सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा हिंदू परंपरा के अनुसार सिक्किम में चीन की सीमा के पास तैनात स्थानीय इकाइयों में से एक में "शस्त्र पूजा" करने की भी संभावना है।
पिछले छह महीनों के दौरान लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारत के खिलाफ चीन की आक्रामकता ने इस क्षेत्र में अपनी विदेश नीति और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के शासन के प्रति दृष्टिकोण की समीक्षा के लिए नई दिल्ली को एक प्रकार से मजबूर किया है।
कहा जा रहा है कि ये चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर ‘‘भटक कर’’ भारतीय इलाके में आ गया। भारत द्वारा पकड़े गए इस सैनिक को लेकर अब चीन की तरफ से प्रतिक्रिया भी सामने आई।
लद्दाख सीमा पर भारतीय सैनिकों ने एक चीनी सैनिक को पकड़ा है। डेमचॉक इलाके में पकड़े गए इस चीनी सैनिक के पास से कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं। चीनी सैनिक के पकड़े जाने के बाद बार-बाद युद्ध की धमकी देने वाली चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने एक बड़ा बयान दिया है।
जयशंकर ने कहा, ‘‘हमारा यह रुख नहीं है कि हमें सीमा के सवाल का हल निकालना चाहिए। हम समझते हैं कि यह बहुत जटिल और कठिन विषय है। विभिन्न स्तरों पर कई बातचीत हुई हैं। किसी संबंध के लिए यह बहुत उच्च लकीर है।’’
रेड्डी ने बताया, "लद्दाख की शांत भूमि पर पहुंचने के बाद लेह से नुब्रा के रास्ते पर मुझे सड़क निर्माण में जुटे Border Road Organisation के वर्कर्स से बातचीत करने का मौका मिला। ये लगातार 18,600 फीट की ऊंचाई पर बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे हैं।"
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को हिंसक झड़पों में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गये थे जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बहुत बढ़ गया था। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जवान भी हताहत हुए थे लेकिन उसने स्पष्ट संख्या नहीं बताई।
लद्दाख पर चीन की टिप्पणी के बाद भारत ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। भारत ने साफ साफ कहा है कि चीन को भारत के आंतरिक मसलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं। उन्होंने कहा कि केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग थे, हैं और रहेंगे।
चीन की ओर से यह टिप्पणी अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ द्वारा दिए गए बयान के तीन दिन बाद आई है। पोम्पियो ने कहा था कि चीन ने भारत के खिलाफ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 60,000 सैनिकों को तैनात किया है।
भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सोमवार को हुई कोर कमांडर स्तर की बातचीत बेनतीजा रही।
भारत और चीन की सेना के बीच एलएसी पर कल बैठक होने जा रही है। यह मीटिंग कल सुबह 9:30 बजे कोर कमांडर स्तर के अधिकारियों के बीच शुरु होगी। भारत की तरफ चुशूल में यह बैठक होने वाली है। इस बैठक का एजेंडा चाइना स्टडी ग्रुप ने तैयार किया है।
Shanghai Institute for International Studies स्थित Center for Asia-Pacific Studies के डॉयरेक्टर Zhao Gancheng ने कहा कि भारत वन चाइना पॉलिसी को चैलेंज कर आग से खेल रहा है।
पाल की ये टीम Humla जिले के Namkha में बॉर्डर पिलर्स को मॉनिटर करने के लिए गई थी। जिसपर चीन के सुरक्षाकर्मियों ने हमला कर दिया। इस बात की जानकारी Namkha ग्राम पंचायत के उपाध्यक्ष है।
वायुसेना ने प्रेस रिलीज के जरिए बताया कि ऑक्सीजन की कमी के साथ-साथ हवा की कम डेनसिटी और दुर्गम दुर्गम पहाड़ी इलाके में इतनी ऊंचाई पर उतरना बेहद चुनौतीपूर्ण है।
अधिकारी ने कहा, "इन ऊंचाइयों पर ना तो कोई अस्थायी ढांचा बनाया गया है, ना ही यहां कोई सड़क या बुनियादी ढांचा है।"
राहुल ने कहा, "प्रधानमंत्री अपने आपको देशभक्त कहता है और पूरा देश जानता है कि चाइना की सेना हिंदुस्तान के अंदर। कैसा देशभक्त है ये? मैं आपको बता रहा हूं कि हमारी सरकार होती न तो उठाकर फेंक देते चाइना को बाहर, 15 मिनट नहीं लगते"
इस समय भारतीय जवान भारतीय स्माल आर्म्स सिस्टम (इंसास) 5.56x45mm राइफलों का इस्तेमाल करते हैं। नई Sig Sauer assault rifles इन राइफलों की जगह लेंगे।
भारत एलपीजी रिहायशी क्षेत्र बाजार में 2030 तक चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे बड़ा खाना पकाने की गैस का बाजार बन सकता है।
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आगामी 17 नवंबर को ब्रिक्स की बैठक में आमने-सामने हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, "हमने उनसे सीमा की ओर बढ़ने की कभी उम्मीद नहीं की थी। लेकिन भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना दोनों ने इसका तेजी से रिकॉर्ड समय में जवाब दिया।"
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