बीते कई दिनों से चीन की ओर से भारत के अरुणाचल प्रदेश को लेकर उकसावा वाले बयान जारी किए जा रहे हैं। भारत सरकार ने चीन के सभी दावों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। अब असम के सीएम ने भी इस मामले में बयान दिया है।
ब्रिक्स देशों के 15वें शिखर सम्मेलन में संगठन में 6 नए देशों को एंट्री दी गई है। इस सम्मेलन में शी जिनपिंग के साथ एक ऐसा वाकया हुआ जो चर्चा का विषय है।
भारत एलएसी पर चीन को उसी की भाषा में जवाब दे रहा है। चीनी सैनिक अगर उकसाते हैं तो सेना उसका जवाब ऑन द स्पॉट देती है। चीन जिस तरह सड़कों का जाल तैयार कर रहा है, उसी तरह भारत भी चीन से सटी सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रहा है। यही वजह है कि चीन चिढ़ा है।
तवांग में जारी टेंशन के बीच एलएसी पर भारतीय सेना और वायुसेना पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। ड्रैगन को तवांग से खदेड़ने के बाद आज से ईस्टर्न सेक्टर में वायुसेना ने बड़ी एक्सरसाइज़ शुरू कर दी है। युद्धाभ्यास में वायुसेना के सभी घातक लड़ाकू विमान शामिल हैं।
एक टीवी शो के दौरान पैनलिस्ट ने कहा कि चीन चाहता था कि वो भारतीय पोस्ट उखाड़ दे लेकिन भारतीयों इसे नाकाम कर दिया। उन्होंने बहुत ही जबर्दस्त तरीके से चीनी फौज को रोका, पत्थरबाजी भी हुई जिसमें भारतीय और चीनी समेत कई लोग जख्मी हुए और फिर भारतीय फौज ने चीन को भगा दिया।
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक चीन का कहना है झड़प की खबरों के बाद भारत से लगती सीमा पर हालात स्थिर हैं।
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों की झड़प का मामला चर्चा में है। इस मामले पर AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि इतनी मजबूत सेना है हमारी और इतना डरा हुआ नेता, क्यों?'
पूरे साजो-सामान से लैस होकर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तारबंदी के उद्देश्य से पहुंचे चीन के जवानों को भारतीय सैनिकों ने खदेड़ दिया। चीन के जवान अपने साथ घातक हथियार लेकर आए थे। इस झड़प में 8 भारतीय सैनिक घायल हुए हैं जबकि चीन के सैनिकों के घायल होने की संख्या ज्यादा है।
Vostok 2022 Military Exercise: रूस में वोस्तोक-2022 सैन्य अभ्यास में भारतीय सैनिकों की भागीदारी पर नई दिल्ली में भारतीय सेना या रक्षा मंत्रालय की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
India China: ग्लोबल टाइम्स ने भारत पर 1993 और 1996 के समझौतों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। उसने चीनी विश्लेषक के हवाले से लिखा है, '17 जुलाई को भारत और चीन के बीच 16वीं कोर कमांडर स्तर की बैठक हुई थी, तब स्थिरता और शांति बनाए रखने पर सहमति बनी थी।
चीन का यह लेख साफ बताता है कि भारत के दबाव के आगे वह बौखला गया है और इसी बैखलाहट में उसने लेख में यह भी लिखा है कि अमेरिका तथा चीन के बीच बिगड़े रिश्तों का फायदा भारत उठाना चाहता है।
रक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों देशों के सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर फेस ऑफ की स्थिति में आ गए। लेकिन बातचीत के जरिए विवाद को सुलझा लिया गया।
लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच बना गतिरोध और कम हो गया है, 31 जुलाई को कमांडर स्तर की वार्ता के बाद 4-5 अगस्त को गोगरा पोस्ट से भारत और चीन की सेनाएं पीछे हट गई हैं।
विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध पर हाल में हुई भारत-चीन सैन्य वार्ता रचनात्मक थी और दोनों पक्ष शेष मुद्दों का समाधान तेज गति से करने पर सहमत हुए।
लद्दाख के पास भारत-चीन सीमा पर तनाव कम करने और सैनिकों की वापसी के लिए भारत और चीन के बीच 12वें राउंड की बैठक शनिवार को होने जा रही है, इंडिया टीवी को सूत्रों से यह जानकारी मिली है।
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध पर भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि क्षेत्र में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया जल्द पूरी होनी चाहिए तथा सीमावर्ती इलाकों में पूर्ण रूप से शांति बहाली से ही द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति सुनिश्चित की जा सकती है।
लद्दाख में LAC के पास चले सीमा विवाद और तनातनी के बाद सीमा पर सैनिक कम करके चीन, भारत के साथ दोस्ती की बातें कर रहा है लेकिन अपनी चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा है। तनातनी के बाद चीन भारत को एक और झटका देने की तौयारी कर रहा है।
भारत और चीन एक स्थिर और क्रमबद्ध तरीके से लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और देपसांग में अन्य संघर्ष बिंदुओं के पारस्परिक रूप से स्वीकार्य संकल्प पर जोर देने के लिए सहमत हुए हैं।
चीन ने आधिकारिक तौर पर पहली बार यह स्वीकार किया है कि पिछले साल जून माह में गलवान घाटी में भारतीय सेना के साथ झड़प के दौरान उसके सैन्य अधिकारियों और जवानों की मौत हुई थी।
भारत और चीन के बीच पैंगोंग लेक पर सैनिकों को पीछे हटाने का समझौता हो गया है।
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