पांच जनवरी तक 2.7 करोड़ से अधिक आईटीआर-1 भरे गये जो पांच सितंबर, 2019 तक भरे गये 3.1 करोड़ के मुकाबले कम है। वहीं आईटीआर-4 के संदर्भ में पांच जनवरी तक 1.16 करोड़ रिटर्न भरे गये जो पांच सितंबर, 2019 तक 1.28 करोड़ थे।
योजना के तहत मिल रहे आवेदनों और दिसंबर में आवेदनों में तेजी को देखते हुए सरकार ने इसकी समय सीमा एक महीने बढ़ाकर 31 जनवरी कर दी थी। योजना का लाभ उठाने वाली कंपनियां जेसे ही बकाया कर का भुगतान करती है, उनके खिलाफ लंबित मामले को वापस ले लिया जाता है
आयकर विभाग ने साफ किया कि आयकरदाताओं को रिटर्न दी गई तारीख तक भरना है हालांकि आधार ओटीपी या दूसरे माध्यम के जरिए ई-वेरिफिकेशन रिटर्न फाइल करने के 120 दिनों तक किया जा सकता है।
आयकर रिटर्न में से 2.38 करोड़ करदाताओं ने आईटीआर-1 दाखिल किया है, 92.26 लाख ने आईटीआर-4, वहीं, 51.05 लाख से अधिक ने आईटीआर-3 और 31.09 लाख से अधिक करदाताओं ने आईटीआर-2 जमा कराया है।
आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख करीब आने पर आयकर विभाग ने रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाने के लिए 'झटपट प्रोसेसिंग' शुरू की है।
पंजाब में आढ़तियों ने आयकर विभाग के छापे के खिलाफ मंगलवार को चार दिनों की हड़ताल शुरू की। आढ़तियों का आरोप है कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के चलते उन्हें धमकाने के लिए आयकर विभाग ने यह कार्रवाई की है।
आयकर विभाग के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अब तक कुल 2.17 करोड़ करदाताओं ने आईटीआर-1, 79.82 लाख ने आईटीआर-4, 43.18 लाख ने आईटीआर-3 और 26.56 लाख ने आईटीआर-2 दाखिल किया है।
रिहायशी रियल एस्टेट सेक्टर को प्रोत्साहन देने के लिए, सरकार ने 2 करोड़ रुपए मूल्य तक की आवासीय इकाई की पहली बार की बिक्री के लिए सर्कल रेट और समझौता मूल्य के बीच अंतर को बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है
केंद्र सरकार के अलावा अन्य सभी कर्मचारियों को एलटीसी किराये के बराबर किए जाने वाले नगद भुगतान पर आयकर छूट प्रदान की जाएगी। गैर-केंद्र सरकार कर्मचारियों में राज्य सरकारों, पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज, बैंक और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी शामिल होते हैं।
स्कीम के लिए अंतिम तारीख को 3 महीने बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया है। पहले इस स्कीम की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2020 की थी, हालांकि अब ये तारीख बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दी गई है। इस स्कीम के तहत करदाता कोई भी अतिरिक्त भुगतान के बिना अपने पुराने टैक्स विवाद का निपटारा कर सकता है।
व्यक्तिगत करदाताओं के लिये वित्त वर्ष 2019-20 का आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की समय-सीमा एक महीने बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी गयी है। वित्त मंत्रालय ने शनिवार को इसकी घोषणा की।
आयकर सर्वे के लिए अधिकारी करदाताओं के ठिकानों पर जा कर उनके लेखा खातों, इलेक्ट्रानिक साधनों में रखी गई सूचनाओं को खंगालते हैं। सीबीडीटी के अनुसार यह कदम तभी उठाया जाना चाहिये जब ब्योरा हासिल करने, आनलाइन रिकवरी जैसे अन्य सभी तरीके अपनाये जा चुके हों और उनसे कुछ हासिल नहीं हो सका।
सीबीडीटी ने ट्विटर पर लिखा है कि सीबीडीटी ने एक अप्रैल से 13 अक्टूबर के बीच 38.11 लाख करदाताओं को 1,23,474 करोड़ रुपए के रिफंड जारी किए।
पैन कार्ड और आधार कार्ड की डिटेल्स ऑफिस से छिपाने या न देने पर आपका तगड़ा नुकसान हो सकता है।
टैक्स चोरी और कैश छुपाने पर लगाम लगाने के लिए आयकर विभाग ने नियमों को सख्त कर दिया है। अगर आप अपने धन को लेकर विभाग के अधिकारियों को संतुष्ट नहीं कर सके तो आप पर 83.25 फीसदी टैक्स लग सकता है। इसमें 60 फीसदी टैक्स 25 फीसदी का सरचार्ज और 6 फीसदी की पेनल्टी शामिल हैं।
आयकर विभाग ने आज एक बार फिर से कहा है कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न भरने की तारीख 30 नवंबर कर दी गई है।
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस चेहरारहित (फेसलेस) अपील प्रणाली में सभी आयकर अपील को करदाता और कर अधिकारी के ‘आमने-सामने’ आये बिना अंतिम रूप दिया जायेगा।
इस विधेयक में आय छिपाने, परिशोधन, संशोधन, नोटिस जारी करने इत्यादि के लिए फेसलैस आकलन का प्रस्ताव किया गया है।
वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में प्रत्यक्ष कर संग्रह 22.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,53,532 करोड़ रुपए रहा है।
‘आयकर रिटर्न फॉर्म में किसी तरह के बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं’
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