देश की जीडीपी 20.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी। एजेंसी का मानना है कि महामारी की तीसरी लहर ना आने पर आने वाले तिमाहियों में भी सुधार देखने को मिलेगा।
राजकोषीय घाटा अगले दो साल तक ऊंचा बना रहेगा लेकिन कर्ज/जीडीपी अनुपात स्थिर होने का अनुमान है।
सरकारी खपत को छोड़कर, ईएआई-जीवीए जुलाई 2021 में सालाना आधार पर 7.1 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी, जो जून 2021 में सालाना आधार पर 3.2 फीसदी से तेज थी, लेकिन मार्च-मई 2021 में धीमी रही है।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने मंगलवार को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर को जारी करते हुए कहा कि यह अबतक की सबसे बेहतर तिमाही वृद्धि दर है।
आईएमएफ ने अपने ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य में कहा है कि मार्च-मई के दौरान घातक दूसरी कोविड लहर के कारण भारत के लिए वृद्धि अनुमान में कटौती की गई है क्योंकि इस वजह से भरोसे में रिकवरी धीमी पड़ने की संभावना है।
एसएंडपी ने कहा कि हमने मार्च में घोषित चालू वित्त वर्ष में वृद्धि के लिए 11 फीसदी के पूर्वानुमान को घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया है।
वित्त वर्ष 2022 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 8.7 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (एमओएफएसएल) ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में यह दावा किया है।
मूडीज ने आगे कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में गिरावट का अनुमान है, जबकि इसके बाद सुधार होगा
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