भारत और चीन एक स्थिर और क्रमबद्ध तरीके से लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और देपसांग में अन्य संघर्ष बिंदुओं के पारस्परिक रूप से स्वीकार्य संकल्प पर जोर देने के लिए सहमत हुए हैं।
भारत और चीन की सेनाओं के वरिष्ठ कमांडर शनिवार को नये दौर की एक उच्च स्तरीय वार्ता करेंगे जिसमें दोनों पक्षों की तरफ से पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तट से सैनिकों और सैन्य सोजोसामान को पीछे हटाने का काम पूरा होने के बाद इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी।
चीन ने आधिकारिक तौर पर पहली बार यह स्वीकार किया है कि पिछले साल जून माह में गलवान घाटी में भारतीय सेना के साथ झड़प के दौरान उसके सैन्य अधिकारियों और जवानों की मौत हुई थी।
चीन ने आधिकारिक तौर पर पहली बार यह स्वीकार किया है कि पिछले साल जून माह में गलवान घाटी में भारतीय सेना के साथ झड़प के दौरान उसके सैन्य अधिकारियों और जवानों की मौत हुई थी।
वास्विक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के सैनिकों की वापसी की नई तस्वीरें सामने आई हैं। इन तस्वीरों मे साफ तौर पर देखा जा सकता है कि चीन के सैनिक वापस लौट रहे हैं। इतना ही नहीं चीन की सेना (PLA) ने जो वहां पर निर्माण किए थे उन्हें भी ध्वस्त किया जा रहा है, निर्माण ध्वस्त होने की तस्वीरें भी देखी जा सकती हैं।
साउथ बैंक से चीनी सैनिकों की वापसी का वीडियो आया है। इस वीडियो में वो कैंप दिख रहे हैं जो चाइनीज सैनिक खाली करके गए हैं। इन खाली कैंपों को बुलडोजर लगाकर ध्वस्त कर दिया गया।
देखिए भारत-चीन सीमा विवाद पर इंडिया टीवी की 360 डिग्री रिपोर्ट
भारत ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग सो (झील) इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने के लिए चीन के साथ एक समझौते को अंतिम रूप दिये जाने के परिणामस्वरूप किसी भी इलाके से दावा नहीं छोड़ा है। सरकार का यह बयान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार ने ‘भारत माता का एक टुकड़ा’ चीन को दे दिया। साथ ही, उन्होंने इस समझौते को लेकर भी सवाल उठाये।
भारत ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग सो (झील) इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने के लिए चीन के साथ एक समझौते को अंतिम रूप दिये जाने के परिणामस्वरूप किसी भी इलाके से दावा नहीं छोड़ा है
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार चीन के सामने झुक गई और भारत की जमीन चीन को सौंप दिया। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत की जमीन फिंगर चार तक है लेकिन भारतीय सेना को अब फिंगर तीन पर वापस जाने को कहा गया है।
पूर्वी लद्दाख से बड़ी खबर आयी है। भारत और चीन के बीच समझौते के बाद दोनों तरफ की सेनाओं के पीछे हटने का क्रम शुरू हो गया है।
राहुल गांधी ने राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के वक्तव्य के बाद बृहस्पतिवार को केंद्र पर निशाना साधा और सवाल किया कि सरकार जवानों के बलिदान का अपमान क्यों कर रही है।
भारत और चीन के बीच पैंगोंग लेक पर सैनिकों को पीछे हटाने का समझौता हो गया है।
चीन से सीमा विवाद पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज संसद में बड़ा बयान दे सकते हैं। बता दें कि 9 महीने के तनाव के बाद भारत और चीन की सेना सीमा पर पीछे हट रही है। इसी मुद्दे पर राजनाथ सिंह संसद में अपना बयान दे रहे हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि भारत-चीन सीमा के हालात पर अमेरिका पैनी नजर रखे हुए है। अमेरिका ने चीन द्वारा अपने पड़ोसियों को डराने-धमकाने के रवैये पर चिंता व्यक्त की है।
उन्होंने कहा, ''सैनिकों के पीछे हटने का मुद्दा बहुत पेचीदा है। यह सेनाओं पर निर्भर करता है। आपको अपनी (भौगोलिक) स्थिति और घटनाक्रम के बारे में पता होना चाहिये। सैन्य कमांडर इस पर काम कर रहे हैं।''
विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने (लद्दाख में घटनाओं ने) न सिर्फ सैनिकों की संख्या को कम करने की प्रतिबद्धता का अनादर किया, बल्कि शांति भंग करने की इच्छा भी दर्शायी। हमें चीन के रुख में बदलाव और सीमाई इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती पर अब भी कोई विश्वसनीय स्पष्टीकरण नहीं मिला है।
भारतीय सेना ने जानकारी दी कि नॉर्थ सिक्किम में नाकु-ला बॉर्डर पर भारत और चीन के बीच मामूली झड़प हुई है और इसे लोकल लेवल कमांडरों द्वारा बातचीत करके सुलझा दिया गया।
पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच जारी गतिरोध के बीच सिक्किम के नाकु ला में LAC पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प और हाथापाई हुई। नाकु ला में भारतीय जवान पैट्रोलिंग कर रहे थे तभी उन्होंने सामने से चीनी सैनिकों को आते देखा।
भारतीय सेना ने जानकारी दी कि नॉर्थ सिक्किम में नाकु-ला बॉर्डर पर भारत और चीन के बीच मामूली झड़प हुई है और इसे लोकल लेवल कमांडरों द्वारा बातचीत करके सुलझा दिया गया।
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