भारत-चीन सीमा विवाद का कोई हल नहीं निकल पा रहा है। वर्ष 2020 में गलवान घाटी की हिंसा के बाद से ही सीमा पर तनाव बढ़ गया है। इस बीच बीजिंग ने कहा है कि भारत और चीन के बीच के सारे द्विपक्षीय संबंध सिर्फ एलएसी के मुद्दे से ही तय नहीं हो जाते। जबकि भारत चीन पर समझौतों का पालन नहीं करने का आरोप लगाता रहा है।
भारत और चीन गत 4 वर्षों से तनाव के चरम पर हैं। दोनों देशों के रिश्ते 2020 में गलवान घाटी हिंसा के बाद से ही नाजुक चल रहे हैं, जिसमें सुधार की फिलहाल कोई गुंजाइश नहीं दिख रही। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि जब तक चीन सीमा समझौतों का पालन नहीं करता, तब तक एलएसी पर शांति संभव नहीं है।
भारत-चीन के बीच वास्तवि नियंत्रण रेखा पर 3 वर्षों से अधिक समय से चले आ रहे जबरदस्त तनाव को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। 21वें दौर की सैन्य वार्ता में भारत और चीन की सेनाएं सीमा पर शांति और सौहार्द्र कायम रखने के लिए सहमत हुई हैं। हालांकि विवादित क्षेत्रों का अब भी कोई हल नहीं निकल सका है।
गलवान घाटी हिंसा के 3 वर्ष बाद चीनी सैनिकों ने एक बार फिर उकसावे वाली कार्रवाई शुरू कर दी है। चीनी सैनिकों की इस बार भारतीय चरवाहों से भिड़ंत हो गई। मगर भारतीय चरवाहे उनसे दबे नहीं। चरवाहों की चीनी सैनिकों से जमकर कहासुनी हुई। इसके बाद अब विदेश मंत्रालय ने अपना बयान जारी किया है।
देश के 75वें गणतंत्रता दिवस के मौके पर भारत-चीन सीमा पर तैनात आइटीबीपी के जवानों ने अपने विदेश अंदाज में देशवासियों को शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। जवानों ने बर्फीले इलाके से हाथ में तिरंगा लिए भारत माता की जयघोष के साथ अपना एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह काफी जोश में नजर आ रहे हैं।
भारत और चीन के बीच रिश्ते लगातार तनाव के दौर में चल रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीमा पर चीन के साथ भारत के संबंध असमान्य हैं। हालांकि विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि दोनों पक्षों की ओर से संबंधों को सुधारने का प्रयास जारी है। मगर अभी तक तनाव का क्रम जारी है।
भारत और चीन के बीच एलएसी पर लगातार तनाव बना हुआ है। इस बीच चीन की सेना ने भारत के साथ संबधों को लेकर नई बात कही है। चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि वह भारत के साथ और उसकी फौज के साथ हमेशा अपने संबंधों को महत्व देते हैं। चीन ने कहा कि सीमा पर कई दौर की वार्ता के बाद तनाव कम हुए हैं।
Breaking News: सही वक्त आने पर चीन को कड़ा जवाब देंगे- किरन रिजिजू
आप की अदालत में शनिवार की रात विदेश मंत्री एस जयशंकर रजत शर्मा के तीखे सवालों का जवाब दे रहे हैं। एस जयशंकर ने बताया कि सीमा पर 70 हजार सैनिकों को सीमा पर क्यों भेजा?
भारत और चीन सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद अब भी जारी है। इसी कड़ी में आज मेजर जनरल लेवल की वार्ता का आयोजन किया गया था जिसका कुछ परिणाम नहीं निकला है।
अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन बॉर्डर के पास सरकार स्टील स्लग रोड बना रही है जो न सिर्फ पारंपरिक पक्की सड़क की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत सस्ती हैं, बल्कि ज्यादा टिकाऊ भी हैं।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने एलान किया है कि भारत-चीन बॉर्डर पर स्थित गांवों में रहने वाले लोगों के लिए फ्री डिश सर्विस की व्यवस्था की जाएगी।
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन के साथ भारत के संबंधों पर खुलकर बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा कि भारत और चीन के बीच रिश्ते कैसे रहेंगे, यह इस बात से तय होगा कि सीमा पर दोनों के बीच हालात कैसे हैं।
भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा। इसकी वजह है कि चीन भारतीय सीमा पर अतिक्रमण का इरादा रखता है और वह पीछे हटने को तैयार नहीं है।
शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन (एससीओ) में चीनी विदेश मंत्री छिन कांग ने भारत-चीन सीमा पर मौजूदा हालात को लेकर सफेद झूठ बोला है। छिन कांग ने कहा था कि सीमा पर हालात सामान्य और स्थिर हैं, लेकिन भारत ने एससीओ के मंच पर चीन के झूठ का पुलिंदा खोल दिया है।
जून 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए भीषण संघर्ष में करीब 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं दुश्मन चीन के 40 जवान मारे गए थे। गलवान में शहीद हुए भारतीय जवानों में से एक सैनिक की पत्नी ने भी सेना ज्वाइन कर लिया है। शहीद जवान की पत्नी को बतौर लेफ्टिनेंट लद्दाख क्षेत्र में ही तैनाती दी गई है।
कैंपबेल ने कहा, ‘हम इसे प्रोत्साहित करना चाहते हैं और इसका समर्थन करना चाहते हैं। हम उस रिश्ते को और गहरा करना चाहते हैं, जो पहले से ही बहुत मजबूत है। दोनों देशों के लोगों के आपसी संबंध अमेरिकी लोगों के वैश्विक स्तर पर अन्य देशों के लोगों से संबंधों की तुलना में सबसे मजबूत हैं।
भारत चीन सीमा पर एक बार फिर तनाव बढ़ रहा है? भारत के द्वारा लगातार कई बार LAC विवाद को सुलझाने का प्रयास किया गया है लेकिन चीनी सेना व सरकार है जो अपनी हरकतों से बाज नहीं आती है।
व्हाइट हाउस में रोजाना आयोजित किए जाने वाले प्रेस ब्रीफिंग के दौरान नेशनल सेक्योरिटी काउंसलिंग कोऑर्डिनेटर फॉर स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशन जॉन किर्बी द्वारा इस न्यूज को ना ही खारिज किया गया और न ही इसकी पुष्टि की गई है। इस बाबत उन्होंने कहा कि मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता है।
चीन द्वारा सैन्य ताकत से एलएसी पर यथास्थिति बदलने की कोशिशों, विवादित स्थानों पर चीन द्वारा गांव बसाने और चीन के नक्शे में भारत के अरुणाचल प्रदेश को अपना बताने की भी अमेरिकी सांसदों ने आलोचना की।
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