सूत्रों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि लगभग 21-22 चीनी लड़ाकू विमानों ने, जिनमें मुख्य रूप से जे-11 शामिल हैं जो कि एसयू-27 लड़ाकू विमानों की चीनी कॉपी हैं और कुछ जे-16 लड़ाकू विमानों ने पूर्वी लद्दाख में भारतीय क्षेत्र के सामने एक अभ्यास किया।
सूत्रों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि चीनी सैनिकों के रोटेशन की बड़ी वजह मौसम है। सूत्रों ने बताया कि LAC पर तैनात चीनी सैनिक अत्यधिक ठंड और ऊंचाई में पेश आने वाली अन्य समस्याओं से गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं।
चीनी सरकार के दावों पर सवाल करने वाले Qiu Ziming से बौलखाकर ड्रैगन ने उनसे "नकारात्मक प्रभाव को खत्म करने" के लिए 10 दिनों के भीतर प्रमुख घरेलू पोर्टलों और राष्ट्रीय मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को भी कहा है।
सेना प्रमुख ने कहा कि चीन ने पूर्वी लद्दाख में लगभग 50,000 से 60,000 सैनिकों को इमिडिएट डेप्थ में तैनात किया है, इसलिए भारत ने भी डेप्थ में इसी तरह की तैनाती की है।
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध पर भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि क्षेत्र में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया जल्द पूरी होनी चाहिए तथा सीमावर्ती इलाकों में पूर्ण रूप से शांति बहाली से ही द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति सुनिश्चित की जा सकती है।
थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने कहा कि भारतीय सेना लद्दाख क्षेत्र के निकट जारी सैन्य अभ्यास समेत चीनी सेना की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रही है
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, बांग्लादेश की राजधानी ढाका में मीडिया से बातचीत में बांग्लादेश में चीन के राजदूत Li Jiming ने कहा कि अगर बांग्लादेश भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के ग्रुप Quad से किसी भी तरह से जुड़ता है तो चीन के साथ उसके द्विपक्षीय संबंध काफी हद तक खराब हो जाएंगे।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन द्वारा बुलाई गई मंत्री स्तरीय उच्च स्तरीय सुरक्षा परिषद की बैठक का बहिष्कार किया है। चीन इस महीने इस निकाय का अध्यक्ष है।
पत्र के मुताबिक कंपनी अगले 15 दिनों में फैसले की समीक्षा करेगी। कार्गो उड़ानों के स्थगन से एजेंट और सामान भेजने वाले हतप्रभ है जो चीन से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदने का प्रयास कर रहे हैं। यह भी शिकायत आ रही है कि चीनी उत्पादकों ने ऑक्सीजन संबधी उपकरणों की कीमत में 35 से 40 प्रतिशत से वृद्धि कर दी है। माल ढुलाई के शुल्क में भी करीब 20 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है।
रिपोर्ट में सबसे खराब और सबसे अच्छे परिदृश्यों पर गौर किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक परिदृश्य यह है कि भारत और चीन के बीच तनाव कम हो और दोनों पड़ोसी देशों के बीच कारोबारी संबंध मजबूत हों। ऐसी स्थिति में वैश्विक अर्थव्यवस्था पूर्व दिशा की ओर स्थानांतरित हो जाएगी और अमेरिका इस बारे में कुछ खास नहीं कर पाएगा।
पूर्वी लद्दाख के शेष इलाकों से सैनिकों की वापसी को लेकर चीन-भारत के बीच हुई नए दौर की वार्ता में सफलता नहीं मिलने के बाद चीन की सेना ने कहा है कि भारत को सीमा पर तनाव कम करने के ''मौजूदा सकारात्मक माहौल'' का लाभ उठाना चाहिए।
भारत और चीन ने 11वें दौर की सैन्य वार्ता में पूर्वी लद्दाख में जमीनी स्तर पर संयुक्त रूप से स्थिरता बनाये रखने तथा किसी भी नयी घटना को टालने पर सहमति व्यक्त की।
चीन ने गुरुवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में अप्रैल 2020 की यथास्थिति की बहाली के लिए भारत के प्रस्ताव पर दोनों देशों के बीच अगली बैठकों में चर्चा हो सकती है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ऑनलाइन प्रेस वार्ता में इस बात पर जोर दिया कि पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के हटने से ही सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल हो सकती है और द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति का माहौल बन सकता है।
यूएस-इंडो पेसिफिक कमांड के कमांडर एडमिरल फिलिप्स डेविडसन ने ताकतवर सीनेट आर्मड सर्विस कमेटी को मंगलवार को बताया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ चीन की हाल की गतिविधियों ने भारत की आंखें खोल दी हैं कि दूसरों के साथ सहयोगात्मक प्रयास का अर्थ अपनी रक्षात्मक जरूरतों के लिए हो सकता है। उन्होंने महसूस किया कि नई दिल्ली बहुत कम समय में Quad के साथ अपने सहयोग को बढ़ा रहा है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय शस्त्र बलों को 2.5 फ्रंट के युद्ध लड़ने के लिए डिजाइन किया गया है। यह अब बीते दौर की बात हो गई है। फिर भी हमें एक सीमाहीन युद्ध की तैयारी करनी चाहिए।’’
लद्दाख में LAC के पास चले सीमा विवाद और तनातनी के बाद सीमा पर सैनिक कम करके चीन, भारत के साथ दोस्ती की बातें कर रहा है लेकिन अपनी चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा है। तनातनी के बाद चीन भारत को एक और झटका देने की तौयारी कर रहा है।
तिब्बत में सीमावर्ती इलाकों तक बेहद कम समय में पहुंचने के लिए महत्वाकांक्षी हाई-स्पीड रेल कनेक्शन योजना चला रहा है, जिसका ज्यादातर फोक्स भारत से जुड़ी सीमा पर है। लहासा से जिस न्यिंगची (Nyingchi) शहर के लिए बुलेट ट्रेन चलाई जा रही है, उसकी दूरी अरुणाचल प्रदेश सीमा से 50 किमी से भी कम है।
भारत और चीन ने एक दूसरे के बीच मदभेद दूर करने के लिए नई पहल शुरू की है। इसके तहत दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के बीच बातचीत के लिए हॉटलाइन बनेगी।
थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने बुधवार को कहा कि पैगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से भारत और चीन की सेनाओं के पीछे हटने से अंतिम परिणाम बहुत अच्छा रहा और दोनों पक्षों के लिए यह लाभकारी स्थिति है। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में अन्य लंबित मुद्दों के समाधान के लिए भी रणनीति बनायी गयी है।
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