चीन से सीमा विवाद पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज संसद में बड़ा बयान दे सकते हैं। बता दें कि 9 महीने के तनाव के बाद भारत और चीन की सेना सीमा पर पीछे हट रही है। इसी मुद्दे पर राजनाथ सिंह संसद में अपना बयान दे रहे हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि भारत-चीन सीमा के हालात पर अमेरिका पैनी नजर रखे हुए है। अमेरिका ने चीन द्वारा अपने पड़ोसियों को डराने-धमकाने के रवैये पर चिंता व्यक्त की है।
उन्होंने कहा, ''सैनिकों के पीछे हटने का मुद्दा बहुत पेचीदा है। यह सेनाओं पर निर्भर करता है। आपको अपनी (भौगोलिक) स्थिति और घटनाक्रम के बारे में पता होना चाहिये। सैन्य कमांडर इस पर काम कर रहे हैं।''
विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने (लद्दाख में घटनाओं ने) न सिर्फ सैनिकों की संख्या को कम करने की प्रतिबद्धता का अनादर किया, बल्कि शांति भंग करने की इच्छा भी दर्शायी। हमें चीन के रुख में बदलाव और सीमाई इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती पर अब भी कोई विश्वसनीय स्पष्टीकरण नहीं मिला है।
भारतीय सेना ने जानकारी दी कि नॉर्थ सिक्किम में नाकु-ला बॉर्डर पर भारत और चीन के बीच मामूली झड़प हुई है और इसे लोकल लेवल कमांडरों द्वारा बातचीत करके सुलझा दिया गया।
पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच जारी गतिरोध के बीच सिक्किम के नाकु ला में LAC पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प और हाथापाई हुई। नाकु ला में भारतीय जवान पैट्रोलिंग कर रहे थे तभी उन्होंने सामने से चीनी सैनिकों को आते देखा।
भारतीय सेना ने जानकारी दी कि नॉर्थ सिक्किम में नाकु-ला बॉर्डर पर भारत और चीन के बीच मामूली झड़प हुई है और इसे लोकल लेवल कमांडरों द्वारा बातचीत करके सुलझा दिया गया।
सूत्रों ने बताया कि तीन दिन पहले हुई इस घटना में भारतीय जवानों ने चीनी PLA के सैनिकों की बुरी तरह से पिटाई की है। दोनों सेनाओं के बीच हुई झड़प में 20 से ज्यादा चीनी सैनिक घायल हो गए हैं।
सैन्य सूत्रों के अनुसार यह बैठक रविवार सुबह 11 बजे शुरू हुई और देर रात ढाई बजे तक जारी रही।
,भारत चीन सीमा की कुछ चैंकाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं जिसमें भारत और चीन की सेनाएं एक दम आमने सामने नजर आ रही हैं।
कि भारत-चीन के बीच कमांडर लेवल बातचीत चल रही है... ये मीटिंग LAC पर मोल्डो में हो रही है... भारत की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन और चीन की ओर से मेजर जनरल लियु लिन बातचीत में शामिल हैं
भारत और चीन के बीच करीब ढाई महीने के बाद आज नौवें राउंड की बातचीत चीन के मॉलदो में शुरू हो गई है।
गलवान में भारतीय सैनिकों द्वारा चीन को दिए गए जवाब की पूरी दुनिया ने तारीफ की थी। गलवान में बुरी तरह पिटने के बाद चीन पूरी तरह से भौचक्का रह गया, हमेशा शांति की बात करने वाली भारतीय सेना इस तरह से पलटकर वार करेगी और पूरी दुनिया के सामने उसे बेनकाब करे देगी ये चीन ने सोचा भी न था।
भारत-चीन तनाव के बीच मोलडो में आज 9वें दौर की कॉर्प्स कमांडर लेवल की अहम बैठक..दोंनों देशों के बीच तनाव कम करने की कोशिश...पिछली 8 वार्ता में नहीं मिली कोई बड़ी सफलता
कल एक बार पिर भारत और चीन के बीच 9वें दौर की बातचीत होगी....मोल्डो में दोनों देशों की सेनाओं के कोर कमांडर बात करेंगे.....बातचीत में पूर्वी लद्दाख में चल रहे सैन्य गतिरोध को दूर करने की कोशिश की जाएगी
चीन से जारी तनाव के बीच सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि हमारे दुश्मन जिस तरह रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण तेजी से कर रहे हैं उस हिसाब से स्पीड में हम थोड़ा पीछे छूट रहे हैं।
साल 2016 में भारत सरकार द्वारा अपनाई गई हालिया नीतियों के चलते तिब्बत की निर्वासित सरकार के बारे में लोगों को कम पता है। इस पर सभी को प्रयास करने की जरूरत है। सर्वेक्षण के दौरान लोगों से बातचीत करते वक्त पता चला कि लगभग 75 फीसदी लोगों को इस बारे में बिल्कुल भी कोई जानकारी नहीं है।
शुक्रवार को आर्मी डे के मौके पर सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकंद नरवणे ने कहा, "आप सभी उत्तरी सीमाओं पर चीन के साथ चल रहे तनाव से अवगत हैं। सीमाओं पर एकतरफा स्थिति बदलने की साजिश पर एक जोरदार जवाब दिया गया था। मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि गलवान के बहादुरों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।"
India China Tension: उन्होंने कहा कि हम चर्चा और राजनीतिक प्रयासों के माध्यम से अपने विवादों का समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध हैं लेकिन किसी को भी हमारे धैर्य की परीक्षा लेने की गलती नहीं करनी चाहिए।
आर्मी चीफ मनोज मुकंद नरवणे ने कहा कि पिछला साल हमारे देश और सशस्त्र बलों के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था। सशस्त्र बल बड़ी कुशलता से उत्तरी सीमाओं पर बहादुरी से हर हालात में डटे रहे औऱ इन हालातों में महामारी का भी सफलतापूर्वक मुकाबला किया।
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