बाजार मूल्य से कम कीमत पर प्रॉपर्टी खरीदने वालों को भी मिली राहत
2020-21 के बजट में नई कर आयकर व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है
2019-20 के टैक्स छूट के लिए निवेश की अंतिम समय सीमा बढ़कर 31 जुलाई 2020 हुई
गलत जानकारी भरने पर या जानकारी न देने पर पड़ सकता ही पेनल्टी
इस अधिसूचना में कहा गया है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र को दिए जाने वाले प्रत्येक दान पर आयकर छूट प्रदान की जाएगी।
CBDT ने साफ किया कि किसी भी अधिकारी को ऐसी रिपोर्ट बनाने का निर्देश नहीं दिया गया था
विभाग के मुताबिक ये ईमेल उत्पीड़न नहीं है, जवाब देने से रिफंड की प्रक्रिया होगी तेज
नए टैक्स स्लैब में 2.5 लाख तक सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वहीं 2.5 लाख से 5 लाख तक की सालाना आय पर 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा।
आयकर विभाग के मुताबिक वो कुल 18,000 करोड़ रुपये का रिफंड करेगी
इनकम टैक्स अधिकारी ने इस मामले में शुक्रवार को को कहा कि विभाग कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को पार्टी के वित्तिय लेनदेन से जुड़ी कर चोरी की जांच के सिलसिले में तलब किया है।
चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमान 18.50 लाख करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्तियों के आधार पर लगाया गया है, जो बजट में अनुमानित 19.62 लाख करोड़ रुपए से कम है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि दूसरी वैकल्पिक आयकर व्यवस्था को पेश करने का मकसद देश को एक ‘सरल, छूट रहित और कम कर दरों’ वाली व्यवस्था की ओर ले जाना है।
आयकर विभाग ने आयकर दाताओं के लिए एक खास ई कैलकुलेटर लॉन्च किया है।
आयकर विभाग ने ओडिशा के एक मजदूर से 2.59 लाख रुपये का टैक्स भरने के लिए कहा है।
सालाना 13 लाख रुपए अथवा इससे अधिक की कमाई करने वाले व्यक्ति को प्रस्तावित नए कर ढांचे में 1.43 लाख रुपए का कर देना होगा, जबकि मौजूदा पुरानी व्यवस्था में उसकी 1.48 लाख रुपए की कर देनदारी बनेगी।
सालाना 13 लाख रुपए से अधिक वेतन और विभिन्न निवेश उपायों के जरिये दो लाख रुपए तक की कटौती पाने वाले व्यक्तियों को प्रस्तावित नई कर व्यवस्था अपनाने से कर भुगतान में लाभ हो सकता है।
वित्त मंत्री ने पत्रकारों से कहा कि अगले कुछ महीने में बड़े विनिवेश होने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2020- 21 में 2.10 लाख करोड़ रुपए का विनिवेश लक्ष्य हासिल होने की भी उम्मीद है।
सालाना 5 से 7.5 लाख रुपए पर 10 प्रतिशत सालाना 7.5 लाख से 10 लाख रुपए 15 प्रतिशत
अर्थव्यवस्था में जारी नरमी के कारण चालू वित्त वर्ष में कर से प्राप्त राजस्व लक्ष्य की तुलना में दो लाख करोड़ रुपए कम रह सकता है। इसके कारण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पास बजट में व्यक्तिगत आयकर में कटौती के विकल्प सीमित हो गये हैं।
टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) को लेकर सरकार ने नियमों में बदलाव किया है।सीबीडीटी ने सर्कुलर जारी करते हुए कर्मचारियों को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 206-AA के तहत अपने नियोक्ता को पैन और आधार नंबर देना अनिवार्य कर दिया है।
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