सूत्रों ने बताया कि पहले अचानक युद्ध की हालातों से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को 10 दिन का गोला-बारुद और हथियार स्टॉक करने की इजाजत थी, जो अब दोनों मोर्चों चीन और पाकिस्तान को देखते हुए 15 दिन कर दी गई है।
भारत और चीन के बीच बीते कुछ महीनों से LAC पर गतिरोध बना हुआ है। इस बीच एक वरिष्ठ चीनी अधिकारी ने मंगलवार को कहा है कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को और अधिक घटाने के लिए चीन और भारत काम कर रहे हैं।
नेपाली विशेषज्ञों और विदेश नीति के पर्यवेक्षकों ने कहा है कि वेई की यात्रा एक ऐसे समय में बहुत सार्थक है जब सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में विवाद और कलह उच्च स्तर पर पहुंच गया है, चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का धीमा कार्यान्वयन हो रहा है और जब बीजिंग, भारत-अमेरिका के बीच अन्य सामरिक पैक्ट को लेकर दक्षिण एशियाई राष्ट्रों का रुख जानना चाहता है।
भारत, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन से लगी सीमा पर कई रणनीतिक स्थलों पर पहले ही काफी संख्या में ब्रह्मोस मिसाइलों की तैनाती कर चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस की अध्यक्षता में ब्रिक्स की आतंकवाद-रोधी रणनीति को अंतिम रूप देने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और भारत अपनी अध्यक्षता के दौरान इस कार्य को आगे बढ़ाएगा।
India China News: भारतीय पक्ष इस मुद्दे पर बहुत सावधानी से आगे बढ़ रहा है क्योंकि इस साल जून में गलवान घाटी में संघर्ष के बाद चीन की बातों और दावों पर विश्वास लगभग समाप्त हो गया है।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सीडीएस रावत ने कहा कि चीन की पीएलए लद्दाख में अपने दुस्साहस को लेकर भारतीय बलों की मजबूत प्रतिक्रिया के कारण अप्रत्याशित परिणाम का सामना कर रही है।
भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) को लेकर सेनाओं की स्थिति ज्यों की त्यों ही बनी हुई है। हालांकि, इस तनावपूर्ण स्थिति को सुलझाने के लिए दोनों देशों की सेनाओं के बीच बातचीत चल रही है।
भारतीय सेना ने LAC पर दो अतिरिक्त डिवीजनों को तैनात किया है, इनमें से एक मैदानों से और एक पर्वतीय इलाके से है। पर्वतीय इलाकों वाली डिवीजन, कई वर्षों से उच्च-ऊंचाई वाले इलाकों में ऑपरेशन के लिए प्रशिक्षण ले रही है।
हांगकांग के साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट अखबार ने लिखा कि शी की अध्यक्षता में हुई बैठक में पीएलए को 2027 तक आधुनिक सैन्य बल बनाने का नया लक्ष्य तय किया गया है, तब तक चीन की सेना को अमेरिका की तर्ज पर तैयार किया जाएगा।
भारत मंगलवार को 2 प्लस 2 मंत्रिस्तरीय संवाद के दौरान अमेरिका के साथ बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट फॉर जियो-स्पेशियल कोऑपरेशन (बेका) के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करेगा। यह समझौता रक्षा और अन्य उद्देश्यों के लिए सरकारों द्वारा उपयोग के लिए जियो-स्पेशियल खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान से संबंधित है।
ग्लोबल टाइम्स ने कहा, "रविवार को ट्विटर पर कुछ posts में दावा किया गया था कि चीनी सेना ने तिब्बत के दक्षिण में 20 भारतीय सैनिकों का अपहरण कर लिया है लेकिन मामले से जुड़े सूत्रों ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि यह फर्जी खबर है।"
मोहन भागवत ने कहा कि भारत को चीन के खिलाफ बेहतर सैन्य तैयारियां करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अब कई देश चीन के सामने खड़े हैं।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद चीन से लगती सीमाओं पर निगरानी रखने वाली आईटीबीपी की ओर से चौकियां बढ़ाने की मंजूरी का काफी महत्व है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विजयदश्मी के दिन शस्त्रपूजा भी करते हैं, इसबार वो सीमा के नजदीक सुरक्षाबलों की किसी यूनिट में 'शस्त्रपूजा' करेंगे। अपने इस दौरे पर राजनाथ सिंह बीआरओ द्वारा बनाए जा रहे कई इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन भी करेंगे।
सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा हिंदू परंपरा के अनुसार सिक्किम में चीन की सीमा के पास तैनात स्थानीय इकाइयों में से एक में "शस्त्र पूजा" करने की भी संभावना है।
कहा जा रहा है कि ये चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर ‘‘भटक कर’’ भारतीय इलाके में आ गया। भारत द्वारा पकड़े गए इस सैनिक को लेकर अब चीन की तरफ से प्रतिक्रिया भी सामने आई।
जयशंकर ने कहा, ‘‘हमारा यह रुख नहीं है कि हमें सीमा के सवाल का हल निकालना चाहिए। हम समझते हैं कि यह बहुत जटिल और कठिन विषय है। विभिन्न स्तरों पर कई बातचीत हुई हैं। किसी संबंध के लिए यह बहुत उच्च लकीर है।’’
रेड्डी ने बताया, "लद्दाख की शांत भूमि पर पहुंचने के बाद लेह से नुब्रा के रास्ते पर मुझे सड़क निर्माण में जुटे Border Road Organisation के वर्कर्स से बातचीत करने का मौका मिला। ये लगातार 18,600 फीट की ऊंचाई पर बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे हैं।"
Shanghai Institute for International Studies स्थित Center for Asia-Pacific Studies के डॉयरेक्टर Zhao Gancheng ने कहा कि भारत वन चाइना पॉलिसी को चैलेंज कर आग से खेल रहा है।
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