चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल तान केफेई ने गुरुवार को कहा कि भारत और चीन पूर्वी लद्दाख से सैनिकों की वापसी पर चर्चा के लिए नौवें दौर की कमांडर स्तर की वार्ता करने के मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
राजनाथ सिंह ने कहा की जब से पीएम मोदी ने पद संभाला है, हमारे लिए राष्ट्रीय सुरक्षा नंबर एक प्राथमिकता रही है और हम अपने रक्षा बलों को अधिकतम सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं।
India China: विदेशी नागरिकों के लिए वर्तमान मानदंडों के अनुसार यात्रा करने के लिए योग्य चीनी नागरिक ऐसे देशों के जरिए भारत में आ रहे हैं जिनका भारत के साथ travel bubble है। चीन नागरिक पहले इन देशों में आते हैं, फिर वहां से भारत के लिए यात्रा करते हैं।
India China News: Tawang sector में LAC पर बनी फॉरवर्ड पोस्टों से चीन की सेना की मौजदूगी देखी जा सकती है। यहां पिछले कुछ सालों में कम समय में forward पोस्टों पर पहुंचने के लिए तेजी से बुनियादी ढांचा विकसित किया गया है।
यह अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है जब चीन दक्षिण चीन सागर में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है जिसको लेकर दुनिया भर में चिंता और आलोचना बढ़ रही है।
India China Border News: चीन के राष्ट्रपति ने चीन की सेना में चार बदलाव किए हैं। जिनमें Western Theatre Command में किया गया बदलाव सबसे बड़ा बदलाव बताया जा रहा है। अब Gen. Zhang को भारत से लगती सीमा की जिम्मेदारी दी गई है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह नया भारत है जो सीमा पर उल्लंघन, आक्रामकता तथा किसी भी तरह की एकतरफा कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दे सकता है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के कुछ अन्य सदस्यों ने रक्षा मामले की संसदीय समिति की बैठक से बुधवार को यह आरोप लगाते हुए वॉकआउट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दे की बजाय सशस्त्र बलों की वर्दी के रंग पर चर्चा करने में समय बर्बाद किया जा रहा है।
जब CDS बिपिन रावत से पाकिस्तान की तरफ से लगातार किए जा रहे सीजफायर उल्लंघन को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि दूसरे पक्ष को अधिक चिंतित होना चाहिए। हम पूरी तरह से तैयार हैं।
सूत्रों ने बताया कि पहले अचानक युद्ध की हालातों से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को 10 दिन का गोला-बारुद और हथियार स्टॉक करने की इजाजत थी, जो अब दोनों मोर्चों चीन और पाकिस्तान को देखते हुए 15 दिन कर दी गई है।
भारत ने शुक्रवार को कहा कि पिछले छह महीने में पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध चीन की कार्रवाइयों का परिणाम है क्योंकि चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति को ‘एकतरफा ढंग से बदलने’ की कोशिश की है।
भारत और चीन के बीच पिछले करीब आठ महीने से पूर्वी लद्दाख में बने गतिरोध और आमने-सामने तैनात दोनों देशों के जवानों के बीच अब तक कई दौर की बैठक हुई लेकिन नतीजा नहीं निकल पाया है।
विदेश मंत्री ने कहा कि चीन ने एलएसी पर भारी साजो-सामान के साथ दसियों हजार सैनिकों की तैनाती कर दी है। इससे हमारे संबंधों को नुकसान हुआ है। पूर्वी लद्दाख का मसला अब बहुत बड़े मुद्दे में तब्दील हो गया है।
भारत और चीन के बीच बीते कुछ महीनों से LAC पर गतिरोध बना हुआ है। इस बीच एक वरिष्ठ चीनी अधिकारी ने मंगलवार को कहा है कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को और अधिक घटाने के लिए चीन और भारत काम कर रहे हैं।
लद्दाख में 14000 फीट की ऊंचाई पर भारतीय सेनाओं को डटा देख चीन भौचक्का रह गया है जिसके कारण अब उसे अंतिम वक्त में अपनी रणनीति बदलनी पड़ रही है।
नेपाली विशेषज्ञों और विदेश नीति के पर्यवेक्षकों ने कहा है कि वेई की यात्रा एक ऐसे समय में बहुत सार्थक है जब सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में विवाद और कलह उच्च स्तर पर पहुंच गया है, चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का धीमा कार्यान्वयन हो रहा है और जब बीजिंग, भारत-अमेरिका के बीच अन्य सामरिक पैक्ट को लेकर दक्षिण एशियाई राष्ट्रों का रुख जानना चाहता है।
अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने लद्दाख में भारतीय सीमा के पास चीन की जारी निर्माण गतिविधियों संबंधी खबरों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि ये खबरें सही हैं, तो यह चीन की ओर से ‘‘उकसाने वाला कदम’’ है और यह दक्षिण चीन सागर में जारी बीजिंग की गतिविधियों जैसा ही है।
शी के बयान ऐसे समय में आये हैं जब छह महीने से अधिक समय से पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच सीमा पर गतिरोध की स्थिति है।
भारत, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन से लगी सीमा पर कई रणनीतिक स्थलों पर पहले ही काफी संख्या में ब्रह्मोस मिसाइलों की तैनाती कर चुका है।
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