लोकसभा में जब से मोदी ने 400 सीट जीतने की बात की है. तब से विरोधियों के हाथ पांव फूल गए हैं. चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही मोदी विरोधी इंडी खैमे के तम्बू उखड़ने लगे हैं और अब एक ऐसी ख़बर आ रही है. जिससे मोदी विरोधियों की रही सही उम्मीदों पर भी पानी फिरतना नज़र आ रहा है.
लोकसभा चुनाव से पहले ही विपक्षी इंडिया गठबंधन कमजोर होता दिख रहा है। बिहार, बंगाल, में हुए खेल के बाद अब महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में भी इंडिया गठबंधन को करारा झटका लगा है। जानिए पूरा गणित-
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इस वक्त भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रहे हैं। ये यात्रा 16 फरवरी को उतत्र प्रदेश में प्रवेश करेगी। चंदौली के सैयदराजा स्थित नेशनल इंटर कॉलेज में राहुल गांधी की जनसभा आयोजित की जाएगी।
पीएम मोदी ने कहा कि जो मैंने 10 साल में किया, कांग्रेस को 100 साल लगते। 5 पीढ़ियां गुजर जातीं। भारत हमारे तीसरे टर्म में तीसरी बड़ी इकॉनमी बनेगा और ये मोदी की गारंटी है।
इंडिया टीवी ने पोल के जरिए लोगों के मन की बात जानने की कोशिश की कि क्या नीतीश कुमार के इस्तीफे ने I.N.D.I.A गठबंधन को पूरी तरह से बैकफुट पर धकेल दिया है?
नीतीश कुमार ने INDI अलायंस से बाहर होने के मुद्दे पर भी जवाब दिया है। नीतीश ने कहा कि मैं उनसे गठबंधन के लिए कोई और नाम चुनने का आग्रह कर रहा था, लेकिन उन्होंने पहले ही इसे अंतिम रूप दे दिया था।
मोदी विरोध में बना इंडिया अलायंस आपसी विरोध की राजनीति का ही शिकार होता जा रहा है....बंगाल में ममता बनर्जी ने ऐलानिया तौर पर दूरी क्या बनाई...फिर तो बिछड़े सभी बारी-बारी....पंजाब, बिहार, महाराष्ट्र हर जगह आपसी कलह ने विपक्षी एकता के दावों की हवा निकाल दी.
सीएम केजरीवाल ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार की जनता के साथ धोखा किया है। ED की कारवाई पर केजरीवाल ने कहा कि राम मंदिर को लेकर माहौल बनाया, तो फिर ईडी की जरूरत क्यों आई?
जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार I.N.D.I.A गठबंधन से अलग हो चुके हैं। उन्होंने बीजेपी की अगुवाई वाले NDA से हाथ मिलाकर एक बार फिर बिहार के सीएम पद की शपथ ली है। नीतीश के अलग होने के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A पर हमला बोला है।
राघव चड्ढा ने कहा कि आज जो हमने चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान देखा वह न केवल असंवैधानिक और गैरकानूनी चीज ही नहीं थी बल्कि देशद्रोह है।
गुलाम नबी आजाद ने कहा, इंडिया गठबंधन कांग्रेस पार्टी के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन करने का एकमात्र विकल्प बचा था, लेकिन उसकी गलत नीतियों के कारण यह आगे नहीं बढ़ सका।’’
नीतीश कुमार बीजेपी के साथ आगे भी बने रहेंगे, इस बात की कोई गारंटी नहीं है क्योंकि नीतीश पहले भी अपने बयानों से कई बार पलट चुके हैं। हालांकि, जानकार ये भी कहते हैं कि नीतीश के पास अब ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि वह नीतीश ही थे, जिन्होंने विपक्षी दलों को एकसाथ लाने की प्रक्रिया शुरू की और पार्टियों को पटना में आमंत्रित किया था।
न अब ये तय हो गया कि अगले 24 घंटे में बिहार की सियासत पूरी तरह बदल सकती है..वहीं जहां बिहार में सियासी उठापटक जारी हैं...वहीं यूपी में अखिलेश ने भी खेला करने के बड़े संकेत दे दिए हैं
प्रशांत किशोर समेत कई राजनीतिक विशेषज्ञों ने कहा था कि अगर जेडीयू विपक्षी गठबंधन में रहेगा, तो उसे बिहार में 5 सीटें भी नहीं मिलेंगी। प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि अगर जेडीयू पांच से ज्यादा सीटें जीतेगी, तो वह देश के सामने माफी मांगेंगे।
बिहार में अगले 48 घंटे कुछ बड़ा होने वाला है.. बीते 24 घंटे से चल रहे सियासी ड्रामे का पटाक्षेप अगले 48 घंटे में होने वाला है... बिहार में एक सरकार जाएगी तो दूसरी सरकार आएगी लेकिन नहीं बदलेगा का तो सीएम... सिर्फ बदलेंगे तो सियासी चेहरे और मोहरे... सवाल ये है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि नीतीश ने अपनी ही
इस वक्त पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घर जेडीयू के बड़े नेताओं की मीटिंग हो रही है...मंत्री संजय झा और जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी CM आवास मे मौजूद हैं...ललन सिंह और विजय चौधरी भी मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे हैं...यानी बिहार की राजनीति से ये संकेत आने लगे हैं कि जल्द ही राज्य में बड़
बिहार में सियासी बदलाव की अटकलों ने जोर पकड़ लिया है. सीएम नीतीश कुमार के एनडीए में जाने के कयास लग रहे हैं. इस बीच उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत का बयान आया है.
लोकसभा चुनाव से चंद माह पहले ही विपक्षी एकजुटता में दरार आ गई है। I.N.D.I.A अलायंस से अलग ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। तो आईए यहां जानते हैं कि आखिर ममता ने किन-किन कारणों से अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया?
डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि इंडिया गठबंधन के दो मुख्य विरोधी हैं। पहला बीजेपी और दूसरा अधीर रंजन चौधरी। वह बीजेपी की भाषा बोलते हैं।
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