भारत और चीन करीब 4 वर्षों बाद फिर से शांति की राह पर चल पड़े हैं। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की बीजिंग यात्रा ने दोनों देशों के संबंधों में सुधार को गति दे दी है। बृहस्पतिवार को डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच कई बिंदुओं पर सहमति बनी।
भारत और चीन के बीच सीमा मुद्दे को लेकर बीजिंग में दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच एक बड़ी बैठक का आयोजन किया गया है। इस बैठक में भारत के NSA अजित डोवाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने हिस्सा लिया।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग ने बुधवार को बीजिंग में मुलाकात की। उन्होंने 2025 में भारत-चीन के राजनयिक संबंधों 75 साल होने से पहलो दोनों देशों के रिश्तों में सुधार पर जोर दिया।
करीब 4 वर्षों तक जारी भयानक तनाव के बाद अब भारत और चीन के बीच संबंधों का नया अध्याय शुरू हो चुका है। भारत-चीन सीमा पर शांति बहाली और दोनों देशों के रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने के लिए भारत के NSA अजीत डोभाल ने बीजिंग में चीनी विदेश मंत्री के साथ अहम वार्ता शुरू की है।
नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजित डोवल बीजिंग पहुंचे हैं। यहां वह चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ सीमा विवाद को सुलझाने की बातचीत को आगे बढ़ाएंगे।
भारत और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे तनाव को दूर करने की दूसरी कड़ी में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बीजिंग पहुंच गए हैं। वह भारत-चीन के संबंधों को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर आज भारत चीन रिश्ते पर लोकसभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सीमा पर शांति की कोशिश जारी है।
वास्तविक नियंत्रण रेखा से भले ही भारत और चीन ने अपने-अपने सैनिक हटा लिए हैं, लेकिन अभी भी दोनों देशों को कुछ इंतजार है। इसके बाद ही शांति की स्थापना हो सकेगी।
भारत-चीन के सेैनिकों ने एलएसी पर विवाद सुलझाने के बाद डेमचोक और देपांसग में साझा गश्त शुरू कर दी है। विदेश मंत्रालय के अनुसार डिसइंगेजमेंट का सत्यापन करने और दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए साझा गश्त की जा रही है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि चीन के साथ बातचीत इसलिए संभव हो पाई क्योंकि हर कोई आपके साहस और पराक्रम से परिचित है।
दो दिन पहले रूस के कज़ान में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत हुई थी और दोनों नेताओं ने 62 साल पुराने सीमा विवाद के हल के लिए अपने अपने देश के विशेष प्रतिनिधियों को जल्द मुलाक़ात करके बातचीत करने को कहा था।
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री के नेतृत्व में विदेश मंत्रालय के डेलिगेशन ने संसदीय समिति को इजरायल हमास युद्ध, भारत-चीन समझौते और कनाडा के साथ तनाव के मुद्दों पर जानकारी दी है।
भारतीय सेना के सूत्रों ने जानकारी दी है कि दोनों पक्षों के सैनिक अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति में वापस आ जाएंगे पेट्रोलिंग शुरू करेंगे। हालांकि, फिलहाल ये समझौते केवल देपसांग और डेमचोक के लिए लागू होंगे, अन्य स्थानों के लिए नहीं।
पीएम मोदी-जिनपिंग की वार्ता से दो पड़ोसी देशों और दुनिया के दो सबसे बड़े राष्ट्रों के रूप में भारत-चीन के बीच स्थिर, पूर्वानुमानित और सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों का क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति व समृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। विदेश मंत्रालय ने कहा-यह बहुध्रुवीय एशिया और बहुध्रुवीय विश्व में भी योगदान देगा।
आज पांच साल के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग की मुलाकात हुई....मोदी ने शी जीगपिंग की आंखों में आंख डाल कर कहा कि सीमा पर शान्ति की दिशा भारत और चीन के बीच जो सहमति बनी है....वो उसका स्वागत करते हैं...मोदी ने कहा कि लेकिन वो आज प्रेसीडेंट शी से दोनों देशों के रिश्तों
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से द्विपक्षीय वार्ता के बाद पीएम मोदी ने कहा कि सीमा पर स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। विश्व शांति और स्थिरता के लिए हमारे संबंध जरूरी हैं।
BRICS Summit: रूस में हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन में बुधवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक होने वाली है। भारत के विदेश सचिव ने इस बारे में जानकारी दी है।
भारत और चीन लंबे अरसे बाद सीमा पर तनाव कम करने के लिए एक अहम समझौते पर पहुंचे है। दूसरी ओर AIMIM पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि उन्हें चीन-भारत समझौते के विवरण का इंतजार है।
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर बड़ा अपडेट सामने आया है। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को जानकारी दी है कि दोनों देश तनाव कम करने को लेकर एक समझौते पर सहमत हो गए हैं।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू अपनी चार दिवसीय यात्रा पर भारत आए हैं। मुइज्जू ने आश्वासन दिया है कि उनका देश कभी भी ऐसा कुछ नहीं करेगा जो भारत की सुरक्षा को कमजोर करता हो।
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