CBDT ने स्पष्ट किया है कि 1 जुलाई से आयकर रिटर्न दाखिल करने और नया स्थायी खाता संख्या (PAN) हासिल करने के लिये आधार नंबर का उल्लेख करना जरूरी होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि जिनके पास आधार नहीं है वो पैन कार्ड के साथ ही अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते है।
आयकर विभाग ने सभी श्रेणियों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) की ई-फाइलिंग के लिए सभी फॉर्म अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध करवा दिए हैं।
केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2017 तक पैन कार्ड को आधार नंबर से लिंक करवना अनिवार्य कर दिया है। ऐसे नहीं करने पर आपके पैन नंबर को रिजेक्ट किया जा सकता है।
ITR दाखिल करने के लिए PAN का आधार से लिंक करना कर दिया गया है। समस्याओं को देखते हुए अब OTP के जरिए या PAN कार्ड की स्कैन्ड कॉपी की व्यवस्था की गई है।
नोटबंदी की अवधि के दौरान किसी तरह के लोन या क्रेडिट कार्ड के बिल के भुगतान के लिए दी गई 2 लाख रुपए या उससे अधिक नकद राशि को ITR फॉर्म में दिखाना होगा।
करदाता और टैक्स अधिकारियों के बीच आयकर विभाग से संबंधित प्रक्रियाएं अब ऑनलाइन ही होंगी। सीबीडीटी ने कहा कि यह नई व्यवस्था नए वित्त वर्ष से लागू हो रही है।
इनकम टैक्स विभाग ने शनिवार को आकलन वर्ष 2017-18 के लिए चुनिंदा इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) के लिए ई-फाइलिंग की सुविधा शुरू कर दी है।
सरकार ने शुक्रवार को व्यक्तिगत करदाताओं के लिए निर्धारण वर्ष 2017-18 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने के लिए नया और आसान फॉर्म अधिसूचित किया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार की वेलफेयर योजनाओं के लिए आधार को अनिवार्य नहीं किया जा सकता जबकि हाल ही में सरकार ने 36 योजनाओं के लिए इसे अनिवार्य किया था।
50 लाख रुपए तक सालाना आय वाले नौकरीपेशा लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न भरने में अब परेशानी नहीं होगी। सरकार सिर्फ 1 पेज का इनकम टैक्स रिटर्न ला रही है।
मोदी सरकार पूरे फाइनेंशल सेक्टर में आधार आधारित KYC को इंटीग्रेट करने पर विचार कर रही है। इसलिए जल्द PAN कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य हो जाएगा।
एक जुलाई से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने और नया पैन कार्ड बनवाने के लिए आधार जरूरी होगा। इसके बगैर न तो टैक्स रिटर्न फाइल होगा और न ही पैन नंबर बनेगा।
राधा मोहन सिंह ने कहा कि नोटबंदी के बाद 18 लाख लोगों द्वारा जमा किए गए इनकम टैक्स रिटर्न में विसंगतियों की जांच के लिए एक नई एजेंसी बनाने की योजना है।
तय समय के बाद अगर कोई इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करता है तो लेट फीस के तौर पर 5,000 रुपए भरने होंगे। 31 दिसंबर के बाद यह लेट फीस 10,000 रुपए होगी।
पिछले तीन साल के दौरान 76 लाख से अधिक नए लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करनी शुरू की है। व्यक्तिगत रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 3.65 करोड़ हो गई।
व्यक्तिगत करदाताओं में से ज्यादातर ने आकलन वर्ष 2012-13 के लिए अपनी सालाना आय 5.5 से 9.5 लाख रुपए दिखाई है।
देश में 2.89 करोड़ आयकरदाताओं में से केवल 14 लाख करदाता ने आंकलन वर्ष 2012-13 में 10 लाख रुपए से अधिक की आय की घोषणा की। उन्होंने 30% की दर से भुगतान किया।
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