दो दिन पहले रूस के कज़ान में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत हुई थी और दोनों नेताओं ने 62 साल पुराने सीमा विवाद के हल के लिए अपने अपने देश के विशेष प्रतिनिधियों को जल्द मुलाक़ात करके बातचीत करने को कहा था।
तवांग में जारी टेंशन के बीच एलएसी पर भारतीय सेना और वायुसेना पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। ड्रैगन को तवांग से खदेड़ने के बाद आज से ईस्टर्न सेक्टर में वायुसेना ने बड़ी एक्सरसाइज़ शुरू कर दी है। युद्धाभ्यास में वायुसेना के सभी घातक लड़ाकू विमान शामिल हैं।
एक टीवी शो के दौरान पैनलिस्ट ने कहा कि चीन चाहता था कि वो भारतीय पोस्ट उखाड़ दे लेकिन भारतीयों इसे नाकाम कर दिया। उन्होंने बहुत ही जबर्दस्त तरीके से चीनी फौज को रोका, पत्थरबाजी भी हुई जिसमें भारतीय और चीनी समेत कई लोग जख्मी हुए और फिर भारतीय फौज ने चीन को भगा दिया।
भारत चीन की सेनाओं के बीच एक बड़ी ख़बर सामने आयी है। इंडिया TV को मिली जानकारी के मुताबिक़ दोनों देशों की सेनाएं पेट्रोलिंग पॉइंट गोगरा और हॉटस्प्रिंग से अपने-अपने सैनिकों को पीछे करेंगी।
India China: ग्लोबल टाइम्स ने भारत पर 1993 और 1996 के समझौतों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। उसने चीनी विश्लेषक के हवाले से लिखा है, '17 जुलाई को भारत और चीन के बीच 16वीं कोर कमांडर स्तर की बैठक हुई थी, तब स्थिरता और शांति बनाए रखने पर सहमति बनी थी।
India China: भारत और चीन के बीच आज 16वें दौर की बैठक शुरू हुई। यह बातचीत लद्दाख में हो रही है। कमांडर स्तर की इस बातचीत में भारत डेपसांग और डेमचोक के मुद्दों के समाधान के अलावा सभी फ्रिक्शन पॉइंट्स पर जल्द सैनिकों को हटाने के लिए चीन पर दबाव डालेगा।
2007 से अब तक 16 चीनी नागरिकों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई है। बता दें कि राज्यसभा में डीएमके के सांसद तिरुची शिवा ने यह जानकारी केंद्र से मांगी थी।
एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने के अनुरोध पर बताया कि भारत महत्वपूर्ण चुनौतियों से जूझ रहा है।
भारत ने चीन के साथ शनिवार को हुई 12वें दौर की सैन्य वार्ता में हॉट स्प्रिंग, गोगरा और पूर्वी लद्दाख में विभिन्न तनाव वाले बिन्दुओं से सैनिकों की तत्काल वापसी पर जोर दिया।
चीन ने गुरुवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में अप्रैल 2020 की यथास्थिति की बहाली के लिए भारत के प्रस्ताव पर दोनों देशों के बीच अगली बैठकों में चर्चा हो सकती है।
पूर्वी लद्दाख से बड़ी खबर आयी है। भारत और चीन के बीच समझौते के बाद दोनों तरफ की सेनाओं के पीछे हटने का क्रम शुरू हो गया है।
साल 2016 में भारत सरकार द्वारा अपनाई गई हालिया नीतियों के चलते तिब्बत की निर्वासित सरकार के बारे में लोगों को कम पता है। इस पर सभी को प्रयास करने की जरूरत है। सर्वेक्षण के दौरान लोगों से बातचीत करते वक्त पता चला कि लगभग 75 फीसदी लोगों को इस बारे में बिल्कुल भी कोई जानकारी नहीं है।
एलएसी पर पिछले साल से भारत और चीन के बीच गतिरोध जारी है। यह 28 अगस्त, 2020 और 29 अगस्त, 2020 को एहतियाती तैनाती में भारतीय सैनिकों, पूर्व-विस्तारित चीनी विस्तारवादी डिजाइनों को रोक कर पैंगोंग सो के दक्षिणी किनारे पर ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया था।
ये चीनी सैनिक Pangong Tso झील के दक्षिण में गिरफ्तार किया गया है। चीन के इस सैनिक ने LAC पार की थी, जिसके बाद उसे भारतीय फौज द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया।
India China: विदेशी नागरिकों के लिए वर्तमान मानदंडों के अनुसार यात्रा करने के लिए योग्य चीनी नागरिक ऐसे देशों के जरिए भारत में आ रहे हैं जिनका भारत के साथ travel bubble है। चीन नागरिक पहले इन देशों में आते हैं, फिर वहां से भारत के लिए यात्रा करते हैं।
India China Border News: चीन के राष्ट्रपति ने चीन की सेना में चार बदलाव किए हैं। जिनमें Western Theatre Command में किया गया बदलाव सबसे बड़ा बदलाव बताया जा रहा है। अब Gen. Zhang को भारत से लगती सीमा की जिम्मेदारी दी गई है।
सूत्रों ने बताया कि पहले अचानक युद्ध की हालातों से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को 10 दिन का गोला-बारुद और हथियार स्टॉक करने की इजाजत थी, जो अब दोनों मोर्चों चीन और पाकिस्तान को देखते हुए 15 दिन कर दी गई है।
शी के बयान ऐसे समय में आये हैं जब छह महीने से अधिक समय से पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच सीमा पर गतिरोध की स्थिति है।
ग्लोबल टाइम्स ने कहा, "रविवार को ट्विटर पर कुछ posts में दावा किया गया था कि चीनी सेना ने तिब्बत के दक्षिण में 20 भारतीय सैनिकों का अपहरण कर लिया है लेकिन मामले से जुड़े सूत्रों ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि यह फर्जी खबर है।"
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