वास्तविक नियंत्रण रेखा से भले ही भारत और चीन ने अपने-अपने सैनिक हटा लिए हैं, लेकिन अभी भी दोनों देशों को कुछ इंतजार है। इसके बाद ही शांति की स्थापना हो सकेगी।
भारत-चीन के सेैनिकों ने एलएसी पर विवाद सुलझाने के बाद डेमचोक और देपांसग में साझा गश्त शुरू कर दी है। विदेश मंत्रालय के अनुसार डिसइंगेजमेंट का सत्यापन करने और दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए साझा गश्त की जा रही है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि चीन के साथ बातचीत इसलिए संभव हो पाई क्योंकि हर कोई आपके साहस और पराक्रम से परिचित है।
दो दिन पहले रूस के कज़ान में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत हुई थी और दोनों नेताओं ने 62 साल पुराने सीमा विवाद के हल के लिए अपने अपने देश के विशेष प्रतिनिधियों को जल्द मुलाक़ात करके बातचीत करने को कहा था।
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री के नेतृत्व में विदेश मंत्रालय के डेलिगेशन ने संसदीय समिति को इजरायल हमास युद्ध, भारत-चीन समझौते और कनाडा के साथ तनाव के मुद्दों पर जानकारी दी है।
भारतीय सेना के सूत्रों ने जानकारी दी है कि दोनों पक्षों के सैनिक अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति में वापस आ जाएंगे पेट्रोलिंग शुरू करेंगे। हालांकि, फिलहाल ये समझौते केवल देपसांग और डेमचोक के लिए लागू होंगे, अन्य स्थानों के लिए नहीं।
पीएम मोदी-जिनपिंग की वार्ता से दो पड़ोसी देशों और दुनिया के दो सबसे बड़े राष्ट्रों के रूप में भारत-चीन के बीच स्थिर, पूर्वानुमानित और सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों का क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति व समृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। विदेश मंत्रालय ने कहा-यह बहुध्रुवीय एशिया और बहुध्रुवीय विश्व में भी योगदान देगा।
आज पांच साल के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग की मुलाकात हुई....मोदी ने शी जीगपिंग की आंखों में आंख डाल कर कहा कि सीमा पर शान्ति की दिशा भारत और चीन के बीच जो सहमति बनी है....वो उसका स्वागत करते हैं...मोदी ने कहा कि लेकिन वो आज प्रेसीडेंट शी से दोनों देशों के रिश्तों
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से द्विपक्षीय वार्ता के बाद पीएम मोदी ने कहा कि सीमा पर स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। विश्व शांति और स्थिरता के लिए हमारे संबंध जरूरी हैं।
BRICS Summit: रूस में हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन में बुधवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक होने वाली है। भारत के विदेश सचिव ने इस बारे में जानकारी दी है।
भारत और चीन लंबे अरसे बाद सीमा पर तनाव कम करने के लिए एक अहम समझौते पर पहुंचे है। दूसरी ओर AIMIM पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि उन्हें चीन-भारत समझौते के विवरण का इंतजार है।
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर बड़ा अपडेट सामने आया है। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को जानकारी दी है कि दोनों देश तनाव कम करने को लेकर एक समझौते पर सहमत हो गए हैं।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू अपनी चार दिवसीय यात्रा पर भारत आए हैं। मुइज्जू ने आश्वासन दिया है कि उनका देश कभी भी ऐसा कुछ नहीं करेगा जो भारत की सुरक्षा को कमजोर करता हो।
भारत लगातार कहता रहा है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होगी, चीन के साथ संबंध सामान्य नहीं हो सकते। गतिरोध के समाधान के लिए दोनों पक्षों के बीच अब तक कोर कमांडर स्तर की 21 दौर की वार्ता हो चुकी है। भारत, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पर देपसांग और देमचोक इलाकों से सैनिकों को हटाने का दबाव बना रहा है।
बैठक में दोनों देशों के बीच शिड्यूल्ड यात्री उड़ानों की जल्द से जल्द बहाली को बढ़ावा देने के बारे में विचारों के आदान-प्रदान पर ध्यान केंद्रित किया गया।
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव है। दोनों देशों के बीच कई दौर की सैन्य वार्ता भी हो चुकी है। इसके बावजूद अभी तक सीमा विवाद को लेकर कोई ठोस हल नहीं निकला है। भारत-चीन के तनाव भरे रिश्ते पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जापान की राजधानी टोक्यो में खुलकर बात की है।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आसियान शिखर सम्मेलन में चीन के समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की है। इस दौरान भारत-चीन संबंधों में स्थिरता लाने के लिए सीमा विवाद सुलझाने, पूर्व समझौतों का सम्मान करने और डिसइंगेजमेंट को लेकर सहमति बनाई गई।
परमाणु हथियारों के मामले में भारत पाकिस्तान से ज्यादा ताकतवर है। एक रिपोर्ट में ये बात कही गई है। वहीं रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि पहली बार चीन के पास कुछ हथियार हाई ऑपरेशनल अलर्ट पर हैं।
भारत तिब्बती सीमांत व्यापार समिति दाराचुला के अध्यक्ष जीवन सिंह रोंगकाली ने कहा कि दिसंबर, 2022 में चीन तथा नेपाल द्वारा किए गए समझौते का कार्यान्वयन इस साल 25 मई को शुरू हुआ, जब चीन ने पूर्वी नेपाल के डोल्पा जिले में स्थित पियांगी दर्रे को खोल दिया।
चीन भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर बना हुआ है। दोनों पड़ोसियों के बीच व्यापार में मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिक सामान, मशीनरी, रसायन और उर्वरक, लोहा, इस्पात और एल्यूमीनियम, प्लास्टिक और कई छोटे मूल्य वाली वस्तुएं जैसे ग्रूमिंग उत्पाद और टेबलवेयर शामिल हैं।
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