चीन और भूटान के बीच दशकों पुराने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए हाल में किए गए समझौते और उससे डोकलाम टाई-जंक्शन के आसपास के क्षेत्रों में भारत के रणनीतिक हितों पर पड़ सकने वाले प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर सैन्य कमांडर ने सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन कहा कि सरकार के संबंधित प्राधिकारियों ने इसका संज्ञान लिया है।
चीन का यह लेख साफ बताता है कि भारत के दबाव के आगे वह बौखला गया है और इसी बैखलाहट में उसने लेख में यह भी लिखा है कि अमेरिका तथा चीन के बीच बिगड़े रिश्तों का फायदा भारत उठाना चाहता है।
लद्दाख में LAC पर पिछले साल से लेकर अबतक गतिरोध जारी है। रविवार को LAC पर तनाव कम करने के लिए भारत औऱ चीन के बीच हुई 13वें दौर की बातचीत बेनतीजा रही। भारत ने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि एलएसी पर हालात यथास्थिति को बदलने के चीन के एकतरफा प्रयासों के कारण पैदा हुए हैं।
भारत और चीन के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता का एक और दौर आज होगा, जिसमें पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष बिंदुओं से सैनिकों की वापसी प्रक्रिया में कुछ आगे बढ़ने पर ध्यान दिया जाएगा।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास गतिरोध के बाकी स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए भारत और चीन के बीच 13वें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता रविवार (10 अक्टूबर) को होगी।
पाकिस्तान और चीन के बीच करीबी संबंधों के कारण उत्पन्न सुरक्षा चिंताओं के संबंध में एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि उस साझेदारी के बारे में चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है, लेकिन उन्होंने पाकिस्तान के माध्यम से चीन तक पश्चिमी तकनीकों/प्रौद्योगिकी के पहुंचने की आशंका को लेकर चिंता जतायी।
भारतीय और चीनी सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख में लंबित मुद्दों को ''तेजी'' से हल करने पर सहमति जतायी और 12वें दौर की सैन्य स्तर की वार्ता को ''रचनात्मक'' करार दिया।
भारत ने चीन के साथ शनिवार को हुई 12वें दौर की सैन्य वार्ता में हॉट स्प्रिंग, गोगरा और पूर्वी लद्दाख में विभिन्न तनाव वाले बिन्दुओं से सैनिकों की तत्काल वापसी पर जोर दिया।
लद्दाख के पास भारत-चीन सीमा पर तनाव कम करने और सैनिकों की वापसी के लिए भारत और चीन के बीच 12वें राउंड की बैठक शनिवार को होने जा रही है, इंडिया टीवी को सूत्रों से यह जानकारी मिली है।
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को वरिष्ठ विपक्षी नेताओं शरद पवार और ए के एंटनी से मुलाकात की। समझा जाता है कि सिंह ने विवाद से जुड़ी ताजा जानकारियों से दोनों वरिष्ठ नेताओं को अवगत कराया।
भारत ने गुरुवार को आरोप लगाया कि पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में पिछले वर्ष चीन द्वारा बड़ी संख्या में सैनिकों को एकत्र करने जैसे कदम इस क्षेत्र में जारी सैन्य गतिरोध के लिये जिम्मेदार हैं।
सूत्रों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि लगभग 21-22 चीनी लड़ाकू विमानों ने, जिनमें मुख्य रूप से जे-11 शामिल हैं जो कि एसयू-27 लड़ाकू विमानों की चीनी कॉपी हैं और कुछ जे-16 लड़ाकू विमानों ने पूर्वी लद्दाख में भारतीय क्षेत्र के सामने एक अभ्यास किया।
सूत्रों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि चीनी सैनिकों के रोटेशन की बड़ी वजह मौसम है। सूत्रों ने बताया कि LAC पर तैनात चीनी सैनिक अत्यधिक ठंड और ऊंचाई में पेश आने वाली अन्य समस्याओं से गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं।
सेना प्रमुख ने कहा कि चीन ने पूर्वी लद्दाख में लगभग 50,000 से 60,000 सैनिकों को इमिडिएट डेप्थ में तैनात किया है, इसलिए भारत ने भी डेप्थ में इसी तरह की तैनाती की है।
चीन ने गुरुवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में अप्रैल 2020 की यथास्थिति की बहाली के लिए भारत के प्रस्ताव पर दोनों देशों के बीच अगली बैठकों में चर्चा हो सकती है।
चीन ने आधिकारिक तौर पर पहली बार यह स्वीकार किया है कि पिछले साल जून माह में गलवान घाटी में भारतीय सेना के साथ झड़प के दौरान उसके सैन्य अधिकारियों और जवानों की मौत हुई थी।
वास्विक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के सैनिकों की वापसी की नई तस्वीरें सामने आई हैं। इन तस्वीरों मे साफ तौर पर देखा जा सकता है कि चीन के सैनिक वापस लौट रहे हैं। इतना ही नहीं चीन की सेना (PLA) ने जो वहां पर निर्माण किए थे उन्हें भी ध्वस्त किया जा रहा है, निर्माण ध्वस्त होने की तस्वीरें भी देखी जा सकती हैं।
साउथ बैंक से चीनी सैनिकों की वापसी का वीडियो आया है। इस वीडियो में वो कैंप दिख रहे हैं जो चाइनीज सैनिक खाली करके गए हैं। इन खाली कैंपों को बुलडोजर लगाकर ध्वस्त कर दिया गया।
भारत ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग सो (झील) इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने के लिए चीन के साथ एक समझौते को अंतिम रूप दिये जाने के परिणामस्वरूप किसी भी इलाके से दावा नहीं छोड़ा है। सरकार का यह बयान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार ने ‘भारत माता का एक टुकड़ा’ चीन को दे दिया। साथ ही, उन्होंने इस समझौते को लेकर भी सवाल उठाये।
भारत और चीन के बीच पैंगोंग लेक पर सैनिकों को पीछे हटाने का समझौता हो गया है।
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