सीबीडीटी के चेयरमैन ने कहा कि नई कर व्यवस्था के प्रति ‘पर्याप्त आकर्षण’ है और आज तक दाखिल लगभग 66 प्रतिशत आयकर रिटर्न (आईटीआर) नई व्यवस्था के तहत हैं।
आयकर विभाग ने यह साफ किया कि रियल एस्टेट क्षेत्र को अब संपत्ति बिक्री पर इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलेगा। ‘इंडेक्सेशन’ व्यवस्था के तहत घर जैसे निवेश के खरीद मूल्य को इस तरह समायोजित किया जाता है कि ऐसी परिसंपत्तियों पर मुद्रास्फीति का प्रभाव नजर आए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते मंगलवार को अपने बजट भाषण में लंबित अपीलों के निपटान के लिए योजना शुरू करने का प्रस्ताव रखा। टैक्स चुकाने वालों के लिए यह योजना राहत लेकर आएगी।
आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ ने कहा कि कुल टैक्सपैयर्स में से दो-तिहाई यानी लगभग 68 प्रतिशत नई टैक्स व्यवस्था में आ गए हैं, दूसरी पुरानी टैक्स व्यवस्था में है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यू टैक्स रिजीम में बदलाव किया है। इसके बाद ओल्ड या न्यू में किसे चुनना फायदेमंद रहेगा?
मोदी 3.0 का पहला बजट 23 जुलाई 2024 को लोकसभा में पेश किया गया। बजट को लेकर मिडिल क्लास के लोग बजट पर अपनी आंखें गड़ाए हुए थे। लेकिन नया इनकम टैक्स रिजीम देखकर मिडिल क्लास की तो हवा ही निकल गई। एक बार फिर वह इस बजट से निराश हुए। ऐसे में सोशल मीडिया पर बजट को लेकर मीम्स के जरिए मिडिल क्लास अपना दुख-दर्द बयां किया।
10 से 12 लाख की आय पर 15 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा होगा। वहीं 12 से 15 लाख के आय पर 20 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा। 15 लाख से अधिक के इनकम पर 30 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा। हालांकि, ओल्ड टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
यह फंड सैलरीड क्लास और स्वरोजगार वालों के लिए टॉप निवेश विकल्पों में से एक हैं। यह आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत टैक्स कटौती के लिए पात्र एकमात्र म्यूचुअल फंड हैं। निवेशक अलग-अलग टैक्स बचत विकल्पों में निवेश करके ₹1.5 लाख तक की कटौती का दावा कर सकते हैं।
आखिरी तारीख का इंतजार करने से बचते हुए जितनी जल्दी हो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर देना चाहिए। जानकारों का कहना है कि ऑनलाइन इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले कुछ जरूरी होमवर्क पहले कर लेना चाहिए।
अगर आप नई टैक्स व्यवस्था के बजाय पुरानी टैक्स व्यवस्था को चुनना पसंद करते हैं, तो आपको अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने से पहले फॉर्म 10IEA जमा करना आवश्यक है।
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। आप आखिरी तारीख का इंतजार न करें, जितनी जल्दी हो इसे फाइल कर लें, ताकि किसी तरह के करेक्शन की स्थिति में आपको मौका मिल सके।
अगर आपका इनकम टैक्स रिफंड न आए तो परेशान न हों। आयकर विभाग ने इसका भी सॉल्यूशन दिया है। आप रीइश्यू के लिए ऑनलाइन रिक्वेस्ट डाल सकते हैं। रिफंड के फेल होने के पीछे गलत बैंक डिटेल (खाता संख्या, एमआईसीआर कोड, आईएफएससी कोड, नाम बेमेल आदि) और अकाउंट होल्डर का केवाईसी पेंडिंग होना भी हो सकता है।
Income tax return filing 2024 : निवासी और साधारण रूप से निवासी व्यक्ति आईटीआर-1 दाखिल कर सकते हैं। सभी स्रोतों से उनकी कुल आय ₹50 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
टैक्स की बचत करने के कई ऑप्शन हैं। कुछ निवेश कर तो कुछ साधन ऐसे हैं जिसमें बिना निवेश किए टैक्स बचाने के अवसर देते हैं। आप अपनी सहूलियत और क्षमता के हिसाब से टैक्स बचाने का अपना फैसला कर सकते हैं।
बजट 2024 में न्यू टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाए जाने की उम्मीद है। सरकार न्यू टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए इसे बढ़ाने पर विचार कर सकती है।
एमपी में अब तक मंत्रियों का इनकम टैक्स सरकार ही जमा करते आई थी लेकिन सीएम मोहन यादव के इस फैसले के बाद अब इनकम टैक्स का भुगतान मंत्री खुद करेंगे। इस फैसले के बाद सरकारी खाते में राशि की बचत होगी।
टैक्स एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर किसी टैक्स पेयर की कुल सालाना आय, इनकम टैक्स की छूट सीमा से अधिक है तो उसके लिए रिटर्न फाइल करना जरूरी है।
अगर आप मेडिकल इंश्योरेंस खरीदते हैं, तो आप आयकर अधिनियम की धारा 80D के तहत भुगतान किए गए प्रीमियम के लिए 25,000 रुपये की कटौती का दावा कर सकते हैं।
अगर आप ओल्ड टैक्स रिजीम चुनने से चूक जाते हैं तो बाई-डिफॉल्ट न्यू टैक्स रिजीम अपना ली जाएगी। हालांकि, न्यू टैक्स रिजीम में HRA, LTA, धारा 80C, 80D, आदि जैसी छूट का लाभ नहीं मिलता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी, आवर्ती जमा यानी आरडी या किसी दूसरे ब्याज अर्जित होने वाले निवेश साधनों से हुई ब्याज आय पर टीडीएस से छूट का रिक्वेस्ट करने पर यह फॉर्म जमा करना होता है।
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